राज्य सायबर टीम ने भोपाल से किया गिरफ्तार
उज्जैन, अग्निपथ। कारोबारी के खाते से गायब हुए लाखों रूपयों का ऑनलाइन ट्रांजेक्शन उसके यहां काम करने वाले अकाउंटेंट ने किया था। राज्य सायबर सेल ने आरोपी को भोपाल से गिरफ्तार कर तीन दिनों की रिमांड पर लिया है। अकाउंटेंट ने रूपये ऑनलाइन सट्टे में उड़ा दिये हैं।
27 अप्रैल को सिंधी कालोनी में रहने वाले जूता-चप्पल कारोबारी सुरेश पिता गोविंदराम रंगवानी ने राज्य सायबर सेल में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके खाते से पिछले 4-5 माह में 10 लाख 30 हजार से अधिक का गलत तरीके से ट्रांजेक्शन कर लिया गया है। एक्सिस बैंक से स्टेटमेंट निकालने पर धोखाधड़ी की जानकारी सामने आई है। उसके पास किसी का कॉल नहीं आया था, नाही उसने किसी लिंक को ओपन की ओटीपी बताया है।
राज्य सायबर सेल ने मामले में प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की। निरीक्षक रीमा कुरील, एसआई अमित परिहार, एएसआई हरेन्द्रपाल राठौर की टीम ने तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर पाया कि 55 लाख का ट्रांजेक्शन कोटक महिन्द्रा बैंक के खाते में हुआ है। खाताधारक पता करने पर सामने आया कि कुणाल पिता हेमंत कटारिया निवासी बैरागढ़ भोपाल का है।
जानकारी सामने आई कि कुणाल कारोबारी के यहां अकाउंटेंट का काम करता था और कुछ दिनों से लापता है। राज्य सायबर की टीम उसकी तलाश में भोपाल पहुंची और शनिवार को गिर तार कर उज्जैन लाया गया। जिसे न्यायालय में पेश कर तीन दिनों की पूछताछ के लिये रिमांड पर लिया गया है।
अक्टूबर 2022 से कर रहा था काम
राज्य सायब सेल निरीक्षक रीमा कुरील ने बताया कि आरोपी कारोबारी के यहां अक्टूबर 2022 से अकाउंटेंट का काम कर रहा था। वह मूलरूप से भोपाल का रहने वाला है और सिंधी कालोनी में नानी के साथ रहता था। वह इंदौर से सीए की पढ़ाई कर रहा है। भोपाल से इंदौर की दूरी अधिक होने उज्जैन नानी के पास रहने आ गया था। इस दौरान उसने पार्ट टाइम जॉब शुरु किया था। उसे इंटरनेट बैंकिंग का अच्छा ज्ञान था। कारोबारी ने विश्वास कर उसे ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का काम सौंप दिया था। जिसका फायदा उठाकर उसने 10 लाख 30 हजार की धोखाधड़ी कर दी।
क्रिकेट आईपीएल सट्टे में हारा रूपये
प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने कबूल किया कि उसने 4-5 माह में रूपयों का ट्रांजेक्शन करते हुए पिछले माह क्रिकेट आईपीएल मैच पर ऑनलाइन सट्टा लगाया था, जिसमें हार गया। कुछ पैसा ऑनलाइन गेम में हार गया था। उसने बताया कि इंटरनेट बैकिंग एप का उपयोग कर राशि निकाली थी। जिसे 5-5 अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर की थी।