राज्य आनंद संस्थान एवं म.प्र. जन अभियान परिषद के बीच हुआ एम.ओ.यू.
उज्जैन, अग्निपथ। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सुख और दु:ख मनुष्य के जीवन से उसी तरह जुड़े हैं, जैसे दिन के बाद रात। सुख-दुख जीवन के अभिन्न अंग हैं। लोक कल्याणकारी राज्य का प्रथम कर्तव्य है कि वह अपने नागरिकों के जीवन में खुशहाली लेकर आये। हमारी सरकार इसी दिशा में कार्य कर रही है। सबका कल्याण ही हमारा मूल लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि त्याग, तप, साधना, बलिदान, असंचय, अपरिग्रह और निस्वार्थ सेवा भाव से मन की शांति ही सुख है। प्रकृति के सानिध्य में जब मन, परमात्मा के भावों में लीन हो जाता है, तब ही तादात्म्य ही सच्चा सुखानंद प्राप्त होता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गत दिनों भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आनंद विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय नेशनल हैप्पीनेस कार्यशाला को संबोधित करते हुए ये विचार व्यक्त किए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेशवासियों के जीवन में सुख-समृद्धि लाने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि प्रदेश के सभी नागरिकों के जीवन में उल्लास भरने के लिए हमारी सरकार जी-जान से जुटी है।
कार्यक्रम में म.प्र. जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष (राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त) डॉ. मोहन नागर, श्री रामकृष्ण मिशन, बेलूर मठ, कोलकाता से आए स्वामी श्री समर्पणानन्द जी, पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश अरोड़ा, आईआईएम इंदौर के पूर्व निदेशक डॉ. एन. रविचन्द्रन, प्रमुख सचिव, आनंद विभाग राघवेन्द्र कुमार सिंह, राज्य आनंद संस्थान के सीईओ श्री आशीष कुमार गुप्ता सहित बड़ी संख्या में सुधिजन एवं आनंदक उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के हर नागरिक के जीवन में हर्ष, आनंद और खुशहाली लाना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार जनहितैषी योजनाओं के माध्यम से प्रदेश के हर वर्ग को लाभान्वित कर रही है। नागरिकों के जीवन में खुशहाली और संतोष ही हमारी सबसे बड़ी सफलता है।
उन्होंने कहा कि कष्ट सहकर भी जीवन देने का सुख पाये, वो है माता और साधक बनकर भी जीवन का असीम सुख पाये वो है सन्यासी। कष्ट में भी सुख है, इसलिए जीवन का मर्म समझिए कि परमात्मा ने हम सबको आनंद में जीवन जीने के लिए इस धरा पर भेजा है, इसलिए जीवन को आनंदमय होकर ही जियें।
जल संरक्षण का संकल्प लें-मुख्यमंत्री डॉ. यादव
उज्जैन, अग्निपथ। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विश्व जल दिवस पर सभी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर सभी से जल संरक्षण के लिए संकल्प लेने का आव्हान किया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जल से ही हमारा कल सुरक्षित है। यह प्रकृति का अमूल्य उपहार है, जिसका संरक्षण और संवर्धन करना हम सभी की जिम्मेदारी है। आइए, हम सब मिलकर जल संसाधनों की सुरक्षा का संकल्प लें और एक समृद्ध भविष्य की ओर कदम बढ़ाएं।
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से जल बचाने के लिए जागरूक रहने और जल संरक्षण के सभी उपाय अपनाने की अपील की है। जल संकट की गंभीरता को उजागर करने और इसके संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिये प्रत्येक वर्ष 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार भी इस वर्ष आगामी 30 मार्च से जल गंगा संवर्धन अभियान प्रारंभ करने जा रही है। जल संरक्षण में जन सहभागिता बढ़ाने और अधिकाधिक जल संरचनाओं के निर्माण की मूल मंशा से जुड़ा यह अभियान (लगातार 90 दिनों तक संचालित होकर) 30 जून 2025 तक चलेगा। इस अवधि में जल बचाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।