कोरोना महामारी धीरे-धीरे शहर में विकराल रूप धारण करती जा रही है। अधिकांश अस्पतालों में बिस्तर उपलब्ध नहीं हैं। जिन अस्पतालों में बड़ी संख्या में मरीज भर्ती हैं वहां पर संसाधन उपलब्ध नहीं है। अधिकांश अस्पतालों में आक्सीजन की कमी का मामला सामने आ रहा है।
माधव नगर, चरक और आरडीगार्डी जैसे अस्पताल पूरी तरह भरे हुए हैं। प्रशासन अब कोरोना से होने वाली मौत का आंकड़ा छुपाने में लग गया है। जिस तरह की व्यवस्थाएं प्रशासन को भोपाल स्तर से चाहिये वैसी व्यवस्थाएं प्रशासन को मिल नहीं पा रही है। क्योंकि यह विकराल स्थिति सिर्फ उज्जैन जिले की नहीं है। सभी दूर यही स्थिति बनी हुई है।
इंदौर जिले में भी स्थिति बदत्तर हो गई है। यही कारण है कि कई जिलों में मध्यप्रदेश सरकार ने 7 दिन से लेकर 10 दिन तक का लॉकडाउन लगा दिया है। शुक्रवार की शाम 6 बजे से लेकर सोमवार की सुबह 6 बजे तक का लॉकडाउन पूरे प्रदेश भर में लागू कर दिया गया है। सरकार को समझ में आ गया है कि बिना लॉकडाउन के अब स्थितियों को काबू पाना आसान नहीं बचा है। लॉकडाउन ही आखिरी विकल्प है। 2-3 दिन के लॉकडाउन से अस्पतालों में थोड़ी स्थिति सामान्य होने की उम्मीद बढ़ेगी।