28 अस्थाई दुकानें, 7 मकान हटाकर मुक्त कराई तालाब की जमीन
उज्जैन, अग्रिपथ। मंगलनाथ मंदिर मार्ग पर बुधवारिया के नजदीक प्राचीन गोवर्धन सागर की जमीन से अतिक्रमण हटाने की शुरूआत कर दी गई है। बुधवार सुबह राजस्व अधिकारियों की अगुवाई में नगर निगम और पुलिस की टीम ने चेरिटेबल अस्पताल के सामने वाले हिस्से से 28 अस्थाई दुकानों को हटा दिया है। इसके अलावा नगरकोट माता मंदिर के नजदीक भी तालाब की जमीन पर बने 7 कच्चे मकानों को तोड़ दिया गया है। दोपहर बाद प्रशासन की टीम विक्रमादित्य क्लाथ मार्केट में भी घुस गई थी, हालांकि यहां कार्यवाही शुरू नहीं हो सकी।
सुबह करीब 8 बजे नगर निगम और राजस्व की टीम पुलिस फोर्स और संसाधनों के साथ गोवर्धन सागर पर पहुंच गई थी। गोवर्धन सागर की जमीन पर कब्जा कर गुमटियां संचालित करने वाले लोगों को देर रात ही नोटिस जारी कर दिए गए थे। सुबह जैसे ही यहां टीम पहुंची दुकानदारों से सामान खाली कराना शुरू करवा दिया गया। दोपहर 3 बजे तक यह कार्यवाही जारी रही।
टीन शेड में जाकर बैठ गई महिला
गोवर्धन सागर की जमीन पर मूर्तियां बनाने वाले का अतिक्रमण हटाने के दौरान विवाद हुआ। नगर निगम के कर्मचारियों की टीम शेड तोडऩे पहुंची तो इस परिवार के सदस्य शेड के भीतर जाकर बैठ गए और कार्यवाही का विरोध करने लगे। महिला को महिला पुलिसकर्मियों ने खींचकर बाहर निकाला और उसके बेटे को कोतवाली थाने भेज दिया गया।
साफ हुआ सामने आगे-पीछे का मैदान
गोवर्धन सागर की जमीन पर चेरिटेबल अस्पताल के ठीक सामने वाले हिस्से को दोपहर 1 बजे तक ही पूरी तरह साफ कर दिया गया था। यहां कतारबद्ध 28 से ज्यादा गुमटियां लगी हुई थी। कुछ दुकानदारों ने गुमटियों के पिछले हिस्सों में पक्के निर्माण तक कर लिए थे। तालाब के पिछले हिस्से में नगर कोट माता मंदिर और गणेश टेकरी के नीचे की तरफ भी 7 परिवारों ने टीन शेड के 7 मकान बना लिए थे। इन्हें भी तोड़ दिया गया है।
वीडी मार्केट के गेट बंद किए
दोपहर करीब 2 बजे नगर निगम, पुलिस और राजस्व की टीम विक्रमादित्य क्लाथ मार्केट में भी पहुंच गई थी। कुछ ही गाडिय़ा भीतर जा पाई थी कि मार्केट के व्यापारियों ने दोनों मुख्य प्रवेश द्वार बंद करवा दिए। एसडीएम कल्याणी पांडेय यहां पहुंची। उन्होंने गाड़ी का सायरन बजवाया, इसके बाद भीतर मौजूद पुलिसकर्मियों ने गेट खुलवाया।
मार्केट में खौफ का माहौल
विक्रमादित्य क्लाथ मार्केट में शाम 4 बजे तक बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया था। इस मार्केट के पिछले हिस्से में 1990 के बाद अगल-अलग वर्षो में 52 दुकानें बनाकर बेच दी गई। राजस्व टीम की नपती के मुताबिक ये सभी दुकानें अवैध है और गोवर्धन सागर की जमीन पर बनी है। पुलिस फोर्स और राजस्व अधिकारी यहां पहुंचे तो मार्केट में खौफ का माहौल बन गया। पिछले हिस्से में बनी सारी ही दुकानें बंद हो गई। व्यापारी समूह बनाकर इकट्?ठा हो गए। एसडीएम कल्याणी पांडेय से व्यापारियों ने बात की। एसडीएम ने उन्हें बताया कि फिलहाल वी.डी. मार्केट पार्किंग की उस दीवार को ही ढहाया जाएगा जो गोवर्धन सागर की जमीन पर बनी है। व्यापारियों ने इसके लिए समय मांगा, उन्हें गुरूवार तक का समय दिया गया है। पार्किंग की दीवार हटाने की चेतावनी देकर अमला वापस लौट गया।
जमीन के लालच की हद
गोवर्धन सागर की जमीन पर अतिक्रमण से जुड़े केस जब कोर्ट में विचाराधीन थे, इस दौरान भी तालाब की जमीन पर अतिक्रमण होता जा रहा था। विक्रमादित्य क्लाथ मार्केट के पिछले हिस्से में तालाब की जमीन के नए हिस्से पर मलबा डालकर वाहनों के लिए पार्किंग बना दी गई। तालाब की जमीन के बड़े हिस्से को समतल करने के बाद इसके आसपास टीन शेड खड़ा कर दिया गया। आने वाले समय में यहां भी नई दुकानें बनाने की तैयारी हो रही थी।
एक नजर गोवर्धन सागर पर
- गोवर्धन सागर का स्कंद पुराण के अवंति खंड सहित अन्य धार्मिक ग्रंथो में शहर के प्राचीन सप्तसागरों में से एक के रूप में उल्लेख मिलता है।
- ग्वालियर रियासतकाल के 1927 के राजस्व रिकार्ड के मुताबिक गोवर्धन सागर की 36 बीघा 18 बिस्वा( करीब 7.176 हेक्टेयर) शासकीय भूमी है।
- राजस्व विभाग द्वारा की गई नपती में इस तालाब की 1.150 हेक्टेयर जमीन पर अतिक्रमण पाया गया है।
- भानुशाली गृह निर्माण संस्था इस तालाब की जमीन पर स्वामित्व का दावा कर रही थी। इसी साल अगस्त महीने में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(एनजीटी) की बैंच ने गोवर्धन सागर तालाब की भूमि के मामले में राजस्व विभाग के पक्ष में फैसला दिया है। जिला न्यायालय ने भी इस जमीन को शासकीय घोषित किया है।
- अगस्त में एनजीटी का फैसला आने के बाद राजस्व अमले ने अतिक्रमण चिन्हित करने की कार्यवाही की। इसमें तालाब की जमीन पर कुल 98 अतिक्रमण मिले है।
पूरे दिन की कार्यवाही में कुल 35 अतिक्रमण हटाए गए है। वी.डी. मार्केट पार्किंग की एक वॉल हटाने पहुंचे थे, व्यापारियों को कल तक का समय दिया गया है। मार्केट के भीतर गोवर्धन सागर की जमीन पर बनी दुकानों को हटाने के लिए कागजी प्रक्रिया जारी है। नगर निगम से इन्हें विधिवत नोटिस जारी होगा, इसके बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।
– कल्याणी पांडेय, एसडीएम शहर