रिश्वत का लिफाफा छूपा दिया था, जेल भेजने की धमकी दी तो लोकायुक्त को सौंपा
उज्जैन,अग्निपथ। लोकायुक्त टीम ने गुरुवार को रजिस्ट्रार कार्यालय के चपरासी को तीन हजार रुपए की घूस लेते हुए ट्रेप किया है। प्रभारी पद पर कार्यरत आरोपी ने एक युवक से रजिस्ट्री की नकल के लिए चार हजार रुपए मांगे थे। रिश्वत लेकर उसने छूपा दी थी, लेकिन टीम ने जेल भेजने की धमकी दी तो उसे लिफाफा सौंपना पड़ा।
गोपालपूरा निवासी नारायण पिता रामचरण सिंह रावत (56) रजिस्ट्रार कार्यालय में भृत्य है, लेकिन उसे नकल शाखा का प्रभार सौंप रखा है। तराना निवासी कमलसिंह को पर्सनल लोन के लिए जमीन की रजिस्ट्री की सत्य प्रतिलिपी की जरुरत होने पर भतीजा शैलेंद्र सिंह पिता ब्रजेंद्रसिंह पंवार (30) रावत के पास 7 अप्रैल को गया था। रावत ने तीन हजार पहले व एक हजार नकल सौंपने पर मांगे।
शैलेेंद्र ने लोकायुक्त एसपी से शिकायत की और उनके आदेश पर डीएसपी वेदांत शर्मा ने रावत के घूस मांगने की वाईस रिकार्डिंग सौंप दी। पुख्ता प्रमाण मिलने पर डीएसपी शर्मा ने गुरुवार दोपहर शैलेंद्र को कैमिकल लगे तीन हजार रुपए देकर रजिस्ट्रार कार्यालय भेजा। रावत ने रुपए लेकर लिफाफे में रख अलमारी में छूपा दिए। घूस लेने का ईशारा मिलते ही बाहर मौजूद डीएसपी शर्मा टीम के साथ अंदर गए और रावत को पकड़कर लिफाफा मांगा। नहीं देने पर जेल भेजने की धमकी दी तो उसने लिफाफा निकालकर सौंप दिया। लोकायुक्त ने रावत पर घूस लेने का केस दर्ज कर दिया।
अधिकारी भी शंका के घेरे में
भृत्य रावत को नकल शाखा का प्रभारी बना रखा है। उसके पास प्रतिदिन करीब 4 लोग सत्य प्रतिलिपि के लिए पहुंचते है। प्रत्येक से 4 हजार रुपए लेता है और मात्र 20 दिन भी ऑफिस खुले तो 3 लाख से अधिक कमाता है। ऐसे में यहां के अधिकारियों की कमाई का अंदाजा लगा सकते है। लोकायुक्त इस बिंदू पर भी जांच कर प्रमाण मिलने पर कार्रवाई करेगी।
तीन माह में 13 फंसे
लोकायुक्त की स्थानीय शाखा ने इस वर्ष अब तक 9 घूसखोर अधिकारी-कर्मचारी को रंगेहाथ पकड़ा है। दो पर अनुपातहीन संपत्ति की कार्रवाई की है और दो पर पद के दुरुपयोग का मामला दर्ज किया है। रावत को पकडऩे में डीएसपी शर्मा के साथ ही आरक्षक हितेश ललावत, मोह मद इरशाद,संदीप कदम, अनिल अटोलिया आदि भी मु य भूमिका रही है।