असम के बाद उड़ीसा के श्रद्धालु ठगाये काम करने का एक जैसा तरीका

होटल बुक कराने के नाम पर आनलाइन ठगी का गेम जारी

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग परिसर के विस्तारीकरण के बाद श्री महाकाल लोक के लोकार्पण होने के बाद बड़ी संख्या में देशभर से भक्त यहां पहुंच रहे है। ऐसे में देश के अन्य राज्यों के श्रद्धालुओं के साथ फर्जी वेबसाइट बनाकर कमरा बुक करने के नाम पर आनलाइन ठगी की जा रही है। उड़ीसा के एक भक्त को कमरे बुकिंग करने के नाम पर ऑनलाइन 9 हजार रूपए की ठगी हुई है। भक्त जब उज्जैन पहुंचे तो उन्हे वास्तविकता पता चली। इसके पूर्व भी 14 अक्टूबर को असम गुवाहाटी से आये श्रद्धालुओं से होटल बुकिंग के नाम पर आनलाइन ठगी कर ली गई थी।

महाकालेश्वर मंदिर दर्शन को आने वाले देश के दूरदराज के श्रद्धालुओं से आनलाइन ठगी की वारदातें की जा रही हैं। श्रद्धालुओं के साथ ठगी करने के लिए फर्जी वेबसाइट बनाकर फर्जी मोबाइल नंबर डालकर कमरा बुकिंग कराने के नाम पर ठगी हो रही है। ऐसा ही एक मामला रविवार को सामने आया है। महाकाल थाना पुलिस ने बताया उड़ीसा निवासी प्रोफेसर देवदत्त पिता रामनाथ पात्र उम्र 60 वर्ष ने थाने में आकर शिकायती आवेदन दिया है।

श्रद्धालुओं ने बताया कि श्री महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए उज्जैन आने के पहले उनके परिवार ने 17 अक्टूबर को गूगल मैप पर सर्च कर ठहरने के लिए होटल चेक की थी। जिसमें भक्त निवास के नाम से एक वेबसाइट देखकर उसमें दिए मोबाइल नंबर पर कमरा लेने के लिए चर्चा की। कमरों का किराया और व्यवस्था बताने के बाद संबंधित व्यक्ति द्वारा दो कमरे बुक कराने के लिए 9 हजार रूपए ऑनलाइन पैमेंट करवाया गया।

पैमेंट होने के बाद प्रोफेसर ने दो परिवार के लिए अलग-अलग कमरे देने का कहा तो संबंधित व्यक्ति ने बताया कि दो अलग-अलग कमरे लेने के लिए 4500-4500 रूपए दो कमरे के लिए कुल 9 हजार रूपए ऑनलाइन डालने के बाद बुकिंग की जाएगी। मोबाइल पर बात करने वाले व्यक्ति ने कहा कि जो राशि 9 हजार पहले दीे है वह राशि उज्जैन आने पर लौटा दी जाएगी। संबंधित व्यक्ति की बातों पर संदेह होने से प्रोफेसर ने दो अलग कमरों के लिए रूपए नहीं डाले। प्रोफेसर देवदत्त पात्र जब रविवार को उज्जैन पहुंचे तो सारी स्थिति पता चली। श्रद्धालु ने अपने साथ ठगी होने के बाद महाकाल थाने पहुंचकर शिकायती आवेदन दिया है।

असम के भक्तों को 14 अक्टूबर को ठगा

गुवहाटी असम के रहने वाली लिपी चक्रवर्ती ने उज्जैन में 14 और 15 अक्टूबर को अपने माता पिता और बच्ची इस तरह से 4 लोगों के लिये मोदी की गली में स्थित अग्रवाल भवन में ठहरने के लिये आनलाइन दिखाई दे रहे नंबर पर संपर्क किया। यहां पर उनको क्यूआर कोड स्कैन करने और 1400 रुपये जमा करने को कहा गया। लिपी चक्रवर्ती ने स्कैन करने के बाद रुपये खाते में डाल दिया और मोबाइल पर ओके का चिह्न भी आ गया। लेकिन अग्रवाल धर्मशाला के नंबर पर संपर्क करने पर पता चला कि पैसे उनके खाते में ट्रांसफर नहीं हुए हैं। बीतचीत में उनसे फिर से 9 हजार रुपये आनलाइन जमा करवाने को कहा गया। एक बार अपने साथ धोखा होने के बाद लिपी चक्रवर्ती ने 9 हजार रुपये नहीं डाले और भगवान महाकाल के दर्शन के लिये उज्जैन पहुंच गईं।

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