पूर्व केंद्रीय मंत्री व मप्र युवक कांग्रेस अध्यक्ष ने कथा स्थल पर पहुंचकर किए दर्शन
झाबुआ, अग्निपथ। गाजियाबाद से 25 किमी का सफर तय करते हुए रूपेन्द्रजी महाराज ने श्री रामसेतु के पत्थर के साथ यात्रा के रूप में 6 अप्रेल रात शहर में प्रवेश किया। अगले दिन 7 अप्रेल, गुरूवार सुबह 10 बजे से स्थानीय पैलेस गार्डन से पानी में तैरते श्री रामसेतु पत्थर की शोभायात्रा ढोल-धमाकों के साथ निकाली गई, जो शहर के राजवाड़ा होते हुए श्री राम कथा स्थल मोगली गार्डन पहुंचने पर सभी ने दर्शन लाभ लिए।
इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं झाबुआ विधायक कांतिलाल भूरिया, मप्र युवक कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया ने भी पहुंचकर पानी में एक पात्र में तैरते इस अद्भुत एवं चत्मकारितकपत्थर के दर्शन बाद कथा वाचक डॉ. मंथनजी शांडिल्य से भी भेंट की। ज्ञातव्य रहे कि चैत्र नवरात्रि की एकम 2 अप्रेल से शहर के कॉलेज मार्ग स्थित मोगली गार्डन पर श्री राम कथा का ऐतिहासिक आयोजन चल रहा है।
धर्म जागरण के उद्देश्य से आयोजित इस कथा महोत्सव में प्रतिदिन ना केवल झाबुआ शहर अपितु आसपास के क्षेत्रों से भी भक्तजन पधारकर समुधर संगीतमय कथा का श्रवण कर रहे है। इस दौरान कई भाव-विभोर कर देने वाले संयोग या पलो पर श्रद्धालुओं की आंखों से अश्रू धारा भी बहने लगती है तो खुशी के मौके पर और भजनों पर महिलाओ द्वारा नृत्य करने का भी आनंद लिया जा रहा है।
श्री राम सेतु पत्थर की निकली शोभायात्रा
कथा के अंतर्गत ही गुरूवार सुबह पैलेस गार्डन से ढोल-धमाकों के साथ श्री राम सेतु पत्थर की शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें एक ठेलागाड़ी पर बर्तन के पात्र में तैरते राम सेतु पत्थर के साथ विश्व मंगल हनुमानजी की प्रतिमा विराजमान कर सुंदर रूप से सजाया गया। इसे लेकर भक्तजन एवं श्री राम कथा उत्सव समिति तथा त्रिवेणी परिवार के सदस्य भगवान श्री राम एवं हनुमानजी के जयकारे लगाते हुए उत्साहपूर्वक चले।
अद्भुत एवं चत्मकारिक पत्थर के जगह-जगह लोगों ने दर्शन लाभ लिए। यह शोभायात्रा राजवाड़ा होत हुए मोगली गार्डन पहुचंने पर कथा स्थल पर विराजमान कर पूजन की गई। इस दौरान मातृ शक्तियों में श्री राम सेतु पत्थर की पूजन एवं दर्शन के लिए विशेष उत्सकुता देखने को मिली। यह पत्थर यहां 8 अप्रेल की शाम तक विराजमान रहेगा। बाद रूपेन्द्रजी महाराज द्वारा इन्हें यात्रा के रूप में अगले गंतव्य स्थल की ओर ले जाया जाएगा।
श्री राम को मिला 14 साल का वनवास
दोपहर 3 बजे से कथा स्थल पर प्रवचन आरंभ हुए। जिसमें कथा वाचक डॉ. मंथनजी शांडिल्य ने इस पत्थर की महिमा का बखान करते हुए श्री राम के बाल्याकान से बड़े होने के बाद उन्हें 14 साल के दिए गए वनवास के कठोरतम आदेश का वर्णन किया। श्री राम अपनी धर्मपत्नि सीता और भाई लक्ष्मण के साथ वनवास के लिए जंगल की ओर प्रस्थान करते है। तभी उनकी मुलाकात बाली, सुग्रीव और हनुमानजी से होती है।
हनुमानजी श्री राम एवं माता सीताजी के दर्शन कर अपने आपको अत्यंत ही सौभाग्यशाली समझते है, इसका कथा वाचक ने बखान किया। गुरूवार को कथा का श्रवण करने के लिए गुजरात के कच्छ एवं भुज से भी राम भक्त पधारे। समिति के वरिष्ठ सदस्य अश्विन शर्मा एवं महेन्द्रसिंह पंवार ने बताया कि यह कथा रामनवमी 10 अप्रेल तक चलेगी। 11 अप्रेल, दशहरा को महाप्रसादी (भंडारे) का आयोजन रखा गया है।