महाशिवरात्रि: दूल्हा बने महाकाल

उज्जैन, अग्निपथ। गुरुवार को महाशिवरात्रि पर्व के अवसर पर भगवान महाकाल के विवाह उत्सव की धूम रही। हालांकि कोरोना के चलते ऑनलाइन बुकिंग अनुमति कम संख्या में दी गई थी लेकिन विशेष शुल्क दर्शन टिकट धारी और फ्री फॉर ऑल की तर्ज पर दिए गए प्रवेश के कारण रात्रि 9 बजे तक करीब 1 लाख श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल के दर्शन किए।

महाशिवरात्रि पर सुबह 5.30 बजे से ही दर्शन शुरू हो गए थे। सामान्य लाइन में लगने वालों को करीब1 घंटा और 250 रुपए विशेष टिकट धारियों को 30 मिनट में भगवान के दर्शन हो रहे थे। हालांकि इस वर्ष की गई नई व्यवस्था के चलते लोगों को चारधाम से शंख द्वार पहुंचने तक अधिक पैदल चलना पड़ा। लेकिन लगातार लाइन के चलने से श्रद्धालुओं को कम समय में भगवान महाकाल के दर्शन हो सके।

हालांकि बीच-बीच में फ्री फॉर ऑल व्यवस्था के तहत भी श्रद्धालुओं की भीड़ के मद्देनजर उनको छोड़ा जाता रहा। कलेक्टर आशीष सिंह की मंशा थी कि श्रद्धालुओं को 1 घंटे में दर्शन हो जाना चाहिए। उनकी व्यवस्था कामयाब हुई और श्रद्धालुओं को आसानी से लगातार चलते हुए कम समय में दर्शन हो पाए।

वीआईपी का प्रवेश 4 नंबर गेट से

भगवान महाकाल के आंगन में जो भी वीआईपी पहुंच रहे थे, उनको प्रोटोकॉल के तहत महाकाल घाटी से होकर आना पड़ रहा था। प्रोटोकॉल से दर्शन के लिए भी श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ था। पुराने वीआईपी गेट के सामने बैरिकेडिंग कर दी गई थी। जहां से वीआईपी अनुमति प्राप्त श्रद्धालुओं को प्रवेश कराया जा रहा था। व्यवस्था को चाक-चौबंद करने के लिए जिला प्रोटोकॉल की टीम भी वीआईपी गेट पर लगातार लगकर कार्य करती नजर आई।

हालांकि महाकाल घाटी पर की गई बैरिकेडिंग के कारण यहां पर प्रवेश करने वाले लोगों की भीड़ लग गई थी। लेकिन किसी को भी प्रवेश नहीं दिया गया। केवल वीआईपी अनुमति प्राप्त श्रद्धालुओं को ही प्रवेश दिया जा रहा था।

सामान्य-शीघ्र दर्शन टिकट धारियों को चारधाम से प्रवेश

सामान्य श्रद्धालुओं को ऑनलाइन बुकिंग से और 250 रुपए शीघ्र दर्शन टिकट धारियों, दिव्यांग और वृद्धजनों को चारधाम मंदिर के सामने से प्रवेश दिया जा रहा था। अलग-अलग बैरिकेट्स में प्रवेश देने के बाद श्रद्धालुओं को हरसिद्धि चौराहा, बड़े गणेश के सामने से धर्मशाला की ओर मुड़ते हुए शंख द्वार के सामने से टनल के रास्ते मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा था।

वहीं बड़ा गणेश मंदिर की गली से पुजारी व उनके परिवारों को भस्म आरती गेट तक लाकर यहां से प्रवेश दिया जा रहा था। 250 रुपए टिकट धारियों को मॉस्क और पानी की बॉटल भी गर्मी से बचाव के लिए दी जा रही थी।

पैर ना जले इसलिए छिडक़ाव

श्रद्धालुओं को बैरिकेट्स में चलाया जा रहा था इसके नीचे मैटिन बिछी हुई थी जिस पर लगातार पानी का छिडक़ाव किया जा रहा था। ताकि श्रद्धालुओं को गर्मी में पैर न जल सकें।

गलियों की भी बैरिकेडिंग

मंदिर पहुंचने वाले वैकल्पिक मार्ग बेगम बाग, महाकाल चौराहा, नवीन मार्ग, बड़ा गणेश की ओर जाने वाले मार्ग सहित सभी वैकल्पिक गलियों और मार्गो पर बैरिकेडिंग कर बंद करने के बाद यहां पर पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई थी।

मंदिर में प्रवेश के बाद सामान्य श्रद्धालुओं की रैलिंग में तीन लाइन चल रही थीं। जिनमें 250 शुल्क वाले लोग भी शामिल थे। जबकि वीआईपी को भस्म आरती गेट से प्रवेश देकर नगाड़ा गेट पर लाकर दर्शन कराने के बाद पुन: इसी मार्ग से बाहर किया जा रहा था। सभी दर्शनार्थियों को निर्गम द्वार से बड़ा गणेश मंदिर की ओर मोडक़र हरसिद्धि चौराहा होते हुए चार धाम की ओर पार्किंग के पास बने जूता स्टैंड तक पहुंचाया जा रहा था।

कलेक्टर-एसपी द्वारा कंट्रोल रूम से निगरानी

कलेक्टर आशीष सिंह और एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ला द्वारा कंट्रोल रूम में बैठकर निगरानी की जा रहे थी। कलेक्टर द्वारा मौजूद कर्मचारियों से विभिन्न जगहों के सीसीटीवी फुटेज खुलवाए जाकर देखे जा रहे थे कि कहां कितनी भीड़ एकत्रित हो रही है और कहां पर श्रद्धालु धीमी गति से चल रहे हैं। इसके पूर्व सुबह कलेक्टर एसपी द्वारा टनल के रास्ते मंदिर तक आने वाले श्रद्धालुओं से समय और व्यवस्था को लेकर फीडबैक लिया गया। कलेक्टर का अनुमान था कि लगभग एक लाख लोग भगवान महाकाल के दर्शन को पहुंचेंगे जो कि सही साबित हुआ।

1000 कर्मचारी लगे महाशिवरात्रि व्यवस्था में

महाशिवरात्रि पर व्यवस्थित बेरिकेड्स, सुचारू रूप से संचालित नि:शुल्क जूता स्टैंड, 1000 कर्मचारी और असंख्य दुपहिया वाहनों के लिए व्यवस्थित पार्किंग स्थल, सुविधाजनक प्रसाद और सशुल्क शीघ्र दर्शन व्यवस्था के काउन्टर, धूप से बचाव हेतु लगभग 700 मीटर का टेंट, चलने हेतु लगभग 1 किलोमीटर की मेटिंग, दर्शनार्थियों के मार्ग में जल का छिडक़ाव, दिव्यांगों के लिए 15 व्हील चेयर की व्यवस्था करते हुए दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए नि: शुल्क 20 ई-रिक्शा की व्यवस्था की गई ।

साथ ही 25000 मास्क का वितरण किया गया । मंदिर प्रशासक नरेन्द्र सूर्यवंशी ने बताया कि महाशिवरात्रि के अवसर पर 1 लाख 25000 आधा लीटर की पानी की बोतलों का वितरण दर्शनार्थियो को किया गया ।

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