जल-जन जागरण यात्रा 10 जून को, चंद्रभागा का जल क्षिप्रा में करेंगे अर्पित
उज्जैन, अग्निपथ। क्षिप्रा नदी को पुन: प्रवाहमान बनाने के लिये सहायक नदी चंद्रभागा पर गहरीकरण एवं चौड़ीकरण कार्य श्रमदान एवं जन सहयोग से किया जा रहा है। इस दौरान स्थान-स्थान पर जल धाराएं भी प्रकट हो रही है। क्षिप्रा नदी संरक्षण अभियान प्रारंभ किया गया है और क्षिप्रा की सहायक नदियों पर कार्य प्रारंभ हुआ है। आज क्षिप्रा के उद्गम स्थान से चम्बल नदी में मिलने वाले स्थान तक तालाब निर्माण, पौधारोपण, सहायक नदियों का पुनर्जीवन सहित जल संरक्षण के अनेक कार्य हो रहे है।
इस बारे में श्री सिद्धक्षेत्र वाल्मीकि धाम के संस्थापक बालयोगी श्री उमेशनाथ जी महाराज ने पत्रकार वार्ता में बताया कि इस अभियान के दौरान सबसे महत्वपूर्ण कार्य है जल से जन को जोडऩे का और यह कार्य संत समाज के बिना संभव नहीं है। इसीलिए वह स्वयं एवं महामंडलेश्वर संतश्री शांति स्वरुपानंद जी महाराज, रामानुज कोट पीठाधीश्वर परम पूजनीय श्री रंगनाथाचार्य जी महाराज, भृर्तहरी गुफा के गादीपति महंत रामनाथ जी महाराज, महाकालेश्वर मंदिर अखाड़े के प्रमुख महंत श्री विनीत गिरि जी महाराज, हिंदुत्व प्रहरी एवं महामंडलेश्वर आचार्य शेखर जी महाराज, महामंडलेश्वर एवं दादू आश्रम के प्रमुख श्री ज्ञानदास जी महाराज, मोनतीर्थ पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी सुमनानंद जी सुमन भाई जी. महामंडलेश्वर श्री शैलेशानंद जी महाराज, श्री महावीर नाथ जी महाराज ऋणमुक्तेश्वर, भारत माता मंदिर उड़ाना की संस्थापक एवं कथा वाचक साध्वी हेमलता दीदी प्रसिद्ध कथावाचक श्री गोपालकृष्ण जी महाराज शक्करखेड़ी, स्वामी नारायण संप्रदाय के प्रमुख श्री आनंद जीवनदास जी महाराज, शीतला माता गौशाला के प्रमुख श्री बालकृष्ण जी महाराज, पं. गिरीश गुरु जी मित्रवृंदाधाम, ब्रम्हाकुमारिज ईश्वरीय विश्व विद्यालय की मंजू दीदी, गायत्री परिवार सहित विभिन्न अखाड़ो के महंत के मार्गदर्शन में सभी संत समाज और आसपास के ग्रामीणजनों एवं उज्जैन के नगरवासियों को साथ लेकर जल-जन जागरण यात्रा का आयोजन होगा ।
यह यात्रा आगामी 10 जून शनिवार को अपरान्ह 3 बजे चंद्रभागा उद्गम स्थल मोहनपुरा बडऩगर रोड से प्रारंभ होकर मोहनपुरा, सिंहस्थ बायपास, नदी किनारे-किनारे मुरलीपुरा, यहां से सदावल, सीवेज फार्म, कार्तिक मेला, कालिदास उद्यान से रणजीत हनुमान मंदिर मार्ग पर सोमतीर्थ पर समापन एवं तत्पश्चात् आरती एवं प्रसादी का आयोजन होगा। आपने आगे बताया कि क्षिप्रा को प्रवाहमान बनाने के लिए नदी की सहायक नदियों पर कार्य किया जाना आवश्यक है। इस अभियान से जुड़े सदस्यों ने चंद्रभागा के अलावा दुधेश्वरी, गांगी, पिंगला, फल्गू, नरवर गंगा, अलूनी, नीलगंगा सहित 22 से ज्यादा सहायक नदियों और जल स्त्रोतों को चिन्हित किया है जिन पर कार्य होना है। नरवर सहित अन्य स्थानों पर भी कार्य प्रारंभ हुआ है।
इस बारे में क्षिप्रा नदी संरक्षण अभियान के सदस्य सोनू गहलोत ने बताया कि यात्रा के दौरान जहां चंद्रभागा नदी का जल लेकर क्षिप्रा तट स्थित सोमतीर्थ में अर्पित किया जायेगा, वहीं स्थान- स्थान पर पौधारोपण भी किया जायेगा। वहीं जन सहयोग से बनाए गए स्टाप डेम का लोकार्पण और भूमि पूजन होगा।
इस दौरान हिमालय मैन, प्रसिद्ध पर्यावरणविद् पद्मश्री डॉ. अनिल प्रकाश जोशी जी का सानिध्य भी प्राप्त होगा । संत समाज के नेतृत्व में निकल रहीं इस यात्रा का उद्देश्य भी यही है कि आस पास के ग्रामीण जन सहित नगरवासी नदी को लेकर जागृत हो। अपने खेतों में जहां जगह हो वहां तालाब बनाने का कार्य करें साथ ही नदी के किनारों पर पौधारोपण करें एवं विभिन्न पर्वों और मांगलिक कार्यक्रमों के दौरान नदी का पूजन करें। श्री गहलोत ने आगे बताया कि नदी पर कच्चे और पक्के स्टाप डेम का निर्माण जन सहयोग से किया जा रहा है। साथ ही नदी के दोनों किनारों पर 50 हजार से ज्यादा पौधे लगने वाले हैं, इस कार्य में भी जन सहयोग लिया जा रहा है। 10 जून को यात्रा के दौरान लगभग 1 हजार पौधे रोपे जायेंगे और यह अभियान सतत जारी रहेगा।
चंद्रभागा नदी पुनर्जीवन अभियान के प्रभारी श्री पुष्पेंद्र शर्मा ने बताया कि सिंहस्थ 2016 के समय क्षिप्रा एक्शन परिवार के प्रणेता मुनि स्वामी चिदानंद जी सरस्वती द्वारा आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी एवं म.प्र. के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान जी की उपस्थिति में अगले सिंहस्थ में क्षिप्रा के जल से ही स्नान करवाने का संकल्प दिलाया गया था। क्षिप्रा की सहायक नदी चंद्रभागा पर श्रमदान करने के लिए पहुंचे उज्जैन के लोकप्रिय सांसद अनिल फिरोजिया ने घोषणा की कि वह चंद्रभागा सहित सभी सहायक नदियों के पुनर्जीवन अभियान में सहभागिता प्रदान करेंगे और राज्य एवं केंद्र सरकार से उचित सहयोग दिलवाएंगे।
चंद्रभागा नदी किनारे मुरलीपुरा क्षेत्र में प्रति रविवार को आयोजित श्रमदान के क्रम में 4 जून को भी बड़ी संख्या में ग्राम एवं नगरवासी वहां पहुंचे। इस दौरान वहां पहुंचे सांसद श्री अनिल फिरोजिया जी, महामंडलेश्वर एवं चार धाम मंदिर के संस्थापक स्वामी शांति स्वरूपानंदजी महाराज, वाल्मीकि धाम के संस्थापक परम पूजनीय उमेशनाथ जी महाराज, भरतरी गुफा के पीठाधीश्वर परम पूजनीय राम नाथ जी महाराज ने वहां पर एक पौधा लगाया और नदी की पूजा अर्चना की।
चंद्रभागा से आशा जगी अगला सिंहस्थ क्षिप्रा जल से होगा
महामंडलेश्वर संत शांतिस्वरूपानंद जी ने कहा कि यह जलधारा प्रकट होना बहुत ही खुशी की बात है और यदि अन्य स्थानों पर भी इस प्रकार के जन सहयोग से कार्य हो जाते हैं तो आने वाले समय में शिप्रा फिर से बहने लग जाएगी और आने वाला सिंहस्त का आयोजन शिप्रा के जल से ही होगा। इस अवसर पर सांसद फिरोजिया जी ने अपने मद से स्टाप डेम बनाने की घोषणा की। इस अवसर पर श्री वैदिक गौलोक सनातन पीठ पीठाधीश्वर परम पुज्य स्वामी श्री सान्दीपेन्द्र राधेशरण जी महाराज, मनोरमा भारती (जूना अखाड़ा) गादीपति श्री सिद्धवीर हनुमान मंदिर, कार्तिक मेला प्रांगण उज्जैन सहित पूर्व पार्षद श्री राजश्री जोशी, सीए संजय अग्रवाल, राजेंद्र जोशी, मुकेश जोशी सहित अन्य लोग उपस्थित थे।