चंद्रग्रहण आज: महाकाल की दो आरतियां होंगी ग्रहण से प्रभावित

सूतक सुबह 9.21 से शाम 6.19 तक रहेगा, उज्जैन में 36 मिनट रहेगा ग्रहण

उज्जैन, अग्निपथ। कार्तिक पूर्णिमा पर आज 8 नवंबर को चंद्र ग्रहण रहेगा। कार्तिक अमावस्या के ठीक 15 दिन बाद पूर्णिमा पर यह दूसरा ग्रहण होने जा रहा है। उज्जैन में शाम 5.43 से शाम 6.19 बजे तक 36 मिनट ग्रहण रहेगा। चंद्रग्रहण का सूतक सुबह 9.21 बजे से लग जायेगा। इसके कारण श्री महाकालेश्वर मंदिर में मंगलवार को ग्रहण के मोक्ष के बाद मंदिर का शुद्धिकरण कर भगवान की संध्या पूजन व आरती की जाएगी। वहीं मंगलनाथ और अंगारेश्वर मंदिर में भातपूजा पर प्रतिबंध रहेगा।

ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला ने बताया कि खग्रास चंद्रग्रहण है, लेकिन अपने यहां खग्रास नहीं दिखाई देगा। यहां चंद्रमा ग्रहण लगा हुआ उदित होगा। ग्रहण लगेगा 2.40 बजे से और 6.19 मिनट पर मोक्ष होगा। आंशिक चंद्रग्रहण दिखाई देगा। वो भी नीचे होने के कारण छत पर चढक़र या यंत्र से दिखाई देगा। इस नाते उसका दर्शन थोड़ी देर के लिए होगा। इसका पालन सूर्य के पहले से करना चाहिए और मोक्ष के बाद भोजन, पूजन, पाठ किया जाना चाहिए।

सूतक आज सुबह 9.21 बजे से लगेगा

पं. डब्बावाला के अनुसार चंद्र ग्रहण सूतक सुबह 9.21 बजे शुरू होगा और सूतक काल शाम 6.19 बजे समाप्त होगा। सूर्य ग्रहण के दौरान 4 प्रहर के लिए सूतक मनाया जाता है और चंद्र ग्रहण के दौरान ग्रहण से पहले 3 प्रहर के लिए सूतक मनाया जाता है। सूर्योदय से सूर्योदय तक कुल 8 प्रहर होते हैं। इसलिए सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले और चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक मनाया जाता है।

मंगलनाथ व अंगारेश्वर में नहीं होगी भात पूजा

इस बार मंगलवार 8 नवंबर को शाम को चंद्र ग्रहण होने और सुबह से ही ग्रहण का सूतक होने से मंगलनाथ और अंगारेश्वर मंदिरों में भात पूजा नहीं होगी। श्री मंगलनाथ मंदिर के प्रबंधक केके पाठक ने बताया कि चंद्र ग्रहण का सूतक मंगलवार को सुबह से शुरू होकर ग्रहणकाल शाम 5.43 से 6.19 बजे तक रहेगा। श्री मंगलनाथ मंदिर और श्री अंगारेश्वर महादेव मंदिर पर गर्भगृह में प्रवेश तथा पूजन पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा।

शुद्धिकरण के बाद होगी संध्या पूजन व भोग आरती

कार्तिक मास की पूर्णिमा 8 नवंबर पर खग्रास चंद्रग्रहण होने के कारण संध्या के समय ग्रहण के स्पर्श होने के बाद महाकाल मंदिर के गर्भगृह में किसी का प्रवेश नहीं होगा। मंदिर के पुजारी आशीष पुजारी ने बताया कि ग्रहण काल के दौरान भगवान का स्पर्श नहीं किया जाता है। ग्रहण का सूतक सुबह से ही लग जाएगा। इसलिए भगवान की सुबह 11 बजे की आरती के दौरान भी सूतक रहेगा। ग्रहण काल समाप्त होने के पश्चात सम्पूर्ण मंदिर का शुद्धिकरण होगा। इसके बाद श्री महाकालेश्वर भगवान को भोग लगेगा और संध्या पूजन व आरती होगी।

चंद्र ग्रहण का राशियों पर असर

  1. मेष- अधिक सोचने से बचने वाला समय क्योंकि इसी राशि पर ग्रहण है चिंता वाली बात नहीं।
  2. वृषभ- आय में वृद्धि होगी, नए-नए स्त्रोत खुलेंगे।
  3. मिथुन- न्यू स्टार्टअप्स का लाभ मिलने लगेगा।
  4. कर्क- विवादों को डालने का प्रयास करें, सफलता अवश्य मिलेगी।
  5. सिंह- पुराने धन की प्राप्ति का समय है प्रयास करने से सफलता।
  6. कन्या- ब्लाइंड इन्वेस्टमेंट करने से बचें नुकसान की संभावना।
  7. तुला- निर्णय क्षमता को विकसित करने का समय सोच समझकर क्या आगे बढ़े।
  8. वृश्चिक- प्रॉपर्टी के विवाद से बच कर अपने कार्य को आगे बढ़ाएं।
  9. धनु- आध्यात्मिक व धार्मिक उन्नति के साथ साथ आय के रास्ते खुलेंगे।
  10. मकर- राजकीय पद मिलने की संभावना प्रयास करें।
  11. कुंभ- पारिवारिक संपत्ति के साथ साथ पुराने प्रयास में सफलता का योग।
  12. मीन- अनुभव के साथ योग्यता का लाभ मिल सकता है एंगल बदलना होगा।

2023 में कब-कब होंगे सूर्य-चंद्र ग्रहण

अगले साल 20 अप्रैल को सूर्य ग्रहण होगा। 5 मई 2023 को उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा, इसकी धार्मिक मान्यता नहीं है। 14 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण होगा। ये तीनों ग्रहण भारत में नहीं दिखेंगे। 28 अक्टूबर को आंशिक चंद्र ग्रहण रहेगा। ये देश में दिखेगा।

2040 में फिर बनेगा दिवाली और देव दिवाली पर सूर्य-चंद्र ग्रहण का योग

आज कार्तिक पूर्णिमा और देव दिवाली (8 नवंबर) की शाम 4.23 बजे से अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखने लगेगा। देश के पूर्वी हिस्से के अलावा बाकी शहरों में आंशिक चंद्र ग्रहण दिखेगा, जो कि 6.19 बजे खत्म होगा। इसके बाद उपच्छाया चंद्र ग्रहण शुरू होगा और ये 7.26 बजे तक रहेगा। पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र के मुताबिक 2022 से पहले सूर्य और चंद्र ग्रहण का ऐसा योग 2012 और उससे पहले 1994 में बना था। 2012 में 13 नवंबर को दिवाली पर सूर्य ग्रहण और 28 नवंबर को देव दिवाली पर चंद्र ग्रहण हुआ था। 1994 में 3 नवंबर को दिवाली पर सूर्य ग्रहण और 18 नवंबर को देव दिवाली पर चंद्र ग्रहण हुए थे। अब ऐसा संयोग 18 साल बाद बनेगा। 2040 में 4 नवंबर को दिवाली पर आंशिक सूर्य ग्रहण (भारत में नहीं दिखेगा) और 18 नवंबर को देव दिवाली पर पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, ये ग्रहण भारत में दिखेगा।

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