उच्च न्यायालय इंदौर में शिकायतकर्ता ने याचिका वापस ली
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में सुरक्षा का जिम्मा अब जल्दी ही क्रिस्टल इंट्रीग्रेटेड सर्विसेस के हाथों में आ सकता है। 10 मई को सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता ने उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ से अपनी जनहित याचिका वापस ले ली है।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में सुरक्षा को लेकर मंदिर प्रबंध समिति ने निविदा निकाली थी। जिसमें 9 सुरक्षा कंपनियों ने भागीदारी की थी। 7 कंपनियों को तकनीकी बीड में 100-100 अंक मिले। जबकि पायोनियर को 90 और आरएस सिक्योरिटी को 95 अंक मिले थे। शर्त यह थी कि 70 अंक से ऊपर लाने वाली कंपनियां निविदा की अगली प्रक्रिया वित्तीय बीड की पात्र होगी।
इस तरह सभी 9 कंपनियों को वित्तीय निविदा की पात्रता मिल गई। जबकि एंजिल, बालाजी, सीआईएस, फस्र्ट-मेन, रक्षा व सिंह इंटेलीजेंस सहित क्रिस्टल इंटीग्रेटेड को 100-100 अंक मिले थे। बताया जाता है कि महाराष्ट्र की क्रिस्टल कंपनी का इसमें टेंडर फायनल हुआ था। क्रिस्टल कंपनी के पास मुंबई म्युनिसीपल कॉरपोरेशन (बीएमसी), तुलजा भवानी मंदिर, एचडीएफसी बैंक, फिनिक्स मॉल, मुंबई एयरपोर्ट और शाहरुख खान का निवास मन्नत की सुरक्षा का जिम्मा भी है।
क्रिस्टल इंट्रीग्रेटेड सर्विसेस प्रायवेट लिमिटेड के टेंडर का खुलासा के बाद से ही निविदा की शर्तो को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। इस मामले में पहले लोकायुक्त मेें शिकायत हुई और उसके बाद सुदर्शन काम्पलेक्स पीथमपुर जिला धार निवासी ओमप्रकाश पिता बाबूलाल धाकड़ ने 6 अप्रैल 2023 को माननीय उच्च न्यायालय इंदौर में जनहित याचिका दायर कर दी। याचिकाकर्ता ने इस मामले में प्रमुख सचिव अध्यात्म विभाग, श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति अध्यक्ष, मंदिर समिति प्रशासक और क्रिस्टल इंटीग्रेटेड सर्विसेस की डायरेक्टर को पार्टी बनाया था।
याचिकाकर्ता अचानक पीछे हटे
10 मई को इस मामले में उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ में सुनवाई थी। जिसमें याचिकाकर्ता ओमप्रकाश धाकड़ द्वारा अचानक याचिका को वापस ले ली गई, इस कारण माननीय उच्च न्यायालय ने पिटीशन को डिसमिस कर दिया है।
कौन हैं याचिकाकर्ता
याचिकाकर्ता ओमप्रकाश धाकड़ वीजासन सिक्योरिटी प्रायवेट लिमिटेड के संचालक हैं। पीथमपुर निवासी श्री धाकड़ एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी हैं और उज्जैन में भी रह चुके हैं।
गलत नाम से लगा दी थी याचिका
इस बाबत याचिकाकर्ता ओमप्रकाश धाकड़ ने अग्निपथ को दूरभाष पर बताया गया कि याचिका में गलत लोगों को पार्टी बना लिया था, इस कारण वापस ली है। जबकि उनकी शिकायत सही हैं। दोबारा कोर्ट में जायेंगे के सवाल पर श्री धाकड़ ने बताया कि अभी सोचा नहीं है।
कोर्ट में कदम भले ही पीछे हटे, लेकिन शिकायत के मुद्दे आज भी जीवित
ओमप्रकाश धाकड़ ने सुरक्षा एजेंसी क्रिस्टल इंट्रीग्रेटेड सर्विसेस को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाते हुए पहले लोकायुक्त में शिकायत हुई और उसके बाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। निविदा की इन शर्तों के उल्लंघन को आधार बनाकर की गई थी शिकायत
1- क्रिस्टल इंटीग्रेटेड सर्विसेज प्रायवेट लिमिटेड को कार्य देने का आधार 500 करोड़ टर्न ओवर बनाया है। जबकि निविदा में मेरिट के आधार पर नम्बरिंग की गई। यह पैमाना गलत है। इससे जाहिर होता है कि निविदा को कंपनी विशेष को लाभ प्रदान करने के लिए बनाया गया था
2- क्रिस्टल इंटीग्रेटेड सर्विसेज प्रायवेट लिमिटेड के पास सुरक्षा कार्य हेतु वैध पसारा लायसेंस नहीं है। कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए निविदा में 30 दिन में पसारा लायसेंस देने की शर्त डाली गई। जबकि पसारा नहीं होने के चलते, क्रिस्टल निविदा डालने में ही सक्षम नहीं थी। कंपनी को लाभ दिलाने के लिए शर्त डाली गई। जो कि निजी सुरक्षा एजेंसी नियम 2005 का सरासर उल्लघंन है।
3- क्रिस्टल के पास टर्न ओवर सुरक्षा का नहीं है। मैन पॉवर का है। जबकि निविदा सुरक्षा की निकली। मैन पॉवर का टर्न ओवर 500 करोड़ मिलाकर मान्य किया जाना, कंपनी को लाभ पहुंचाने का मकसद दर्शाता है।
4- प्रबंध समिति ने 5 प्रतिशत सर्विस चार्ज रखा। जबकि मंदिर का संचालन दान से होता है। पूर्व की कंपनिया 1 प्रतिशत में काम करती आ रही है। तो 5 प्रतिशत चार्ज करना, सीधे-सीधे कंपनी को 1 करोड़ का लाभ पहुंचाना है।
5- प्रीबिड के समय जो आपत्तियां आई। उनका सही निराकरण नहीं किया गया और ना ही अनुमोदन। बिना अनुमोदन के क्रिस्टल को लाभ पहुंचाने के लिए 31 जनवरी 2023 को निविदा में संशोधन कर दिया गया।
6- निविदा के पेज नं. 12 पर लिखी शर्तो में से बिना सक्षम स्वीकृति के 1 शर्त को विलोपित कर दिया गया। जिसका फायदा क्रिस्टल कंपनी को मिला।
7- निविदा में स्टार्ट-अप और एमएसएमई का पालन नहीं किया गया।
8- निविदा सुरक्षा की जारी हुई थी। किन्तु क्रिस्टल को लाभ देने के लिए शर्तो में फेरबदल किया गया। टर्न ओवर में लाभ पहुंचाने के लिए सुरक्षा/ मैन पॉवर कर दिया गया। मैन पॉवर में कम्प्यूटर ऑपरेटर, नर्स आदि भी आते है। इनका सफाई से क्या संबंध।
9- निविदा में यह अंकित है। चुनी गई सुरक्षा एजेंसी को कम्प्यूटर ऑपरेटर- चपरासी- नर्सिंग स्टाफ- केटरिंग स्टाफ- टाईपिंग- लोडर- इलेक्ट्रीशियन- सिविल इंजीनियर- स्टेनोग्राफर- आर्किटेक्ट- प्लंबर- शिक्षक आदि प्रदान करने होंगे।