नेपाल विक्रम संवत को राष्ट्रीय कैलेंडर मानने वाला दुनिया का पहला देश

विक्रमोत्सव में अंतराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का शुभारंभ करने आये नेपाल के राजनयिक थापा ने कहा, वे उज्जैन आकर बेहद खुश

उज्जैन, अग्निपथ। विक्रमोत्सव के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय पौराणिक फिल्म महोत्सव शुक्रवार से शहर में शुरू हुआ। कालिदास संस्कृत अकादमी के संकुल हॉल में आयोजित कार्यक्रम में कई देशों के राजनयिक शामिल हुए। नेपाल के राजनयिक रवींद्र जंग थापा ने कहा कि विक्रमादित्य के महानगर उज्जैन में आकर प्रसन्नता हुई है। नेपाल विक्रम संवत को राष्ट्रीय कैलेंडर के रूप में मानने वाला दुनिया का पहला देश है।

पांच दिवसीय समारोह में फिजी गणराज्य के उच्चायुक्त जगन्नाथ सामल, दक्षिण अफ्रीकी उच्चायोग की रामसेला एवलिन और लेसोथो उच्च आयोग से बोहलोकिमोरोजेल व मोत्सेलिसी बनार्डेटो फात्सिमो मोखोथो उपस्थित थे। अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

अतिथियों का स्वागत महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी, विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज, राजेश सिंह कुशवाह ने किया। कार्यक्रम के पश्चात अतिथियों ने भारतीय ऋषि वैज्ञानिक परंपरा पर केन्द्रित प्रदर्शनी आर्ष भारत का अवलोकन भी किया।

लेसेथो-भारत के बीच मजबूत सांस्कृतिक संबंध

समारोह को संबोधित करते हुए अफ्रीकी देश लेसेथो देश कि राजनयिक मोत्सेलिसी बनार्डेटो फात्सिमो मोखोथो ने कहा की लेसेथो और भारत के बीच सांस्कृतिक संबंध बहुत मजबूत है और इस तरह के फिल्म समारोह के माध्यम से हम चाहेंगे कि दोनों देश एक दूसरों की संस्कृतियों से परिचित हो।

रामायण, महाभारत, गीता फिजीवासियों के दिल में

फिजी गणराज्य के उच्चायुक्त एच.ई. जगन्नाथ सामल ने कहा कि भारत और फिजी का रिश्ता सदियों पुराना है। हमारे देश की आदि से अधिक आबादी भारतवंशियों की है। रामायण, महाभारत और गीता आज भी फिजी के भारतवंशियों के श्रद्धा के केंद्र में है। यह वह विरासत है जो हमारे पूर्वज इस देश से अपने साथ लेकर आए थे।

विक्रम उत्सव में 30 को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु के उज्जैन आने की संभावना

उज्जैन, अग्निपथ। नव वर्ष विक्रम संवत के तहत 30 मार्च को शिप्रा नदी में होने वाले मुख्य कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के आने की संभावना जताई जा रही है। जिला प्रशासन ने इसकी पुष्टि तो नहीं की है लेकिन जिन कार्यक्रमों में राष्ट्रपति के पहुंचने की संभावना है, वहां व्यापाक स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है।

विक्रम उत्सव का मुख्य आयोजन शिप्रा नदी पर होता है। जहां पर इस बार अब तक का सबसे बड़ा मंच बनाया जा रहा है। शुक्रवार को कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने मंच बनाने के काम का पूजन किया। इस बार 80 फीट लंबा मंच बनाया जा रहा है। इसके अलावा रामघाट और दत्त अखाड़ा पर वीआईपी मंच भी बनाया जा रहा है।

मंच अब तक का सबसे बड़ा होगा और राष्ट्रपति के प्रोटोकाल के मुताबिक बन ाया जा रहा है। मुख्य समारोह के लिए शुक्रवार से मंच निर्माण का काम शुरू कर दिया गया है। यह काम दीपक शर्मा को सौंपा गया है। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने विक्रमादित्य शोधपीठ निदेशक श्रीराम तिवारी, निदेशक और पुराविद् डॉ. रमण सोलंकी, नरेश शर्मा आदि के साथ मंच निर्माण का पूजन किया।

विक्रम विवि के दीक्षांत समारोह सहित अन्य कार्यक्रमों में भी शामिल होने की संभावना

राष्ट्रपति मुर्मू कार्यक्रम के दौरान विक्रम विश्व विद्यालय के दीक्षांत समारोह में भी शामिल हो सकती हैं। इस समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को मानद उपाधि प्रदान की जाना है। इसके अलावा राष्टपति के वैदिक घड़ी के नए एप और महाराजवाड़ा हेरिटेज होटल का लोकार्पण किये जाने की भी संभावना है। कोठी पैलेस पर वीर भारत संग्रहालय का भूमिपूजन भी प्रस्तावित है। राष्ट्रपति का तय कार्यक्रम अभी प्रशासन को नहीं मिला है।

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