पुरोहित और प्रतिनिधियों पर लगाम, श्रद्धालुओं के जल चढ़ाने पर लगाया प्रतिबंध

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन व्यवस्था में बदलाव देखा जा रहा है। हाल ही में मंदिर प्रशासन ने ऐसे कतिपय पुरोहित और प्रतिनिधियों को श्रद्धालुओं का जल चढ़ाने से रोकने के लिए प्रतिबंध लगाया है, जोकि नंदीहाल से उनका जल के लोटे से हाथ टच करवा कर भगवान महाकाल का अभिषेक कर देते थे। पुजारियों की आपत्ति के बाद इस पर प्रतिबंध लगाने के लिए नंदीहाल मेें स्टील के अस्थाई बेरिकेड़ लगा दिए गए हैं। वहीं जल पात्र नहीं लगा होने से श्रद्धालुओं की धार्मिक भावना आहत हो रही है।

विगत डेढ़ साल से अधिक समय से कोरोना संक्रमण के चलते श्रद्धालुओं के जल चढ़ाने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। इसी के चलते किसी भी श्रद्धालु को गर्भगृह में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। लेकिन कतिपय पुरोहित और उनके प्रतिनिधियों ने गणपति मंडपम की रैलिंग तक जाकर श्रद्धालुओं से जल से भरा लोटा टच करवा भगवान महाकाल को अर्पित कर रहे थे। ऐसे में कोरोना गाइडलाइन के नियमों का उल्लंघन और बैठक कर रहे पुजारियों का सम्मान भी कम हो रहा था। ज्ञात रहे कि गणपति मंडपम की पहली रैलिंग के पास पुजारी गण बैठे रहते हैं। उनका काम ही श्रद्धालुओं का जलाभिषेक कराना है। लेकिन उनकी जगह पुरोहित और उनके प्रतिनिधि यह काम कर रहे थे। जिस पर विराम लगाने के लिए 4 दिन पूर्व सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने गणपति मंडपम के पहली रैलिंग के पहुंच मार्ग पर अस्थाई स्टील के बैरिकेड लगवा दिए। ताकि कोई भी पुरोहित या उनके प्रतिनिधि श्रद्धालुओं तक नहीं पहुंच सके और जलाभिषेक नहीं करवा सकें।

पुजारियों ने उठाई थी आपत्ति-पिछले दिनों महाकाल प्रवचन हॉल में प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने पंडे पुजारियों की उमा सांझी महोत्सव को लेकर बैठक ली थी। इसमें पंडे पुजारियों ने अन्य विषयों को लेकर अपने विचार भी रखे थे। इस विषय इस मामले को भी लेकर था। जिस पर पुजारियों ने पुरोहित और इनके प्रतिनिधियों पर प्रतिबंध लगाने का निवेदन किया था। प्रशासक श्री धाकड़ के निर्देश के बाद नंदीहाल में बेरिकेड लगाकर इनके द्वारा जल चढ़ाने पर प्रतिबंध लगाया गया। वहीं कतिपय पुरोहित और उनके प्रतिनिधि नंदीहाल में खड़े होकर श्रद्धालुओं को जल चढ़ाने के लिए प्रेरित करते थे। इस तरह से नंदीहाल के अंदर कतिपय पुरोहित और उनके प्रतिनिधियों की भीड़ लगी रहती थी।

श्रद्धालु जल चढ़ाने से वंचित-भगवान महाकाल के गर्भगृह में पुजारी, पुरोहित और उनके प्रतिनिधि को ही अंदर जाने की छूट मिली हुई है। लिहाजा भगवान के शिवलिंग का जलाभिषेक सुबह से ही इनके द्वारा किया जा रहा है । लेकिन आम श्रद्धालुओं के जलाभिषेक पर मंदिर प्रशासन ने विगत डेढ़ वर्ष से अधिक समय से प्रतिबंध लगाया हुआ है। जो कि आज तक जारी है। हालांकि शिवलिंग क्षरण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार एक श्रद्धालु आधा लीटर जल भगवान महाकाल को चढ़ा सकता है। लेकिन अभी तक मंदिर प्रशासन ने इस पर संज्ञान नहीं लिया है। वहीं जल पात्र लगाने की व्यवस्था भी नहीं की गई है। जिसके चलते भगवान महाकाल का श्रद्धालु जलाभिषेक नहीं कर पा रहे हैं। ज्ञात रहे कि हिंदू शास्त्रों में शिवलिंग के जलाभिषेक का विशेष महत्व है।

एक्टर और सांसद रवि किशन सोमवार को उज्जैन पहुंचे। उन्होंने महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन किए। रवि किशन सोमवार सुबह करीब 11 बजे महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे। कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए रवि किशन ने बैरिकेडिंग के बाहर से बाबा के दर्शन किए। महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के बाद रवि किशन ने ट्वीट भी किया। रवि किशन ने महाकाल मंदिर के फोटो पोस्ट करते हुए लिखा कि आज भगवान महाकाल के श्री चरणों के दर्शन कर जगत कल्याण की कामना की है। पूजन पं. पीयूष चतुर्वेदी और विपुल चतुर्वेदी ने कराई।

 

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