कृषि विभाग देगा प्रदेश के 2788 ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को 20 हजार रुपए एडवांस
उज्जैन (राजेश रावत), अग्निपथ। प्रदेश के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को सरकार ने मोबाईल उलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। ताकि वे सर्वे और अन्य कार्य में इसका इस्तेमाल कर सके। प्रत्येक ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी को बीस हजार रुपए मोबाइल खरीदने के लिए दिए जा रहे हैं। इसकी राशि उनके खाते में जाएगी। प्रदेश में 2788 और उज्जैन में 59 ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी हैं।
किसान कल्याण एवं कृषि विभाग के अपर संचालक ने मप्र के 52 जिलों के उप संचालकों को पत्र जारी करके निर्देश दिए हैं कि सभी ग्रामीण विस्तार कृषि अधिकारियों को बीस हजार रुपए तक के मोबाईल खरीदने के निर्देश दिए जाएं। मोबाईल खरीदने की पहली 16 हजार रुपए की किस्त उनके खाते में भेजी जा रही है।
चार हजार रुपए मोबाईल का सत्यापन करने के बाद दिए जाएंगे। अगर मोबाईल बीस हजार रुपए से कम का कृषि विस्तार अधिकारी खरीदेंगे तो उन्हें बाकी का पैसा सरकार को लौटाना पड़ेगा। सभी करों समेत मोबाईल की कीमत 20 हजार से कम नहीं होनी चाहिए। मोबाईल चार साल की समय सीमा के लिए सरकारी संपत्ति के तौर पर उनके पास रहेगा। इसके बाद इसकी समय सीमा समाप्त हो जाएगी। कर्मचारी फिर भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। मोबाईल का इस्तेमाल कर्मचारियों को आफिस के ईमेल, विभिन्न माड्यल्स, डाटा अपलोड और संग्रहण, जीआईएस सर्वे किसानों को कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देने के लिए इस्तेमाल करना होगा।
हर साल 25 कीमत घटेगी मोबाईल की
विभाग के नियम के मुबातिक 20 हजार के मोबाईल की कीमत हर साल 25 प्रतिशत कम होती जाएगी। यानी साल चार में मोबाईल की कीमत शून्य हो जाएगी। इन चार साल तक कर्मचारी को मोबाईल संभालकर रखना होगा। अगर गुम हो जाता है तो उसे 25 प्रतिशत की दर से जितने साल मोबाईल रखा है उतने साल छोडक़र बकाया का मोबाईल खरीदकर सरकार को सूचना देनी होगी। इसमें शर्त यह भी है कि चोरी होने या गुम होने के एक माह के भीतर तय मापदंड के मुताबिक ही मोबाईल कृषि विस्तार अधिकारी को अपने खर्च पर खरीदना होगा। वर्ना सरकार को मोबाईल का पैसा लौटाना होगा।
एक साल में रिटायर होने वाले कर्मचारियों को वैकल्पिक रहेगा
विभाग ने स्पष्ट किया है कि एक साल से पहले रिटायर होने वाले कर्मचारियों को मोबाईल खरीदना वैकल्पिक रहेगा। परन्तु मोबाईल न खरीदने पर उन्हें काम अपने मोबाईल से करना होगा। रियाटरमेंट की गणना 1 अप्रैल 2023 से की जा रही है। चूंकि विभाग सभी कृषि ग्रामीण विस्तार अधिकारियों के खाते में पैसा डाल रही है। इसलिए जो मोबाईल नहीं खरीद रहे हैं। पैसा उन्हें लौटाना पड़ेगा। सरकार की तरफ से सीयूजी सिम दी जा रही है। इसमें इंटरनेट डाटा और कॉलिंग की सुविधा भी विभाग के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी।
ये स्पेशिकेशन के मोबाईल खरीदने होंगे
विभाग की आईटी सेल ने मोबाईल खरीदने के मापदंड तय किए हैं। इसके तहत एंड्रायड 11 या इससे उपर के आपरेटिंग सिस्टम के मोबाईल खरीदने होंगे। प्रोसेर क्वालकम स्नेपड्रेगन 695 5 जी, मीडिया टेक हेलियो जी 85 के समकक्ष या इससे ज्यादा वाला होना चाहिए। बैटरी की क्षमता 5000 और लियान, माडल जनवरी 2022, स्टोरेज क्षमता 128 जीबी या इससे ज्यादा होनी चाहिए। रैम 6 जीबी और फ्रंट कैमरा 8 मेगा पिक्सल, क्वाडकोर रियर कैमरा 50+8+2 मेगा पिक्सल का होना चाहिए। प्रिंगर प्रिंट इनेबल, 4 जी, 5जी सपोर्ट वाला मोबाईल ही खरीदना होगा।
धार में सबसे ज्यादा 126 और बुहरहानपुर में सबसे कम 13 ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी
मप्र के 52 जिलों में से सबसे ज्यादा ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी 126 धार जिले में हैं। यहां सरकार ने 25 लाख रुपए से ज्यादा का बजट स्वीकृत किया है। जबकि सबसे कम ग्रामीण विस्तार अधिकारी बुरहानपुर में हैं। नया बना निवाडी जिले में अभी एक भी अधिकारी नहीं है। उज्जैन में 59, इंदौर में 47 और अलीराजपुर में 46, झाबुआ में 69, देवास में 52, शाजापुर में 39, छिंदवाड़ा में 105, बालाघाट में 101, भोपाल में 34, रीवा में 105, सागर में 116 है।
गिरी बोले- सरकार ने लंबे समय बाद मांग मानी
मप्र ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी संघ के प्रांत अध्यक्ष मनोहर गिरी ने कहा कि राजस्व विभाग के पटवारियों के समान ही ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को मोबाईल उपलब्ध कराने की मांग लंबे समय से की जा रही थी। सरकार ने अब मांग मानी है। इसके लिए कृषि मंत्री कमल पटेल और आयुक्त सह संचालक एम सेलवेंद्रन का संगठन आभार मानता है।