पुरातात्विक मंदिर को बाहर आने में अभी लगेंगे 10 दिन, टनल के रास्ते में बाधा नहीं

अवलोकन करने पहुंचे एडीजीपी देशमुख ने दी पुरातत्व विभाग को बधाई

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर विस्तारीकरण के अंतर्गत मंदिर के अग्रभाग की खुदाई के दौरान पुरातात्विक महत्व के परमार कालीन मंदिर के कुछ भाग प्राप्त हुए थे। शुक्रवार को एडीजी योगेश देशमुख और एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल खुदाई कार्य में निकले पुरातात्विक धरोहर का अवलोकन करने के लिए पहुंचे और उन्होंने एएसआई मप्र को बधाई दी।

अवलोकन के दौरान उपस्थित मध्य प्रदेश आर्कलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के अधिकारी ध्रुवेंद्रसिंह जोधा ने उनको बताया कि खुदाई में निकला मंदिर परमार कालीन है। गवाक्ष के अंदर क्या निकला है इस बात की जानकारी अधिकारियों को दी गई। साथ ही महाकाल मंदिर और उज्जैन के बारे में भी उनको पुरातात्विक महत्व के हिसाब से बताया गया।

खुदाई में निकली परिसर में लगने वाली मूर्ति गणेश, पार्वती और कौमार्य का उनको प्रत्यक्ष निरीक्षण कराया गया। रथ, कोणार्क और बपौती मंदिर का कौन सा भाग है। इस बारे में भी जानकारी दी गई। पूरी जानकारी देने के पश्चात एडीजीपी श्री देशमुख ने पुरातत्व विभाग को बधाई दी है। श्री जोधा ने बताया कि जेसीबी की खुदाई के बाद से मंदिर के परमार कालीन अंश प्राप्त हुए थे। इसके बाद से खुदाई को बंद कर दिया गया था और विभाग की देखरेख में छुपे हुए मंदिर को बाहर निकालने का कार्य लगातार जारी है।

शिव मंदिर निकला है

डॉ. जोधा ने मंदिर के संबंध में जानकारी देते हुए आगे बताया कि, जो हिस्सा दिखाई पड रहा है वो जगती (कमर) तक का हिस्सा है, जिसके मध्य में मंडप का भाग साथ ही मुख्य मंडप का भी भाग दिखाई दे रहा है। प्राप्त मंदिर के पुराअवशेषों में स्थापत्यम खण्ड सम्मिलित है। जिनमें आमलक, कलश, मंजीरी, भार वाहक, कीचक आदि स्तम्भ प्राप्ते हुए है। अलंकृत स्तम्भ लता-वल्लरी से विभूषित हैं। यहां से प्राप्ति प्रतिमाओं के आधार पर इसे शिवमंदिर कहा जा सकता है, क्यों कि शिव-परिवार की मूर्तियां मिली हंै।

10 दिन और लगेंगे निकलने में

श्री जोधा ने बताया कि मंदिर को बाहर निकलने में अभी 10 दिन और लगेंगे। हमारा प्रोजेक्ट किसी के आड़े नहीं आ रहा। मंदिर के विस्तारीकरण की निर्माण एजेंसी ने भी अभी स्थान अधिग्रहण को लेकर बात नहीं की है। मंदिर की पूरी ड्राइंग बनाई जाएगी और उसके बाद इसको पुरातन स्वरूप में लाने का प्रयास किया जाएगा। इस दौरान उविप्रा के कार्यपालन यंत्री केसी पाटीदार, सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल और जनसंपर्क अधिकारी गौरी जोशी उपस्थित थे।

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