उज्जैन, अग्निपथ। सीए संशोधन अधिनियम से सीए के भविष्य को कोई खतरा नहीं है, सीए को अपने आप को अपडेट रखना पड़ेगा और नई तकनीकों को अपनाना पड़ेगा और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा।
उक्त बात सीआइआरसी की ओरियंटेशन कार्यशाला में प्रेसिडेंट देबाशीष मित्रा ने कही। गौरतलब है की दी इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ़ इंडिया की 5 इकाइयों ( सेंट्रल, ईस्टर्न, वेस्ट्रन, नॉर्थन तथा सदर्न) द्वारा अपने अपने रीजन मे प्रत्येक तीन वर्ष में नव निर्वाचित मैनेजिंग कमिटी का ओरिएंटेशन प्रोग्राम रखा जाता है। इस बार सेंट्रल रीजन द्वारा यह कार्यक्रम लखनऊ में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम मे उज्जैन शाखा का प्रतिनिधित्व ब्रांच चेयरपर्सन सीए राशि जैन एवं रीजनल कौंसिल मेंबर सीए शरद जैन ने किया। उज्जैन ब्रांच से संबंधित गतिविधियों के बारे में सीआईआरसी चेयरमैन अतुल मल्होत्रा से परिचर्चा की। इस दौरान उज्जैन जैसी छोटी ब्रांचेज को आ रही विभिन्न परेशानियों से अवगत कराया। जिसमे से कुछ का तुरंत समाधान करने का आश्वासन दिया गया। इस कार्यक्रम में सेंट्रल इंडिया रीजनल काउंसिल की 47 शाखाओं को नव निर्वाचित मैनेजिंग कमेटी के सदस्यों ने शिरकत की।
बोर्ड ऑफ स्टडीज के अध्यक्ष सीए दया निवास शर्मा ने बताया कि आने वाले समय में सीए पाठ्यक्रम में काफी सारे संशोधन किए जा रहे हैं, आर्टिकलशिप का समय 3 वर्ष से घटाकर 2 वर्ष किया जा रहा है एवं सीओपी लेने के लिए कम से कम 1 वर्ष की ट्रेनिंग किसी भी प्रैक्टिसिंग सीए के अंतर्गत करनी होगी, यह नियम सभी सीए पर लागू होगा जो सर्विस से प्रैक्टिस में आना चाहते हैं। यह जानकारी ब्रांच इंचार्ज हसन चोबारावाला ने दी।