ऑनलाइन प्रक्रिया में उलझा मेला अब तक 91 दुकानों का ही आवंटन

उज्जैन, अग्निपथ। कार्तिक मेले में दुकान आवंटन की नई ऑनलाईन प्रक्रिया ने पूरे मेले व्यवस्था को ही उलझा कर रख दिया है। मेले में 634 दुकानें ऑनलाईन आवंटित होना है लेकिन इनमें से अब तक केवल 91 दुकानें ही आवंटित हो सकी है। इसके ठीक उलट बाहर से आए कई व्यापारियों ने बिना दुकान आवंटन हुए, बिना रसीद कटाए ही कई दुकानों में अपना सामान रख लिया। बुधवार की दोपहर मेले में पहुंचे निगम अमले को यह सामान हटवाना पड़ा।

कार्तिक मेला शुरू हुए 2 दिन बीत चुके है। मेले में अब तक न दुकानें लग सकी है न ही झूले-चकरी लगे है। दुकान आवंटन की नई ऑनलाईन प्रक्रिया अब तक कई व्यापारियों के पल्ले ही नहीं पड़ी है। पद्मिनी बाजार की 471 और ब क्षेत्र की 173 सहित कुल 634 दुकानों के लिए अलग-अलग अवधि में टेंडर कॉल किए गए। इनमें से केवल 91 दुकानों का ही अब तक आवंटन हो सका है। बुधवार को 200 से ज्यादा दुकानों के लिए टेंडर डालने की आखिरी तारीख थी। कितने टेंडर डले यह फिलहाल साफ नहीं हो सका है। अगले 3 दिन में नगर निगम में लगभग 513 दुकानों के लिए टेंडर खोले जाएंगे।

व्यापारियों का सामान हटवाया

दूसरे शहरों से कार्तिक मेले में व्यापार करने आए कई लोगों ने मेला क्षेत्र में लगे टीन शेड में अपने सामान जमा लिए थे। इनमें से कई व्यापारी ऐसे है जो हर साल कार्तिक मेले में व्यापार के लिए उज्जैन आते है लेकिन दुकानों के ऑनलाईन आवंटन की नई प्रक्रिया की इन्हें जानकारी नहीं मिल सकी थी।

व्यापारी हर साल आते है, पहले से किसी ओर के नाम से आवंटित दुकान को उंचे किराए पर लेते है और कारोबार करके वापस लौट जाते है। बाहरी व्यापारी इस बार भी ऐसी ही व्यवस्था मानकर उज्जैन आए थे लेकिन यहां माहौल ही अलग है। बुधवार दोपहर नगर निगम राजस्व विभाग का अमला मेला क्षेत्र में पहुंचा और अनाधिकृत रूप से टीन शेड में रखे सामान को हटवाया। सभी व्यापारियों से कहा गया कि वे निर्धारित प्रक्रिया से दुकान आवंटित कराने के बाद शुल्क रसीद लेकर ही कारोबार शुरू करे।

मौत के कुएं पर विवाद, अब तक नहीं मिली अनुमति

कार्तिक मेले में मौत के कुएं वाली जगह को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद चल रहा है। दोनों ही पक्षों का दावा है कि हर साल मौत के कुएं वाली जगह उन्हें ही आवंटित की जाती है। नगर निगम में यह विवाद पहुंचा तो निगम अधिकारियों ने गेंद एसडीएम के पाले में डाल दी। मौत के कुएं की अनुमति एसडीएम कार्यालय से ही जारी होती है। निगम अधिकारियों का तर्क है कि एसडीएम कार्यालय से जिस किसी को भी मौत के कुएं की अनुमति जारी हो जाएगी, उसे निर्धारित जगह आवंटित कर दी जाएगी।

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