श्रद्धालु कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों को करते हैं परेशान, सुबह से लेकर शाम तक लगी रहती है भीड़
उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में महाकाल लोक का निर्माण होने के बाद लगातार भीड़ का दबाव बढ़ता जा रहा है। महाकालेश्वर मंदिर देश सहित विदेश के श्रद्धालु भी पहुंच रहे हैं। लेकिन यहां पर जानकारी का अभाव होने के कारण श्रद्धालु यहां वहां भटकने को मजबूर हो रहे हैं। यदि श्रद्धालु सही हाथ में पहुंच जाता है तो ठीक, अन्यथा उसको आर्थिक नुकसान की संभावना रहती है। मंदिर में एक भी जगह पूछताछ केन्द्र स्थापित नहीं किया गया है। जिसके चलते श्रद्धालु पूछते पूछते अपने गंतव्य की ओर पहुंच रहे हैं।
महाकालेश्वर मंदिर में विडंबना है कि श्रद्धालु को पहुंचने के बाद भगवान महाकाल के दर्शन के लिये बहुत संघर्ष करना पड़ता है। मंदिर आने के बाद एक तो हारफूल वाले उनको अपने झांसे में लेने का प्रयास करते हैं। इनसे बचे तो टिकट काउंटर पर पहुंचते हैं। यहीं पर वह मौजूद कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों से जानकारी लेने का प्रयास करने लगते हैं। ऐसे में प्रोटोकाल कार्यालय के बाहर पूछताछ करने वालों की भारी भीड़ जमा होकर व्यवस्था बिगाडऩे लगती है। यहां पर मौजूद कर्मचारी और सुरक्षाकर्मी श्रद्धालुओं को सुबह से लेकर शाम तक जवाब देते देते परेशान हो जाते हैं। विशेषकर 1500 रु. जलाभिषेक श्रद्धालु।
होर्डिंग फलैक्स होने के बावजूद
हारफूल वालों से बचकर श्रद्धालु सीधे प्रोटोकाल कार्यालय पहुंचते हैं। यहां पर शीघ्र दर्शन करने के लिये उनको 250 रु. की टिकट तो आसानी से मिल जाती है, लेकिन जब भगवान महाकाल का अभिषेक करना हो और उस समय टिकट विंडो बंद हो जाय तो भारी भीड़ का सैलाब विंडो के आसपास मंडराता रहता है। हालांकि प्रोटोकाल कार्यालय के बाहर होर्डिंग फलैक्स लगे हुए हैं। लेकिन श्रद्धालु जल्दीबाजी के चक्कर में इनको बिना पढक़र कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों से जानकारी जुटाने लगता है।
दलालों के चंगुल में फंस जाते
श्रद्धालु पूछताछ के अभाव में दलालों के चंगुल में फंस जाता है। रास्ते में श्रद्धालुओं को पहुंच मार्ग पर हारफूल वाले रोक लेते हैं। उनको महंगा फूल प्रसाद तो टिकाया ही जाता है। आवश्यकता पडऩे पर उनको दर्शन भी करवा दिये जाते हैं। इसका उनसे भारीभरकम रकम वसूल की जाती है। बकायदा उनका मार्गदर्शन हारफूल वालों द्वारा किया जाता है।
चार काउंटर लगाने की दरकार
तात्कालिन प्रशासक के कार्यकाल के दौरान 5 नंबर गेट पर एक पूछताछ काउंटर को लगाया गया था। इसको हटाकर मंदिर परिसर में रख दिया गया था। श्रद्धालुओं के यहां पर कम पूछताछ करने आने के कारण इसको बंद कर दिया गया था। यहां के कर्मचारियों को भी इधर उधर के कार्यों में लगा दिया गया। अब जब महाकाल लोक में बड़ी संख्या में श्रद्धालु अवलोकन करने के लिये आ रहे हैं तो मंदिर की ओर से तीन से चार पूछताछ काउंटरों की स्थापना यहां पर जरूरी हो जाती है। एक पूछताछ केन्द्र प्रोटोकाल कार्यालय के विंडो पर, दूसरा त्रिवेणी संग्रहालय के पास, तीसरा पांच नंबर गेट और चौथा काउंटर मंदिर परिसर में स्थापित किया जाय तो श्रद्धालुओं को भटकने संबंधी आ रही परेशानी काफी हद तक दूर हो सकती है।