बड़े वाहनों के आने-जाने लिए प्राचीन मंदिर तोड़ दिया, मूर्ति-अवशेष मलवे में फेंके

महाकाल मंदिर परिसर में शनिवार को पशुपतिनाथ के ओटले पर नंदी की नई प्रतिमा लगाई, मंदिर प्रशासन ने आंखों पर पट्टी बांधी

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में बुधवार 31 मई की रात को टूटा श्री पशुपतिनाथ का मंदिर निर्माणकर्ता एजेंसी ने तोड़ा है। सूत्रों के मुताबिक उसे बड़े वाहन ले जाने में परेशानी आ रही थी, इस कारण निर्माणकर्ता एजेंसी ने मंदिर तोड़ दिया और उसमें से निकले प्राचीन पत्थर और प्रतिमाएं भी मलबे में फेंक दी। हैरत की बात तो यह है कि मंदिर समिति इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर मौन है।

महाकालेश्वर मंदिर परिसर जूना महाकाल मंदिर के सामने नंदी प्रतिमा के पीछे स्थित अति प्राचीन पशुपति नाथ बुधवार 31 मई की रात को आश्चर्यजनक रूप से तोड़ दिया गया था। सुबह जब मंदिर के पुजारी मंदिर में पहुंचे मंदिर टूटने की जानकारी सामने आई। बुधवार ३१ मई की रात तक यहां पर मंदिर सही सलामत था।

गुरुवार 1 जून की सुबह जब यहां साफ-सफाई और पूजन करने वाले पंडित जी पहुंचे तो उन्हें यहां सिर्फ ओटला मिला। यहां से मंदिर टूट चुका था। मंदिर की छत चारों पिलर सबकुछ टूट चुके थे। मां पार्वती, भगवान नंदी की प्रतिमाएं गायब थीं। जबकि भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा आधी टूटी ओटले पर विराजित थीं। खास बात तो यह है कि मंदिर तोडऩे का वहां कोई अवशेष भी नहीं था। प्राचीन पिल्लर, मंदिर की छत, मूर्तियां, आदि कोई भी सामग्री वहां नहीं छोड़ी थी। सभी को रातों रात हटा दिया गया।

मंदिर समिति मौन

मंदिर टूटे हुए तीन हो गये हैं, लेकिन मंदिर समिति द्वारा इस मुद्दे पर कोई एक्शन नहीं लिया जाता हैरानी की बात है। जिम्मेदार मौन हैं और निर्माणकर्ता को प्रश्रय दे रहे हैं।

प्राचीन अवशेषों को मलवे में फेंका

सूत्रों के मुताबिक महाकाल मंदिर परिसर में काम कर रही निर्माणकर्ता एजेंसी को बड़े वाहनों की आवाजाही में परेशानी आ रही थी, इस कारण उस मंदिर का छत्र तोड़ दिया गया था और रातोंरात मंदिर से निकले प्राचीन छत के अवशेष को मलवे में फेंक दिया गया। इसी दौरान टूटी गई प्राचीन प्रतिमाएं भी मलबे में ही फेंक दी गई है।

शनिवार को श्रद्धालु ने बाबा के पास बिठाए नंदी

यह मंदिर पशुपतिनाथ के रूप में जाना जाता है। यहां पर प्रत्येक सोमवार को पशुपतिनाथ व्रत का धारण करने वाले दर्शनार्थी भी बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। जब लोगों को यह पता चला कि मंदिर को तोडऩे का प्रयास किया गया तो शनिवार को किसी ने वहां पर नंदी की नई प्रतिमा लाकर भोलेनाथ के समक्ष विराजित कर दी है।

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