पिछले दो सालों से बीमारियों मेें सिर्फ कोरोना संक्रमण पर पूरा प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का ध्यान है। कोरोना से बचाव, कोरोना का इलाज और कोरोना संक्रमण रोकने के लिए तरह-तरह के ऐहतियात बरतने की गाइड लाइन जारी की गई है। कोरोना काल के बीच ही दबे-छिपे वायरल का प्रकोप भी छा गया है। हालात यह है कि लगभग हर घर में एक-दो बच्चे वायरल की चपेट में हैं। खासकर बच्चों में यह तेजी से फैल रहा है और अस्पताल में अतिरिक्त वार्ड भी फुल हो गया है। वायरल की रोकथाम के लिए कोरोना काल के पहले प्रशासन विशेष प्रयास करता था, जैसे मच्छरों को मारने के लिए कीटनाशक का छिड़काव, मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों के लार्वा को नष्ट करने की मुहिम, गंदगी वाली जगह और नालियों में मच्छर मारने का कीटनाशक, फागिंग आदि कई तरह के उपाय किये जाते थे। लेकिन पिछले दो सालों में प्रशासन ने इन्हें भुला दिया है। नतीजा यह है कि शहर में मच्छरों की भरमार है और लोग बीमार पड़ रहे हैं। यूं तो वायरल जानलेवा नहीं है, लेकिन ये संक्रमित को बुरी तरह कमजोर कर देता है और फैफड़ों पर भी असर दिखाता है। वायरल के कारण कमजोर हुआ मरीज इम्युनिटी कम होने पर कोरोना की चपेट में भी आ सकता है। वायरल नहीं रोका गया तो यह कोरोना के फैलने की राह आसान कर देगा।
कोरोना से पहले वायरल से बचाओ..!
