पंखे की चिंगारी से सांसत में फंसी मरीजों की जान, खाक हो गए वार्ड

पुलिस ने दिखाई जांबाजी,एसडीएम व सीएसपी करेंगे जांच

उज्जैन, अग्निपथ। पाटीदार हॉस्पिटल में रविवार को आग लगने की वजह पंखा रहा है। पंखे से निकली चिंगारी ने सिंलिग को चपेट में लिया और कुछ ही देर में हॉस्पिटल धुएं से घिर गया। दो वार्ड पूरी तरह खाक हो गए और यहां भर्ती 80 मरीजों की जान सांसत में फंस गई। मौैके पर पहुंची पुलिस ने मरीजों
को निकालने के साथ आग बुझाने में भी अहम भूमिका निभाई है। पुलिस प्रशासन अब घटना की जांच के साथ भविष्य में पुनरावृत्ति न हो इसकी योजना बनाएगा।

घासमंडी स्थित पाटीदार अस्पताल में रविवार को 80 मरीज भर्ती थे। बीमारों में दो दर्जन कोरोना के शिकार होने के कारण कोविड आइसोलेशन में थे। शिशु वार्ड में चार बच्चे थे। हॉस्पिटल में रोज की तरह कार्य हो रहे थे। इसी दौरान दोपहर 12.7 बजे आईसीयू वार्ड के एक पंखे से निकली चिंगारी से सिलिंग में लगी थर्माकोल शीट ने आग पकड़ ली।

कर्मचारी समझ पाते इससे पहले ही आग ने दूसरे माले पर स्थित शिशु वार्ड को भी चपेट में ले लिया। हॉस्पिटल चारों ओर से बंद होने से धुएं से भर गया नतीजतन अफरा-तफरी मच गई। सूचना मिलते ही माधवनगर पुलिस पहुंची और वक्त गवाएं बिना मरीजों को गोद में उठाकर बाहर निकालने के साथ फायर ब्रिगेड कर्मियों की मदद से आग बुझाना शुरू कर दिया।

patidar hospital ward
आग लगने के कारण ऐसे हो गए वार्ड के हालात।

इस दौरान कलेक्टर आशीष सिंह, एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ला,सीएसपी हेमलता अग्रवाल,सीएमएचओ डॉ. महावीर खंडेलवाल भी मौके पर पहुंच गए। अधिकारियों ने शहर के सभी निजी हॉस्पिटलों की एंबुलेंस बुलाकर मरीजों को गुरुनानक, एसएस हॉस्पिटल पहुंचाना शुरू कर दिया। काफी प्रयास के बावजूद चार मरीज झूलस गए, जिनमें से दो को गंभीर होने पर इंदौर रैफर करना पड़ा। वहीं कोरोना पीडि़तों को आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज पहुंचाया।

भाग गए कोरोना मरीज

खास बात यह है कलेक्टर ने अस्पताल में 24-25 कोरोना मरीज बताए, जबकि अस्पताल के कर्मचारी मरीजों की संख्या अधिक बता रहे थे। हालांकि संख्या की पुष्टी नहीं हो पाई। घटना के बाद प्रशासन ने कोरोना मरीजों को आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज भेजा, लेकिन बताया जाता है कि दो-तीन मरीज अस्पताल जाने की जगह भागकर घर पहुंच गए।

तार खुले होने से हादसा

सूत्रों के अनुसार आईसीयू में एक पंखे को शनिवार को मरम्मत कर लगाया था। संभवत: टेपिंग में चूक से तार खुला रहा और उससे निकली चिंगारी ने हॉस्पिटल को चपेट में ले लिया। एसआई महेंद्र मकाश्रे ने बताया कि आगजनी का केस दर्ज कर दिया। मामले में एसडीएम गोविंद दुबे व सीएसपी अग्रवाल घटना की वजह व हॉस्पिटल में आग बुझाने के संसाधनों की जांच कर कलेक्टर एसपी को रिपोर्ट सौंपेंगे।

खिडक़ी तोडक़र घुसना पड़ा

आग के कारण पूरा हॉस्पिटल की बनावट के कारण पुलिस व दमकल कर्मियों को अंदर जाने की जगह नहीं मिल पा रही थी। ऐसी स्थिति में सुरक्षाकर्मियों ने पहले माले पर चढक़र खिड़कियां तोड़ी और पाइप अंदर तक पहुंचाकर आग बुझाई। कर्मचारियों ने बताया कि फायर ब्रिगेड की आठ दमकलों से एक घंटे में आग बुझाई जा सकी है।

हॉस्टिपल में संभवत: शार्ट सर्किट से आग लगी थी। करीब 80 मरीज भर्ती थे, जिनमें से 11 मरीज जहां आग लगी उसी वार्ड में थे। सभी को रेस्क्यू कर विभिन्न हॉस्पटलों में भर्ती किया है। झुलसे मरीजों को गुरुनानक में भेजा है। पुलिस व फायर ब्रिगेड व अमले ने सराहनीय कार्य किया है। आग का कारण व अन्य जगह ऐसी घटना न हो इसकी योजना बनाई जाएगी।
-आशीष सिंह, कलेक्टर

आईसीयू में शार्ट सर्किट से आग लगी। आग बुझाने के प्रर्याप्त साधन थे, लेकिन धुएं से घबराहट होने के कारण नहीं बुझाई जा सकी।

संचालक, पाटीदार हॉस्पिटल

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