पीछे के गेट से राशि लेकर पंडे पुजारी करवाते रहे दर्शन
उज्जैन, अग्निपथ। गढक़ालिका मंदिर में दर्शन को आये 3 श्रद्धालु शनिवार दोपहर गर्मी के चलते बेहोश हो गये। तबीयत खराब होने पर उनको ऑटो में डालकर जिला अस्पताल ले जाना पड़ा। मंदिर में भीड़ होने का फायदा भी मंदिर के पंडे पुजारी उठा रहे हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच उनको पीछे के गेट से दर्शन करवा कर राशि वसूल कर रहे हैं।
शनिवार को गढक़ालिका मंदिर में दर्शन के लिये भीड़ का सैलाब उमड़ पड़ा। हालत यह हो गई कि मंदिर में दर्शन के लिये श्रद्धालुओं ने पंडितों को राशि देकर पीछे के गेट से प्रवेश करना शुरु कर दिया। लेकिन जो श्रद्धालु लाइन में लगकर नियम अनुसार दर्शन कर रहे थे। उनको भीषण गर्मी में धूप में खड़ा होना पड़ रहा था। इसी दौरान बाहर के शहर से दर्शन को आये 3 श्रद्धालु गर्मी की तपन के कारण बेहोश हो गये। तत्काल उनको ऑटो में डालकर जिला चिकित्सालय पहुंचाया गया, जहां उनको उपचार चल रहा है।
भीषण गर्मी में छांव की व्यवस्था नहीं
शनिवार को भी सूर्य देवता अपना रौद्र रूप दिखाते रहे। भारी उमस और गर्मी के बीच प्रशासन ने यहां पर छांव की व्यवस्था भी नहीं की है। छांव की व्यवस्था नहीं होने से शनिवार, रविवार और सोमवार को होने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ को लाइन में लगकर इसका सामना करना पड़ता है। लेकिन प्रशासन केवल मंदिर के अंदर की व्यवस्थाओं को ही देख रहा है। मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं की क्या हालत है। इसका सही अंदाजा उसको नहीं है।
पुलिस की व्यवस्था नहीं
जिला प्रशासन को मालूम है कि उज्जैन में शनिवार, रविवार और सोमवार को बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ती है। लेकिन बड़े मंदिरों को छोडक़र दूसरे अन्य मंदिरों में दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं के लिये इसके द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है। शनिवार को भी गढक़ालिका मंदिर में पुलिस नाम की कोई चीज यहां पर मौजूद नहंी थी। ऐसे में श्रद्धालुओं में आपस में विवाद हो जाय, तो इसके निपटारे के लिये पुलिस मौजूद नहीं मिलेगी।
पीछे का गेट बना कमाई का जरिया
गढक़ालिका मंदिर में प्रवेश के लिये दो गेट हैं। एक मुख्य प्रवेश द्वार तो दूसरा निर्गम गेट माना जाता है। यहां पर चैनल गेट लगा हुआ है। रात्रि में दर्शन करने वाले यहीं से माता रानी के दर्शन करते हैं। इसी निर्गम गेट का फायदा शनिवार को यहां के पंडे पुजारियों ने कमाई के जरिये के रूप में अपनाया। भीड़ की रेलमपेल का फायदा उठाते हुए उन्होंने पीछे के गेट से श्रद्धालुओं को प्रवेश करवा कर खूब माल कूटा। बाकी श्रद्धालु जोकि पैसे देने में असमर्थ थे, उनको भीषण गर्मी में तपकर मां गढक़ालिका के दर्शन हुए।