बडऩगर, अग्निपथ। दूसरे फेज के कोरोना कहर में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। जिससे चारों और खौफ का वातावरण बना हुआ है। ऐसे में चर्चाओं में यह बात सुनने को मिल रही है कि स्थिति बड़ी नाजुक व गंभीर है। फिर भी लोगों में लापरवाही बरकरार है।
हालांकि प्रशासन सभी से सुरक्षा की अपील के साथ आत्मनिर्भरता की और कदम बढ़ाते हुए संसाधन जुटाकर कोरोना से लड़ाई लड़ कर अपने स्तर पर उपलब्ध चिकित्सा सुविधा से कोरोना की चेन ब्रेक करने में लगा है।
इसी दिशा में अब 27 बेड की संख्या बढ़ाते हुए नगर के निजी चिकित्सालयों में 97 व शासकीय चिकित्सालय में 10 आक्सीजन बेड की व्यवस्था उपलब्ध कराई है, जहां कोविड मरीजों का उपचार चल रहा है।
आपदा में अवसर के नेक संदेश का मतलब आपदा में एक दुसरे का सहयोग करना है किन्तु कोरोना कहर में कुछ लोग आपदा को अपना अवसर बनाने में लगे है। ऐसे में ग्रामीण फर्जी चिकित्सकों द्वारा अवैध रूप से संचालित किये जा रहे चिकित्सा क्लीनिक एवं हॉस्पीटल में कोविड पेशेंटो का इलाज किये जाने के प्रति कार्यवाही करने के ब्लाक मेडीकल आफीसर के पत्र के बाद अनुविभागीय अधिकारी डॉ योगेश भरसट ने ग्रामीण क्षेत्र में अवैध रूप से बिना पदवी के चिकित्सा कार्य करने वाले व्यक्तियों के चिकित्सालय बंद करने के सूची सहित आदेश जारी किये है। इससे फर्जी चिकित्सकों में हडकंप मचा हुआ है।
कोविड मरीजो के परिजनों को क्वारेंटाइन के सख्त आदेश
कोविड -19 मरीजों के बेहतर प्रबंधन एवं इलाज हेतु पांच कोविड केअर सेंटर में ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई हैं । इन कोविड सेंटर में भर्ती होने वाले मरिज जो कोविड का उपचार ले रहे है। उनके परिजनों के बाहर घ्ूामने के चलते संक्रमण के बढ़ते खतरे की शिकायतों को देखते हुए परिजनों को तत्काल प्रभाव से 10 दिन के कंटनमेंट में अनिवार्य रूप से रहने के आदेश दिये है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड -19 के मरीज जो अतिगंभीर होकर अवैध रूप से संचालित कोविड सेंटर में भर्ती हुये थे उन्हें भी कोविड -19 की जांच करने कि आदेश दिये गये है।
150 बेड की क्षमता करेंगे
एसडीएम भरसट ने स्थानीय विश्राम गृह पर पत्रकार से रूबरू होते हुए कहा कि कोरोना पेशेंट को बडऩगर में ही अधिक से अधिक चिकित्सा सुविधा जुटाई जायेगी। हाल फिलहाल 95 मरोजो का उपचार चल रहा है। संक्रमण बढ़ रहा है। 50 आक्सीजन बेड और बढ़ाए जाने के प्रयास है और वो भी हम कर पायेंगे। इसके लिए अन्य व्यवस्थाओं पर भी फोकस किया जा रहा है। जो कोई कोविड़ सेंटर बनाने के लिऐ स्थान देना चाहता है उसका स्वागत है। वहीं निर्माणाधीन कजलाना हास्पिटल को भी शिघ्र ही उपयोग में लिये जाने के प्रयास है।
पारदर्शिता के साथ उपलब्ध है व्यवस्थाएं
तत्परता के साथ चिकित्सा सुविधा जुटाई जा रही हैं। आक्सीजन सिलेण्डर व रेमडेसीविर की व्यवस्था की जा रही है। यह इंजेक्शन मरीज की हालत देखकर आवश्यक मरीजों को ही लगाया जा रहा है। पारदर्शिता के साथ यह दोनो उपलब्ध कराये जा रहे है। आपन बताय ढाई सौ सैंपल लिए जा रहे हैं। आपने कहा कि किसी भी झोलाछाप से इलाज ना कराऐं। अपने शारीरिक बदलाव को तुरंत जाने व चिकित्सक से परामर्श ले। व शंका होने पर पहले कोविड की जांच कराऐं।