प्राइवेट गोडाउन में मिला, एडीएम ने मारी रेड, कालाबाजारी की आशंका
रतलाम, अग्निपथ। रतलाम में यूरिया की कालाबाजारी का मामला सामने आया है। जिले के सरकारी वेयर हाउस से झाबुआ के मेघनगर के लिए निकला 80 मैट्रिक टन यूरिया शहर के एक प्राइवेट गोदाम में पाया गया। इस बात की जानकारी मिलते ही प्रशासन ने गुरुवार दोपहर को गोदाम पर छापा मारा।
रतलाम के धौंसवास स्थित श्री राम वेयर हाउस से बुधवार शाम तीन ट्रकों में कुल 80 मैट्रिक टन यूरिया 1790 बैग में लोड किया गया। इन ट्रकों को मेघनगर जाना था, लेकिन वे रतलाम के दिलीप नगर में एक गोदाम में खाली कर दिए गए। एक ट्रक बुधवार शाम को खाली किया गया, जबकि दो ट्रक गुरुवार सुबह खाली किए गए।
गुरुवार दोपहर जब कलेक्टर राजेश बाथम को जानकारी मिली, तो उन्होंने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। अपर कलेक्टर डॉ. शालिनी श्रीवास्तव, एसडीएम अनिल भाना और सीएसपी सत्येंद्र घनघोरिया ने दोपहर में गोदाम पर छापा मारा और वहां यूरिया बरामद किया। गोदाम में अन्य फर्टिलाइजर भी मिले।
गोदाम संचालक- ट्रांसपोर्टर का फोन आया था
प्रशासन ने जब गोडाउन संचालक से इस बारे में जानकारी ली तो उन्होंने तर्क दिया कि ट्रकों में खराबी होने के कारण ट्रांसपोर्टर ने यहां उतारे है। संचालक पवन जैन ने बताया कि ट्रांसपोर्टर का फोन आया था कि ट्रकों में खराबी है। गोदाम में जगह होने पर उन्होंने यूरिया रखवा लिया। उन्होंने बताया कि उनका यूरिया से कोई लेना-देना नहीं है। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि एक साथ तीन ट्रक कैसे खराब हो सकते हैं। अधिकारियों ने यूरिया बैग की गिनती की और पंचनामा बनाया।
जांच के दायरे में कई लोग
अधिकारियों के अनुसार, सरकारी वेयर हाउस, ट्रांसपोर्टर और प्राइवेट गोदाम संचालक से पूछताछ की जा रही है। अधिकारियों को शक है कि कालाबाजारी के इस खेल में सरकारी वेयर हाउस के कर्मचारी भी शामिल हो सकते हैं। हालांकि, अभी इस बारे में कोई भी अधिकारी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है।
मेघनगर की बिल्टी
जिन ट्रकों में यूरिया लोड हुआ था वह रतलाम के अरिहंत ट्रांसपोर्ट से हुआ था। यूरिया की बिल्टी भी मेघनगर सोसायटी में खाली होनी की थी। अधिकारी राज्य विपणन संघ के अधिकारियों को बुलाकर भी जांच की बात कह रहे है।
एडीएम बोले- जांच की जा रही है
अपर कलेक्टर डॉ. शालिनी श्रीवास्तव ने बताया कि सरकारी वेयर हाउस से निकले यूरिया का कंसाइनमेंट मेघनगर का था। बिल्टी भी मेघनगर की मिली है। मेघनगर नहीं ले जाते हुए इसे अवैध रूप से प्राइवेट गोदाम में पाया गया है। कुछ अन्य फर्टिलाइजर भी मिले हैं। मार्फेट वालों को बुलाया गया है। जांच की जा रही है।
इस घटना से कई सवाल खड़े होते हैं, जैसे कि:
- क्या सरकारी वेयर हाउस के कर्मचारियों की मिलीभगत से यह कालाबाजारी हो रही थी?
- क्या इस कालाबाजारी में और भी लोग शामिल हैं?
- किसानों को मिलने वाला यूरिया इस तरह कालाबाजारी में क्यों बेचा जा रहा है?
इन सभी सवालों के जवाब जांच के बाद ही मिल पाएंगे।