निगम परिषद के सौ दिन से पहले ही सदन में ‘‘उत्तर वालों’’ की उपेक्षा

नगर निगम

हल्के पड़े पहलवान, कार्तिक मेले की समितियों में दक्षिण वालों को अहम जिम्मेदारी

उज्जैन, अग्निनपथ। नगर निगम की ० शनिवार को 100 दिन पूरे हो जाएंगे। 100 दिन के कार्यकाल से पहले ही निगम सदन में भाजपा पार्षदों के बीच ही खेमेबाजी शुरू हो गई है। कार्तिक मेले की समितियों में पार्षदों की जिम्मेदारियां तय करने के मुद्दे पर भाजपा पार्षद दल दो खेमों में बंट गया है।

उज्जैन उत्तर क्षेत्र के भाजपाई पार्षद नगर निगम अध्यक्ष कलावती यादव के खिलाफ लामबंद हो गए है। कार्तिक मेले की कई अहम समितियों में दक्षिण का दबदबा होने के बाद उत्तर क्षेत्र के कई पार्षदों ने संगठन के सामने विरोध जता दिया है। सांसद अनिल फिरोजिया और विधायक पारस जैन ने भी आपत्ति दर्ज कराई है। संभव है कि आने वाले दिनों में उत्तर-दक्षिण खेमों में बंटे भाजपा पार्षद दल की अंदरूनी लड़ाई सार्वजनिक हो जाए।

कार्तिक मेले के आयोजन के लिए केंद्रीय समिति के अलावा 20 समितियों का गठन किया गया है। नगर निगम अध्यक्ष ने इनमें उत्तर और दक्षिण के पार्षदों को बराबर 10-10 समितियों का संयोजक बनाया है। इसके बावजूद उत्तर वालों की नाराजगी बनी हुई है। इसकी वजह है दक्षिण के पार्षदों को वजनदार समितियां मिलना। कवि सम्मेलन, कबड्?डी, कुश्ती, स्वास्थ्य जैसी अहम समितियां दक्षिण के पार्षदों को मिली है जबकि उत्तर वालों के हिस्से में साहित्य, सिद्धवट मेला, स्थानीय कवि सम्मेलन जैसी समितियों में संयोजक का पद मिला है।

विवाद की ये दो मुख्य वजह

  • वार्ड क्रमांक 39 के पार्षद जितेंद्र कुवाल को स्वास्थ्य समिति और कबड्डी स्पर्धा आयोजन समिति में संयोजक बनाया गया है। वे अकेले ऐसे पार्षद है जिनके पास दो महत्वपूर्ण समितियों का प्रभार है, जबकि उन्हें पार्षद बने ही अभी 100 दिन हुए है।
  • मालीपुरा में पार्षद सत्यनारायण चौहान अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन कराते रहे है, महापौर की मंशा थी कि कार्तिक मेले में भी उन्हें ही यह जिम्मेदारी मिले। इसके उलट दक्षिण से सुरेंद्र मेहर को कवि सम्मेलन की जिम्मेदारी सौंपी गई। सत्यनारायण चौहान को साहित्य समिति का संयोजक बनाया गया। इस समिति के पास न ज्यादा बजट है न ज्यादा काम।

अध्यक्ष से नीचे सांसद-विधायक

कार्तिक मेले की केंद्रीय समिति में पिछले कई वर्षो से महापौर को संयोजक का पद मिलता रहा है। इस बार ऐसा नहीं हुआ है। नगर निगम अध्यक्ष कलावती यादव मेले की केंद्रीय आयोजन समिति की संयोजक है। महापौर को संरक्षक बना दिया गया है। हास्यास्पद बात यह है कि निगम अध्यक्ष के संयोजन वाली समिति में उपसंयोजक के रूप में सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक पारस जैन जैसे जनप्रतिनिधियों के नाम जुड़े हुए है। यानि ये जनप्रतिनिधि समिति में निगम अध्यक्ष से जूनियर भूमिका का निर्वहन करेंगे।

उत्तर में डामरीकरण, पहलवान को बताया तक नहीं

नगर निगम में अमूमन यह परंपरा रही है कि जब भी किसी क्षेत्र में कोई छोटा सा भी निर्माणकार्य लोकार्पित किया जाए या उसकी शुरूआत के लिए पूजन किया जाए तो काम भले ही नगर निगम का हो लेकिन संबंधित क्षेत्र के विधायक को उसमें आमंत्रित जरूर किया जाता है। 2 दिन पहले निकास चौराहे से गीता कॉलोनी के बीच वाले हिस्से में सडक़ के डामरीकरण का काम शुरू किया गया। इसमें पूजन अकेले निगम अध्यक्ष कलावती यादव ने किया। उत्तर विधायक पारस जैन को तो इसकी जानकारी भी नहीं थी। कुछ दिन पहले गढक़ालिका मार्ग पर भी डामरीकरण का काम शुरू कराने के दौरान ऐसी ही स्थिति बनी थी।

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