उज्जैन, अग्निपथ। नववर्ष के पहले रविवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन को उमड़े। यह पहली बार है कि जब 28 हजार श्रद्धालुओं ने ऑनलाइन बुकिंग कराई है। सुबह से रात तक लगभग 40 हजार श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन कर चुके थे।
नववर्ष के पहले दिन की ही तरह महाकाल के दरबार में पहले रविवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन को उमड़ पड़े। शंख द्वार से लेकर श्रद्धालुओं की लाइन महाकाल धर्मशाला के पीछे वाले वीआईपी गेट तक लग गई थी। शंख द्वार में प्रवेश करने से पहले पूर्व में लगाए गए बैरिकेड से होकर गुजरना पड़ रहा था। यहां पर मंदिर अधिकारियों की जगह पुलिसकर्मी व्यवस्था संभालते हुए देखे गए। भीड़ बढऩे पर बिना मैसेज चेक किए फ्री फॉर ऑल दर्शन की व्यवस्था के तहत श्रद्धालुओं को दर्शन कराए जाते रहे। श्रद्धालुओं की संख्या कम होने पर उनके मैसेज चेक कर प्रवेश व्यवस्था भी बीच-बीच में जारी की जाती रही। दैनिक अग्निपथ की खबर का असर यह रहा कि रविवार को शंख द्वार और वीआईपी गेट पर बड़ी संख्या में पुलिस बल की उपस्थिति में श्रद्धालुओं को प्रवेश कराया जाता रहा। सुबह से लेकर रात तक श्रद्धालु लगातार भगवान महाकाल के दर्शन करते रहे।
सुबह 6 बजे से कतार
रविवार को नव वर्ष के पहले दिन की ही तरह मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ सुबह 6 बजे से ही आने लगी थी। यह क्रम रात तक जारी रहा। ऑनलाइन दर्शन की सभी 28 हजार सीटें दोपहर 3 बजे तक फुल हो चुकी थीं। रात तक लगभग 40 हजार श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन कर लाभान्वित हुए। बड़ी संख्या में भीड़ के आगमन को देखते हुए मंदिर कर्मचारी भी अचंभित दिखे। अवकाश का दिन होना इसकी वजह बना।
केवल दो लाख के टिकट बिके
शंख द्वार पर बीच-बीच में की गई फ्री फॉर ऑल व्यवस्था के चलते यहां पर मौजूद काउंटर से दोपहर 2 बजे तक 750 टिकट का ही विक्रय हो पाया। इससे मंदिर को केवल दो लाख रुपए की ही आमदनी हो पाई थी। काउंटर कर्मियों का कहना था कि यदि फ्री फॉर ऑल व्यवस्था लागू नहीं की जाती तो यह आंकड़ा लगभग 5 गुना अधिक होता। हालांकि फ्री फॉर ऑल व्यवस्था के तहत श्रद्धालुओं को आसानी से भगवान महाकाल के दर्शन हुए और सभी ने इस व्यवस्था की प्रशंसा भी की।
मंदिर समिति सदस्य ने किया विवाद
शंख द्वार पर सुबह के समय मंदिर समिति सदस्य दीपक मित्तल अपने परिचित 8 श्रद्धालुओं को लेकर पहुंचे और दो टिकट पर उनको उपस्थित निरीक्षक लश्करी से प्रवेश देने को कहा। निरीक्षक लश्करी ने जब दो टिकट पर इन श्रद्धालुओं को निकालने से मना किया तो श्री मित्तल ने विवाद करते हुए कहा कि- तू कौन होता है। श्री लश्करी ने इसके बावजूद प्रवेश नहीं करने दिया तो मंदिर समिति सदस्य श्री मित्तल अपने साथ आए हुए श्रद्धालुओं को वापस लेकर लौट गए।
दोपहर 2 बजे तक 800 प्रोटोकॉल
रविवार को जिला प्रोटोकोल द्वारा दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को नंबर जारी किए जाते रहे। दोपहर 2 बजे तक करीब 800 प्रोटोकॉल प्राप्त श्रद्धालु दर्शन कर चुके थे। इसी समय तक 200 श्रद्धालुओं के मैसेज पोर्टल पर दर्ज हो चुके थे। प्रोटोकाल अधिकारी मनीष शर्मा द्वारा प्रोटोकॉल प्राप्त सभी श्रद्धालुओं का आधार कार्ड देखा जा रहा था। इसके पश्चात ही उनको प्रवेश करने देने की अनुमति प्रदान की जाती रही। उनको सफेद रंग की पर्ची पर अनुमति जारी की जा रही थी।