2 वर्षों से आरटीई की राशि नहीं मिलने से अशासकीय स्कूलों पर गहराया आर्थिक संकट

उज्जैन, अग्निपथ। राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा 2021 – 22 एवं वर्ष 2022 -23 निशुल्क अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों का शुल्क की राशि का भुगतान नहीं किया गया है। कुछ स्कूलों का तो 2020 – 21 की भी आरटीई की राशि का भुगतान भी नहीं हुआ। राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल की लापरवाही व गलती की सजा वर्तमान सरकार को भुगतने से इनकार नहीं किया जा सकता इस संबंध में अशासकीय शाला संगठन द्वारा जानकारी दी गई कि सरकार के दिशा निर्देश पर 2011 से प्राइवेट स्कूल आरटीई के तहत बच्चों को नि:शुल्क प्रवेश दे रहे है।

निशुल्क शिक्षा अधिकार अधिनियम में स्पष्ट उल्लेखित है कि अशासकीय स्कूलों को उनके अध्ययनरत विद्यार्थियों की शुल्क की राशि सत्र समाप्ति के पूर्व दी जाए किंतु पिछले कई वर्षों से नि:शुल्क शिक्षा की राशि अशासकीय स्कूलों को एक 2 वर्ष बाद ही दी जा रही है इस मनमानी एवं लापरवाही को लेकर कुछ वर्ष पूर्व उज्जैन इंदौर के अशासकीय स्कूलों द्वारा उच्च न्यायालय इंदौर में एक याचिका दायर की थी। इस पर न्यायमूर्ति द्वारा सरकार एवं राज्य शिक्षा केंद्र को स्पष्ट आदेश दिया था कि वह अपने अधिनियम के तहत अशासकीय स्कूलों को निशुल्क शिक्षा की राशि सत्र समाप्ति के पूर्व देवे। आश्चर्य इस बात पर है कि राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा गत दिनों एक आदेश जारी कर निशुल्क शिक्षा की राशि 15 मई तक दिए जाने के आदेश जारी किए गए थे किंतु स्वयं केंद्र अपने आदेशों का ही पालन नहीं कर रहा है।

अधिनियम का उल्लंघन एवं उच्च न्यायालय की अवमानना

निशुल्क शिक्षा अधिकार अधिनियम में स्पष्ट उल्लेखित है कि अशासकीय स्कूलों को उनके अध्ययनरत विद्यार्थियों की शुल्क की राशि सत्र समाप्ति के पूर्व दी जाए किंतु पिछले कई वर्षों से नि:शुल्क शिक्षा की राशि अशासकीय स्कूलों को एक 2 वर्ष बाद ही दी जा रही है इस मनमानी एवं लापरवाही को लेकर कुछ वर्ष पूर्व उज्जैन इंदौर के अशासकीय स्कूलों द्वारा उच्च न्यायालय इंदौर में एक याचिका दायर की थी इस पर न्यायमूर्ति द्वारा सरकार एवं राज्य शिक्षा केंद्र को स्पष्ट आदेश दिया था कि वह अपने अधिनियम के तहत अशासकीय स्कूलों को निशुल्क शिक्षा की राशि सत्र समाप्ति के पूर्व देवे।

देश में सबसे कम राशि मध्यप्रदेश में

केंद्र सरकार द्वारा निशुल्क शिक्षा राशि अधिनियम के तहत प्रदेश सरकारों को राशि प्रदान की जाती है राज्य सरकारों को इसमें कुछ राशि मिलाकर अशासकीय स्कूलों को देना होता है। देश के लगभग सभी राज्यों में निशुल्क शिक्षा की राशि प्रति छात्र प्रति माह 1000 से अधिक होने के बाद भी मध्य प्रदेश सबसे कम राशि देने वाला राज्य है प्रदेश में अभी नर्सरी से आठवीं तक मात्र 500 से 600 रुपए प्रति माह प्रति छात्र राशि दी जा रही है इसके बाद भी अशासकीय स्कूल प्रदेश सरकार की सबको समान अवसर समान शिक्षा एवं शिक्षा के विकास को देखते हुए समान शिक्षा प्रदान कर सहयोग प्रदान कर रहे हैं।

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