गंभीर में बढ़ा 3 दिन सप्लाय लायक पानी

बरसात ने कैचमेंट एरिया में 30 सेंटीमीटर बढ़ाया डेम का लेबल

उज्जैन, अग्निपथ। गंभीर बांध क्षेत्र में सोमवार दोपहर से शाम के बीच लगभग 14 एमसीएफटी पानी बढ़ा है। इतना पानी 3 दिन की सप्लाय में उपयोग लिया जा सकता है। यह राहत शहर के लिए बड़ी राहत नहीं है लेकिन सुकून देने वाली है।

रविवार देर रात, सोमवार सुबह गंभीर बांध के कैचमेंट एरिया में रूक-रूक कर बारिश हुई। दोपहर 2 बजे से गंभीर बांध में पानी बढऩा शुरू हुआ जो शाम 6 बजे तक जारी रहा। शाम 6 बजे तक डेम में 30 सेंटीमीटर तक जलवृद्धि दर्ज की गई। डेम के निचले हिस्से में 30 सेंटीमीटर जलवृद्धि से अनुमान लगाया जाता है कि कम से कम बांध में 14 एमसीएफटी पानी बढ़ा है। बांध के उपरी स्तर पर 10 सेंटीमीटर का लेवल बढऩे पर 10 एमसीएफटी पानी संग्रहित माना जाता है। सोमवार सुबह 8 बजे बांध का लेवल 474.20 मीटर मापा गया था। बांध में 124.90 एमसीएफटी पानी संग्रहित था। शाम 6बजे लेवल बढक़र 474.50 मीटर हो गया। बांध में शाम तक 138.50 एमसीएफटी पानी मौजूद था। दोपहर बाद गंभीर कैचमेंट एरिया में कहीं बारिश नहीं हुई लिहाजा डेम में पानी बढऩे की रफ्तार भी थम गई।

सीएम को सौंपा 22 करोड़ की नई पेयजल योजना का प्रस्ताव

नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की सिंचाई परियोजना से गंभीर बांध क्षेत्र में पेयजल के लिए पानी लेने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सौंपा गया है। रविवार को मुख्यमंत्री के उज्जैन आगमन से ठीक पहले नगर निगम आयुक्त क्षितिज सिंघल ने गंभीर डेम तक पाइप लाइन डालने का प्रपोजल दोबारा तैयार करवाया।

एक साल पहले बोर्ड कार्यकाल में इस प्रस्ताव को शासन को भेजा जा चुका है, सीएम को इसे फिर से सौंपा गया। इसकी लागत करीब 22 करोड़ रुपए है। प्रस्ताव मंजूर होने और राज्य शासन से राशि आवंटित होने की स्थिति में एनवीडीए की सिंचाई परियोजना वाली अंडरग्राउंड लाइन से नईखेड़ी से गंभीर बांध के सेंपवैल तक एक मीटर मोटाई की करीब 8 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन डाली जाएगी। इस लाइन के डल जाने से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि मानसून से ठीक पहले हर साल आने वाली 100-200 एमसीएफटी पानी की किल्लत खत्म हो जाएगी।

संकट में भी लापरवाही

ऋषिनगर इलाके में कम से कम 50 जगहों पर पानी की पाइप लाइन लीकेज है। हर बार सप्लाय के वक्त यहां हजारों लीटर पानी व्यर्थ चला जाता है। लाइन में लीकेज होने के कारण प्रेशर भी कम हो जाता है। क्षेत्रीय रहवासियों का कहना है कि कॉलोनी के मुख्य चौराहे पर ही लाइन में लीकेज होने के कारण पानी बहता रहता है। कई बार इसकी शिकायत की गई लेकिन पीएचई के अधिकारी ध्यान देने को ही तैयार नहीं है।

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