कमेटी में भोपाल,उज्जैन और इंदौर के अफसरों को बनाया सदस्य
उज्जैन। कृषि उपज मंडी में बड़े तौल कांटे का इस्तेमाल अनिवार्य किए जाने के बाद खरगौन में एक तुलावटी द्वारा बेरोजगार होने से परेशान होने पर आत्महत्या करने के बाद मंडी बोर्ड जाग गया। तत्काल ही हम्माल और तुलावटियों की समस्या के निवारण के लिए एक राज्य स्तरीय कमेटी का गठन कर दिया है। जो हम्माल और तुलावटियों को वैकल्पिक रोजगार दिलाने और किसानों,व्यापारियों को नुकसान हो इसके लिए विचार -विर्मश करेगी।
उल्लेखनीय है कि 7 जुलाई को विधायक रामलाल की अध्यक्षता में उज्जैन मंडी में बड़े तौल कांटे से तुलाई किए जाने का फैसला किया गया था। इस दौरान तुलावटी भी मौजूद थे। उन्होंने विधायक से एकतरफा फैसला लेेने पर आपत्ति जताई थी। साथ ही कहा था कि अगर उनकी वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई तो वे बेरोजगार होने पर आत्मदाह कर लेंगे। इसके बाद फैसला नहीं हो पाया।
खरगौन में 15 जुलाई को खाया था तुलावटी ने जहर
बताया जाता है कि बड़े तौल कांटे से तुलाई अनिवार्य किए जाने से खरगौन मंडी में 28 साल के किसान दीपक पाल ने जहर खा लिया था। इससे पूरे प्रदेश में हंगामा खड़ा हो गया। हालात बिगडऩे के बाद मंडी प्रशासन ने बड़े तौल कांटे के इस्तेमाल को लेकर नरम रुख अपना लिया। चूंकि खरगौन के प्रभारी मंडी कृषि मंत्री कमल पटेल हैं, इसलिए मामला बेहद संवेदनशील हो गया और मंडी बोर्ड ने तत्काल ही सात सदस्यीय कमेटी बना दी है।
इसलिए बनानी पड़ी समिति
मंडी समितियों में 26 जुलाई 2020 को मंडी बोर्ड ने बड़े तौल कांटे से किसानों की उपज तौलने के निर्देश दिए थे। परन्तु इसके बाद अनेक मंडियों में इस आदेश का व्यापारियों और तुलावटियों ने विरोध किया। परिणाम स्वरूप कई मंडियों में बड़े तौल कांटे से उपज तौली जाने लगी तो कहीं विरोध के चलते नहीं तौली गई। परन्तु अधिकांश मंडियों में बड़े तौल कांटे लग गए।
अब विवाद होने पर उज्जैन मंडी में भी बड़े तौल कांटे से उपज तौलने का फैसला लिया गया। परन्तु किसानों की उपज बड़े तौल कांटे और छोटे तौल कांटे से तौली जा रही है। इस वजह से किसान को तौली जानी वाली उपज का दो बार भुगतान करना पड़ता है। यह शिकायत मिलने के बाद मंडी ने सख्ती से आदेश को लागू करने के निर्देश दिए। ताकि किसान को दो बार भुगतान न करना पड़े।
ये सात सदस्य बनाए गए
कमेटी में मंडी बोर्ड भोपाल के अधीक्षण यंत्री जगदीश श्रीवास्तव को प्रभारी बनाया गया है। जबकि संयुक्त संचालक आरपी चक्रवर्ती, संयुक्त संचालक संगीता ढोके, संयुक्त संचालक इंदौर चंद्रशेखर वशिष्ठ, उप संचालक प्रवीण वर्मा उज्जैन, रामवीर किरार सचिव खरगौन मंडी बोर्ड, अनाज दलहन, तिलहन संघ के प्रदेश अध्यक्ष गोपालदास अग्रवाल को सदस्य बनाया गया है।
उज्जैन में सबसे ज्यादा 42 मंडिया
सात सदस्यीय कमेटी में इंदौर,उज्जैन और भोपाल के अफसर लिए गए हैं। उज्जैन में 42 मंडियां, इंदौर में 34 मंडिया और खरगौन में 8 मंडियां है। भोपाल और ग्वालियर में करीब 50 -50 मंडियां है। जहां तौल कांटे को लेकर विवाद चल रहा है।