आउटसोर्स कंपनियां कर रही है मनमानी, कर्मचारी जूझ रहे आर्थिक संकट से
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में सेवाएं दे रहे कर्मचारियों को अभी तक फरवरी महीने का वेतन नहीं मिला है। मार्च महीना खत्म होने को है, दो महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति काफी बिगड़ चुकी है। हालांकि मंदिर समिति भी इस मुद्दे पर जल्दी ही एक्शन लेने के मूड में हैं।
श्री महाकाल मंदिर में समिति ने दो आउटसोर्स कंपनियां क्रिस्टल इंटीग्रटेड सर्विसेस और केएसएस (कृष्णा सिक्युरिटी एंड सर्विसेस) के जरिये कर्मचारियों की सेवाएं ली हैं। जिसके तहत क्रिस्टल कंपनी के करीब ४०० से अधिक सुरक्षाकर्मी मंदिर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं वहीं केएसएस कंपनी के जरिए सफाई, वाहन चालन, आफिस कार्य, कंप्यूटर कार्य सहित अन्य सेवाओं में कर्मचारी तैनात हैं। केएसएस कंपनी के करीब 900 और क्रिस्टल के करीब 400 इस प्रकार कुल 1300 से अधिक कर्मचारी मंदिर में आउटसोर्स के जरिए अपनी सेवाएं दे रहे हैं। कंपनी की ओर से इन्हें 9 से 12 हजार रुपए तक मासिक वेतन दिया जाता है।
क्रिस्टल हर महीने लेटलतीफ, इस बार केएसएस ने नहीं दिया वेतन
क्रिस्टल कंपनी ने करीब दो साल पहले महाकाल मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा संभाला था। जब से क्रिस्टल कंपनी ने यहां का कामकाज संभाला है तब से अभी तक कभी भी कर्मचारियों को नियमानुसार समय पर वेतन नहीं दिया गया है। हर महीने कंपनी द्वारा १५ तारीख के बाद ही वेतन दिया जाता है।
इस बार 26 तारीख तक कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है। केएसएस कंपनी जरूर हर महीने समय पर कर्मचारियों को वेतन दे देती है लेकिन इस बार केएसएस ने भी अभी तक कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया है।
कर्मचारियों को गलत जानकारी दे रहे जिम्मेदार
दोनों कंपनी के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने के बारे मेें गलत जानकारी दे रहे हैं। कर्मचारियों को बताया जा रहा है कि महाकाल मंदिर समिति द्वारा भुगतान नहीं किये जाने के कारण कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया जा रहा है। जबकि ऐसी स्थिति नहीं है। नियमानुसार कंपनी प्रत्येक महीने की 5 तारीख तक कर्मचारियों को भुगतान करने के बाद बिल मंदिर समिति को देना होता है। जब कंपनी भुगतान करने के बाद बिल देगी तभी समिति उनका बिल पास करेगी।
मंदिर समिति कार्रवाई करने की तैयारी में
कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने के मामले में मंदिर समिति आउटसोर्स कंपनी पर कार्रवाई की तैयारी में है। सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल का कहना है कि नियमानुसार कंपनी को समय पर कर्मचारियों का भुगतान करना जरूरी है। इसके बाद ही मंदिर समिति उनके बिल पास करती है। अगर वेतन देने में देरी की जाती है तो कंपनी पर जुर्माना किया जाता है। इस बार भी समिति वेतन बांटने में लेटलतीफी करने पर कार्रवाई जरूर करेगी।