उज्जैन में सज-धज कर रथ यात्रा में निकलेंगे भगवान जगन्नाथ; बंगाल के कारीगर बना रहे 2 लाख की खास पोशाक

उज्जैन में भगवान जगन्नाथ; बंगाल के कारीगर बना रहे 2 लाख की खास पोशाक

27 जून को भव्य रथ यात्रा के लिए

उज्जैन, अग्निपथ: धर्मनगरी उज्जैन में इस बार भगवान जगन्नाथ, बलदेव और देवी सुभद्रा की भव्य रथ यात्रा 27 जून को निकलेगी! इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए इस्कॉन मंदिर में तैयारियां जोरों पर हैं. सबसे खास बात यह है कि भगवान के लिए बंगाल के विशेष कारीगर लगभग 2 लाख रुपये की अनुमानित लागत से शानदार पोशाकें तैयार कर रहे हैं. रेशम के कपड़े पर मोती, ज़री और हीरे जड़कर इन पोशाकों को बेहद आकर्षक रूप दिया जा रहा है.

रथ यात्रा का मार्ग और “गुंडिचा नगरी”

इस्कॉन मंदिर की यह रथ यात्रा 27 जून को दोपहर 2 बजे आगर रोड स्थित कृषि उपज मंडी से शुरू होगी. भगवान का पूजन करने के बाद यात्रा कोयला फाटक, चामुंडा चौराहा, फ्रीगंज ओवरब्रिज, टावर चौक, तीन बत्ती चौराहा और देवास रोड होते हुए कालिदास अकादमी परिसर में बनाई गई ‘गुंडिचा नगरी’ पहुंचकर संपन्न होगी. यह गुंडिचा नगरी भक्तों के लिए एक विशेष आकर्षण होगी, जहां वे भगवान के दर्शन कर सकेंगे.

मध्य प्रदेश के 26 जिलों में निकलेंगी 50 रथ यात्राएं

इस्कॉन मंदिर के पीआरओ राघव पंडित दास प्रभु के मुताबिक, इस वर्ष इस्कॉन द्वारा पूरे मध्य प्रदेश के 50 स्थानों से रथ यात्राएं निकाली जा रही हैं, जिनमें 26 जिले शामिल हैं. उज्जैन में, तीन रथों पर भगवान जगन्नाथ, बड़े भाई बलदेव और बहन सुभद्रा 27 जून को अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए निकलेंगे.

कला और आस्था का अद्भुत संगम: बन रही हैं खास पोशाकें

रथ यात्रा के लिए भगवान की पोशाकें शुरुआत से ही सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता पर आधारित होकर तैयार की जा रही हैं. इन अद्भुत पोशाकों का निर्माण आठ बंगाली कारीगर पिछले दो महीनों से कर रहे हैं. रेशम के शुद्ध कपड़े पर बारीक कशीदाकारी की जा रही है, जिसमें मोती, ज़री, हीरे और नगीनों का खूबसूरती से इस्तेमाल हो रहा है. कलाकार इन पर मोरपंख, तोता, फूल आदि की मनमोहक कारीगरी कर रहे हैं.

इस्कॉन के स्वयंसेवकों ने बताया कि रथों के ऊपर का श्रृंगार भी बेहद आकर्षक ढंग से किया जाएगा. पोशाकों पर शंख, चक्र, गदा, कलश और स्वास्तिक जैसे पवित्र धार्मिक चिह्न भी बनाए जा रहे हैं. इसके अलावा, तीनों रथों के शिखर के लिए भी विशेष आवरण तैयार किया जा रहा है, जिन पर अलग-अलग धार्मिक और मांगलिक चिह्न जैसे शंख, चक्र, गदा, कलश और स्वास्तिक अंकित किए जा रहे हैं.

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