7 साल पुराना डर सता रहा नेताओं को, जिला पंचायत जीते सदस्यों को तीर्थ यात्रा भेजने की तैयारी
उज्जैन। एक कहावत है, दूध का जला छांछ भी फूंककर पीता है, यह कहावत इस वक्त भारतीय जनता पार्टी के जिले के नेताओं पर बिल्कुल सटिक बैठ रही है। जिला पंचायत में भाजपा बहुमत की स्थिति में है लेकिन फिर भी पार्टी नेता डरे हुए है। जिला पंचायत का चुनाव जीते हुए 11 अधिकृत और दो बागी जनप्रतिनिधियों को एकजुट कर शहर से बाहर भेजने की तैयारी कर ली गई है। अध्यक्ष-उपाध्यक्ष का चुनाव होने तक ये लोग एक साथ तीर्थ यात्रा ही करते रहेंगे।
शुक्रवार दोपहर जिला पंचायत के 21 वार्डो के सारणीकरण की प्रक्रिया पूरी की गई। कलेक्टर आशीष सिंह व जिला पंचायत सीईओ अंकिता धाकरे की मौजूदगी में सारणीकरण के उपरांत 21 वार्डो के विजेताओं के नाम घोषित किए गए और उन्हें प्रमाण पत्र सौंपे गए। 21 जिला पंचायत सदस्यों में से 11 ऐसे है जिनके नाम भाजपा के अधिकृत प्रत्याशियों की सूची में शामिल थे। कांग्रेस की अधिकृत सूची में शामिल महज 4 ही सदस्य चुनाव जीते है। इसके अलावा कांग्रेस और भाजपा से बागी होकर 3-3 लोग चुनाव में जीत दर्ज कर सके है। जिला पंचायत में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव के लिए किसी एक खेमे के पास कम से कम 11 सदस्य होना जरूरी है। फिलहाल आसार भाजपा के पक्ष में है।
7 साल पुरानी कहानी का खौफ
जिला पंचायत के पिछले बोर्ड में भी भाजपा के 11 उम्मीदवार जीते थे, कांग्रेस के पास 10 सदस्यों का आंकड़ा था। भाजपा ने अध्यक्ष पद के लिए डा. मदन चौहान को उम्मीदवार बनाया था। बहुमत का आंकड़ा भाजपा के पास था लिहाजा डा. मदन चौहान की जीत भी लगभग तय मानी जा रही थी। ऐन वक्त पर भाजपाई खेमे में कांग्रेस ने सेंध मारने में सफलता हांसिल कर ली। भाजपाई खेमे के दो लोग टूट गए और इसके साथ ही जिला पंचायत में भाजपा के कब्जे का सपना भी टूट गया था। मदन चौहान महज 2 वोट से हार गए थे।
सदस्य संख्या कम होने के बावजूद महेश परमार(तराना विधायक) जिला पंचायत अध्यक्ष और भरत पोरवाल उपाध्यक्ष बन गए थे। तब के भाजपा के जिला अध्यक्ष श्याम बसंल को संगठन ने इस लापरवाही पर खूब लताड़ लगाई थी, तब से श्याम बंसल भाजपा संगठन में हाशिए पर है। इस बार भी भाजपा के 11 लोग जीते है। पिछले अनुभव के आधार पर पार्टी के नेता इस बार कोई रिस्क नहीं लेना चाहते। यही वजह है कि जीते हुए सभी सदस्यों को एकजुट रखने के लिए शहर से बाहर भेजने की तैयारी की गई है।
इन्हें मिले जीत के प्रमाण पत्र
भाजपा- वार्ड नंबर 1 शोभाराम मालवीय, वार्ड नंबर 4 अमरसिंह पटेल, वार्ड नंबर 6 अजीता परमार, वार्ड नंबर 7 ईश्वर जिगर, वार्ड नंबर 8 ओमप्रकाश राजोरिया, वार्ड नंबर 14 राधिका गजेंद्र सिंह, वार्ड नंबर 15 शारदाबाई राकेश चंद्रवंशी, वार्ड नंबर 18 कमलाबाई अंतरसिंह, वार्ड नंबर 20 रामप्रसाद पंड्या, वार्ड नंबर 21 श्यामूबाई मोहरी।
कांग्रेस- वार्ड नंबर 3 मंजू वर्मा, वार्ड नंबर 11 दरजीत कौर, वार्ड नंबर 13 रतनबाई मंडोवरा, वार्ड नंबर 16 राधा भीमराज मालवीय, वार्ड नंबर 19 हेमलता बालूसिंह पंवार।
निर्दलीय- वार्ड नंबर 2 सुरेश चौधरी, वार्ड नंबर 5 शिवानी कुंवर, वार्ड नंबर 9 मुकेश परमार, वार्ड नंबर 10 श्यामसिंह चौहान, वार्ड नंबर 12 प्रताप सिंह आर्य, 17 बालू बंजारा।
कमलाकुंवर के अध्यक्ष बनने की संभावना
जिला पंचायत अध्यक्ष का पद महिला अनारक्षित है। भाजपा के 11 विजयी उम्मीदवारों में सामान्य वर्ग से दो महिलाएं चुनकर आई है। खाचरौद क्षेत्र से राधिका गजेंद्र सिंह और बडऩगर क्षेत्र से कमलाबाई अंतरसिंह बरडिय़ा इन दोनों महिलाओं में से किसी एक का जिला पंचायत अध्यक्ष चुना जाना है।