2 को माधव नगर भेजा, एक-एक कैंसर यूनिट और जिला चिकित्सालय की ओपीडी देखेंगे
उज्जैन, अग्निपथ। जिला अस्पताल के दंत चिकित्सा विभाग में 10 डॉक्टर्स अपनी सेवाएं दे रहे थे। इनमें से दो नियमित और बाकी 8 बांडेड डॉक्टर्स थे। दैनिक अग्निपथ ने अपने 25 अप्रैल के अंक में इतनी बड़ी डॉक्टर्स की फौज एक ही जगह पदस्थ करने पर आपत्ति उठाई थी। लिहाजा अब जाकर सिविल सर्जन की आंख खुली है और उन्होंने इनमें से चार डॉक्टर्स को इधर से उधर किया है।
25 अप्रैल को ‘जिला चिकित्सालय के दंत चिकित्सा विभाग में 10 डॉक्टर्स की फौज’ नाम से समाचार का प्रकाशन किया गया था। 9 जून को सिविल सर्जन डॉ. पीएन वर्मा ने एक आदेश जारी करते हुए 8 बांडेड डॉक्टर्स में से डॉ. अश्विन बघेल और डॉ. पूनम दुबे को माधव नगर अस्पताल में पदस्थ किया है। वहीं इनमें से ही डॉ. महती भास्कर को कैंसर यूनिट जिला अस्पताल और डॉ. सौम्या खरे को जिला चिकित्सालय की ओपीडी देखने के लिये आदेश निकाला है। ज्ञात रहे कि इसके पूर्व जिला अस्पताल में दंत चिकित्सा विभाग प्रभारी डॉ. आरती मेनिया, और डॉ. रूद्रप्रताप गुप्ता नियमित डॉक्टर्स में रूप में पदस्थ हैं। इसके अलावा यहां पर 8 बांडेड डॉक्टर्स डॉ. रावल पाटीदार, डॉ. अश्विनी बघेल, डॉ. अनुज व्यास, डॉ. पूजा दुबे, डॉ. महति भास्कर, डॉ. सौम्या खरे, डॉ. परिधि गौड़, डॉ.फरहत लोहावाला भी पदस्थ थे। ऐसे में कुल जमा 10 डॉक्टर्स दंत चिकित्सा विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे थे। लेकिन अब इनमें से 4 डॉक्टर्स को दूसरी जगह सेवाएं देने के लिये लगाया गया है।
माधव नगर में अब हो जायेंगे 5 डॉक्टर्स
माधव नगर अस्पताल 24 घंटे केवल तीन डॉक्टर्स डॉ. एचपी सोनानिया, डॉ. दबोरिया और डॉ. देवेश पांडे के भरोसे चल रहा है। यहां पर डॉक्टर्स की बेहद कमी बनी हुई है। पीआईसीयू और एचडीयू वार्ड के साथ ही जनरल वार्ड का अलग उदघाटन कर दिया गया है। ऐसे में यहां पर बड़ी संख्या में डॉक्टर्स पदस्थ करने की दरकार है। माधव नगर में डॉ. बघेल और डॉ. दुबे की पदस्थी करने के बाद यहां पर कुल जमा 5 डॉक्टर्स हो जायेंगे। जोकि इमरजेंसी और आईसीयू संचालित करने में अपना सहयोग प्रदान करेंगे।
बाकी बचे बांडेड डॉक्टर्स को भी काम पर लगाओ
दंत चिकित्सा विभाग में अभी भी 4 बांडेड डॉक्टर्स अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जबकि यहां पर प्रतिदिन केवल 24 ओपीडी निपटाई जा रही है। जिसको केवल दो नियमित डॉक्टर्स ही यह काम कर सकते हैं। ऐसे में बाकी बचे 4 बांडेड डॉक्टर्स को भी अन्य खाली जगहों पर पदस्थ कर डॉक्टर्स की कमी को दूर किया जा सकता है। ज्ञात रहे कि बांडेड डॉक्टर पीजी करने के लिये बांड पर नौकरी करने के लिये आते हैं। यहां 1 साल नौकरी करने के बाद ही उनको पीजी करने की पात्रता शासन प्रदान करता है। 1 साल बांड भरकर सेवा नहीं करने वाले पीजी करने वाले डॉक्टर्स को शासन को 10 से 15 लाख रुपये तक चुकाने पड़ते हैं। इसके बाद ही उनको पीजी करने की पात्रता मिल पाती है।