कलेक्टर ने लिया व्यवस्था का जायजा, गणपति मंडपम मेंं श्रद्धालुओं को दर्शन कराने पर जोर
उज्जैन। श्री महाकालेश्वर मंदिर में आगामी 11 मार्च को शिवरात्रि पर्व मनाया जाएगा। जिसमें ऑनलाइन बुकिंग के माध्यम से केवल 25000 श्रद्धालुओं को ही प्रवेश दिया जाएगा। लेकिन बुकिंग खुलने के पहले ही दिन 5 मार्च को 13500 सीटें कब फुल हो गईं। किसी को भी मालूम नहीं पड़ा। शुक्रवार को कलेक्टर ने दर्शन व्यवस्था के लिए गणपति मंडपम में ज्यादा श्रद्धालुओं को प्रवेश देने पर मंथन किया।
जिला प्रशासन ने महाकाल के आंगन में 11 मार्च को मनाया जाने वाला महाशिवरात्रि पर्व को लेकर सवा लाख श्रद्धालुओं को प्रवेश देने की घोषणा की थी। लेकिन जिला क्राइसेस मैनेजमेंट की बैठक के बाद इसको कम कर केवल 25000 श्रद्धालुओं को ही महाशिवरात्रि पर्व के दौरान ऑनलाइन बुकिंग कराने पर सहमति बनी थी। 5 मार्च को पहले दिन कब ऑनलाइन बुकिंग खोल दी गई, किसी को मालूम ही नहीं पड़ा और 9 स्लाटों के लिए 13500 ऑनलाइन बुकिंग फुल हो गईं। अब 12 मार्च दोपहर की होने वाली भस्मारती की आनलाइन बुकिंग खुली हुई है। जिसमें शाम 8 बजे तक किसी ने भी बुकिंग नहीं कराई थी।
ज्ञातव्य रहे कि केवल 25000 श्रद्धालुओं को ही ऑनलाइन बुकिंग के माध्यम से महाकाल दर्शन करने की अनुमति मिलेगी। इनमें से आधी से अधिक सीटें बुकिंग मिलने के पहले ही दिन फुल हो गईं। अब केवल दोपहर की भस्मारती के दिन वाली बुकिंग खुली हुई है। जोकि आज 6 मार्च को ही फुल हो जाएगी।
केवल 13500 को दी जा रही अनुमति
पहले बताया जा चुका है कि ऑनलाइन बुकिंग में पूर्व में 63000 अनुमति कर दी गईं थी जो कि बाद में कम कर प्रतिदिन 12000 कर दी गई है। इसके पूर्व प्रतिदिन 28000 श्रद्धालुओं को ऑनलाइन बुकिंग प्रतिदिन दी जा रही थीं जो कि बंद कर 12000 पर आंकड़ा फिक्स कर दिया गया है। लेकिन शिवरात्रि पर्व के लिए दो दिन के लिए 27000 श्रद्धालुओं को अनुमति प्राप्त होगी। मामला वही कोरोना संक्रमण से जुड़ा हुआ है। कोरोना को लेकर फिर से मंदिर में सख्ती दिखाई जा रही है। इसका प्रभाव तीज त्योहारों पर पड़ रहा है।
भक्तों को देर तक दर्शन हों-कलेक्टर
शुक्रवार को कलेक्टर आशीष सिंह, एडीएम और मंदिर प्रशासक नरेंद्र सूर्यवंशी, उज्जैन विकास प्राधिकरण सीईओ सुजान सिंह रावत, स्मार्ट सिटी सीईओ जितेंद्र सिंह, पुजारी प्रदीप गुरु और आशीष गुरु द्वारा दर्शन व्यवस्था को लेकर गणपति मंडपम का निरीक्षण किया गया। कलेक्टर ने पालकी द्वार पर खड़ी भीड़ को देखकर एडीएम श्री सूर्यवंशी से गणपति मंडपम की सबसे पीछे की रैलिंग से श्रद्धालुओं को प्रवेश देने की बात कही और कहा कि इससे श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल के कई बार दर्शन हो सकेंगे। उनके निकट से दर्शन करने की जिज्ञासा समाप्त होगी। कलेक्टर ने कातिकेय मंडपम से निकलने के बाद कोटितीर्थ कुंड का भी निरीक्षण किया।