बड़ा घोटाला: नमूने फेल कराकर खुले बाजार में बेचा सोयाबीन बीज

जिला प्रभारी मंत्री ने कहा-प्रकरण दर्ज कराओ

उज्जैन, (हेमंत सेन) अग्निपथ। उज्जैन जिले में सोयाबीन बीज उत्पादन करने वाली फर्म और सोसायटियों ने जमकर मुनाफा कमाया है। महिदपुर के विधायक बहादुरसिंह चौहान के इस आरोप के बाद जिले के प्रभारी मंत्री ने मामले में सख्त कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं। आरोप है कि जिले में जो बीज सेवा सहकारी संस्थाओं के माध्यम से किसानों तक पहुंचाया जाना था, उसके सेंपल फेल कराकर उन्हें खुले बाजारों में बेचकर तगड़ी मुनाफाखोरी की गई है।

सोमवार को प्रभारी मंत्री बनने के बाद पहली बार उज्जैन आए जगदीश देवड़ा के सामने बीज के खेल में करोड़ो के वारे-न्यारे हो जाने का मुद्दा विधायक बहादुरसिंह चौहान ने उठाया। उन्होंने आरोप लगाया सोयाबीन की बोवनी से पहले जिले की कई सारी बीज उत्पादक संस्थाओं ने बीज प्रमाणीकरण विभाग के अधिकारियों से सांठ-गांठ कर अपने खुद के सेंपल फेल करवा लिए है। जिले में करीब 30 हजार क्विंटल सोयाबीन बीज के सेंपल फेल करवाए गए।

ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि बीज उत्पादक संस्थाओं को बीज प्रमाणीकरण का सर्टिफिकेट मिल जाने के बाद उसे ग्रामीण सेवा सहकारी संस्थाओं को बेचना पड़ता। शासन ने इसके दाम तय किए हुए है। सेवा सहकारी संस्थाओं के माध्यम से 6 हजार 500 रूपए प्रति क्विंटल से ज्यादा सोयाबीन बीज के दाम नहीं वसूले जा सकते है। इसके ठीक उलट खुले बाजार में सोयाबीन बीज के दाम 8 हजार रूपए प्रति क्विंटल तक रहे।

सोयाबीन तेल के दामों में आए उछाल की वजह से बाजार में सोयाबीन बीज की डिमांड बढ़ गई है। इस कारण खुले बाजार में बीज के दाम सेवा सहकारी संस्थाओं की अपेक्षा एक से डेढ़ हजार रूपए प्रति क्विंटल ज्यादा रही। विधायक बहादुरसिंह चौहान का आरोप है कि प्रमाणीकरण संस्था से जिले में करीब 30 हजार क्विंटल सोयाबीन बीज के सेंपल फेल कराने के बाद इन्हें सेवा सहकारी संस्थाओं को बेचने की बाध्यता खत्म हो गई और फेल हुए सेंपल को खुले बाजार में बेच दिया गया।

मामले की कुछ दिन पहले कृषि विभाग के प्रमुख सचिव से भी शिकायत की गई थी। प्रमुख सचिव से शिकायत के बाद बीज प्रमाणीकरण संस्था ने दोबारा सेंपल की जांच करवाई। 30 हजार क्विंटल में से 2 हजार क्विंटल सोयाबीन बीज पास कर दिया और फिर से 28 हजार क्विंटल बीज के सेंपल फेल बता दिए गए।

प्रभारी मंत्री जगदीश देवड़ा के सामने यह मुद्दा आने के बाद उन्होंने उप संचालक कृषि सी.एल. केवड़ा से जवाब तलब किया। कृषि उप संचालक ने पूरी रिपोर्ट प्रभारी मंत्री के सामने रख दी। प्रभारी मंत्री श्री देवड़ा ने मामले की नए सिरे से जांच करने और दोषी पाए जाने पर एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश दिए है।

बीज उत्पादक संस्थाओं ने अपने ही सेंपल फेल कराकर बड़ा खेल खेला है। शिकायत होने पर दोबारा जांच हुई तो 2 हजार क्विंटल बीज पास भी कर दिया। यहीं गड़बड़ी का सबसे बड़ा सबूत भी है। – बहादुरसिंह चौहान, विधायक महिदपुर

प्रभारी मंत्री ने मामले में कार्रवाही के लिए निर्देशित किया है। बीज प्रमाणीकरण अधिकारी से पूरा डाटा तलब कर दोबारा जांच की जाएगी। – सी.एल. केवड़ा, उप संचालक कृषि

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