उज्जैन में जलसंकट : 15 अप्रैल से एक दिन छोड़कर जलप्रदाय

उज्जैन, अग्निपथ। शहर में पारा 40 डिग्री पार पहुंचने के साथ ही जल संकट भी गहरा गया है। नगर के लिए पानी सप्लाई करने के प्रमुख जल स्रोत गंभीर बांध में मात्र एक तिहाई पानी ही बचा है। इसके चलते 15 अप्रैल से शहर में एक दिन छोड़कर एक समय जलप्रदाय का फैसला लिया गया है।

दरअसल, 2250 क्यूबिक मिलियन फीट (mcft)  क्षमता वाले गंभीर बांध में हर साल गर्मी के दिनों में पानी काफी कम रह जाता है। जिससे जलप्रदाय में काफी परेशानी आती है।

अप्रैल में गर्मी बढ़ने के साथ बांध के पानी के अधिक वाष्पीकरण से जलस्तर और कम हो गया है।

इस स्थिति को जांचने के लिए मंगलवार को महापौर मुकेश टटवाल ने नगर निगम की जल कार्य समिति प्रभारी प्रकाश शर्मा, निगम अपर आयुक्त संदीप शिवा एवं कार्यपालन यंत्री केदार खत्री के साथ गंभीर डैम का निरीक्षण किया।

इस दौरान पता चला कि गंभीर बांध में मात्र 790 एमसीएफटी ही शेष है।

70 दिनों तक हो सकता है पानी सप्लाई

मंगलवार को गंभीर बांध में जितना पानी उपलब्ध है उस हिसाब से शहर की जलप्रदाय व्यवस्था को देखते हुए 70 दिनों तक पानी सप्लाई किया जा सकता है।

ऐसी स्थिति में मानसून के पूरी तरह सक्रिय होने तक शहर में जलप्रदाय व्यवस्था ठीक रखने के लिए अधिकारी क्यों और जनप्रतिनिधियों की टीम में एक दिन छोड़कर जलप्रदाय का निर्णय लिया है।

15 को दक्षिण में और 16 को उत्तर में होगा पानी सप्लाई

नगर निगम के सूत्रों के मुताबिक इस निर्णय के तहत 15 अप्रैल से शहर के दो हिस्सों को में एक-एक दिन छोड़कर जलप्रदाय किया जाएगा। जिसके अंतर्गत उज्जैन के दक्षिणी हिस्से में 15 अप्रैल को जलप्रदाय होगा और उत्तरी हिस्से में 16 अप्रैल को पानी सप्लाई नहीं व्यवस्था के तहत किया जाएगा।

इसी क्रम में आने वाले दिनों में आगामी निर्णय तक एक दिन छोड़कर उज्जैन उत्तर और अगले दिन उज्जैन दक्षिण में पानी सप्लाई होगा।

पूरी क्षमता से किया जाए जलप्रदाय : महापौर

महापौर मुकेश टटवाल ने  निर्देश दिए कि एक दिन छोड़कर पानी सप्लाई की नई व्यवस्था के तहत पेयजल आपूर्ति पूर्ण क्षमता के साथ की जाए, ताकि शहरवासियों को कोई परेशानी न हो।

उन्होंने पानी की बर्बादी को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश भी दिए गए।

इस पर भी ध्यान दें नगर सरकार

पिछले कई वर्षों से गर्मी के मौसम में उज्जैन शहर के लोगों को नलों से एक दिन छोड़कर पानी मिलता है। जबकि कई वर्षों से दावा किया जा रहा है की उज्जैन में शिप्रा से नर्मदा को लिंक कर दिया गया है। जरूरत के समय नर्मदा का पानी शिप्रा में लिया जा सकता है।

ऐसे में जब गर्मी के मौसम में पानी की ज्यादा जरूरत होती है मगर सरकार को नर्मदा का पानी लेकर शहर में रोजाना नियमित जल्द प्रदाय की व्यवस्था करना चाहिए।

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