होटल-रेस्टोरेंट में पनीर-दही-पराठे खाकर रोज बीमार हो रहे हैं दर्शनार्थी
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर के आसपास भोजन और फास्टफुड की सैकड़ों दुकानें लग गई हैं। लेकिन यहां मिल रहा भोजन शुद्ध नहीं है, इसी का परिणाम है कि मंदिर दर्शन करने आ रहे अधिकतर दर्शनार्थी यहां का खाना खाकर बीमार हो रहे हैं।
आप उज्जैन आये हैं तो और होटल या किसी रेस्टोरेंट गए हैं तो मिल्क प्रोडक्ट से जुड़े आइटम मसलन पनीर, दही से जुड़े आइटम मंगाने से थोड़ा परहेज करिएगा। वरना ये आपकी सेहत पर बुरा असर डाल सकते हैं। इसके अलावा फास्ट फुड व अन्य खाद्य पदार्थ भी दूषित मिल सकते हैं। महाकाल मंदिर के आसपास की दुकानों पर मिल रहे दूषित भोजन का परिणाम मंदिर के अस्थाई अस्पताल में आने वाले मरीज बता रहे हैं।
रोज 10 मरीज फुड पाइजनिंग के
एक आंकड़े के मुताबिक फरवरी, मार्च महीने में रोज करीब १० मरीज यहां फुड पाइजनिंग से जुड़े आये हैं, जिन्होंने मंदिर के आसपास ही भोजन किया था। इन मरीजों को उल्टी, दस्त, पेटदर्द आदि की शिकायतें थी। जिनका प्राथमिक इलाज मंदिर में स्थित अस्थाई अस्पताल में किया गया है। फरवरी और मार्च महीने में महाशिवरात्रि, होली व अवकाश के दिनों में काफी संख्या में दर्शनार्थी महाकाल मंदिर पहुंचे थे। इन लोगों ने मंदिर के आसपास स्थित दुकानों पर ही भोजन व फास्ट फुड खाया था। जो कि इनके सेहत के लिये नागवार रहा।
फरवरी में ही फेमस रेस्टोरेंट पर हुई थी कार्रवाई
फरवरी में बाहर से आये श्रद्धालु हितेश गुप्ता अपने परिवार के साथ महाकाल मंदिर दर्शन के लिए आए थे। दर्शन के बाद उन्होंने मंदिर के पास स्थित कुल्चा लाल परांठा दास रेस्टोरेंट में भोजन किया। भोजन के दौरान जब उन्होंने कुलचा तोड़ा, तो उसमें कांच का टुकड़ा देखकर वे चौंक गए। उन्होंने तुरंत इसकी सूचना खाद्य विभाग को दी।
खाद्य अधिकारी बसंत दत्त शर्मा और बीएस देवलिया अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और रेस्टोरेंट की जांच शुरू की। खाद्य विभाग ने रेस्टोरेंट के किचन से कुलचे, छोले, पनीर और दही के सैंपल लिए। जांच के दौरान किचन में गंदगी, खराब सामग्री और बेतरतीब रखे सामान मिले। छोले दो दिन पुराने पाए गए, जिससे खाद्य सुरक्षा नियमों के उल्लंघन की पुष्टि हुई थी।