बच्चे-महिलाएं साइबर क्राइम की शिकार ज्यादा

पुलिस की सलाह- व्यक्तिगत जानकारी शेयर ना करें, अनजान को फ्रेंड रिक्वेस्ट ना तो भेजें और ना स्वीकारें

उज्जैन, अग्निपथ। आजकल बच्चों में एवं महिलाओं में मोबाइल का चलन ज्यादा होने से वह आए दिन जानकारी के अभाव में साइबर अपराधियों के शिकार हो रहे हैं इसके लिए आवश्यक है कि उन्हें जागरूक किया जा कर अच्छाई एवं बुराई की जानकारी दी जाए कोई भी वेबसाइट पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी शेयर ना करें किसी भी अनजान व्यक्ति अथवा मित्र को फ्रेंड रिक्वेस्ट ना तो भेजें और ना स्वीकार करें

उपरोक्त महत्वपूर्ण बातें एडीजी डॉं.वरूण कपूर द्वारा ओजस्वी अभियान के अंतर्गत उज्जैन के शासकीय एवं अशासकीय स्कूलों के लगभग 500 प्राचार्य को साइबर अपराध को लेकर बच्चों को सतर्क एवं जागरूक करने के लिए कालिदास अकादमी में आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुये कहीं अपने प्राचार्य को प्रशिक्षित करते हुए कहा कि बुलिंग, फिशिंग, स्टॉंकिंग, ग्रुमिंग के बारे में बताया कि सायबर अपराध की घटनाये दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है । महिलायें एवं बच्चें सायबर अपराधियों के आसान शिकार होते हैं क्योंकि उन्हें अच्छे-बुरे का अन्तर करना नहीं आता । हमें इस पर गंभीरता से सोचना होगा और प्राचार्यगण एक ऐसा माध्यम से जो स्कूली बच्चों को सायबर अपराध से बचने के लिये जागरूक कर सकते हैं ।

सायबर अपराधों को नियंत्रित करने व इसके दुष्प्रभावों से बचने का सबसे सशक्त माध्यम-जागरूकता है और प्राचार्यगण यदि इस दिशा में कार्य करते हैं तो बच्चों को सायबर अपराध का शिकार होने से बचा सकते हैं । आजकल बच्चों द्वारा इंटरनेट के माध्यम से पढ़ाई के साथ ही सोशल मीडिया पर काफी समय व्यतीत किया जा रहा है साथ ही बच्चों में ऑनलाईन गेमिंग की प्रवृत्ति दिनों-दिन बढ़ती जा रही है जो उनके भविष्य के लिये घातक हो सकती है । सायबर अपराध क्या है इससे वे अनभिज्ञ ही होते हैं । बच्चों को जागरूक करने के लिये आप अपने स्तर पर उन्हें समझायें कि इंटरनेट का उपयोग आवश्यकतानुरूप अपनी पढ़ाई के लिये करें और सोशल मिडिया/ऑनलाईन गेमिंग के लिये समय निर्धारित करें । सायबर स्पेश का उपयोग करते समय शार्टकट एवं लालच से बचे । जॉंच पड़ताल के बिना किसी भी साफ्टवेयर/एप/गेम को डाउनलोट/इंस्टाल न करें । कभी भी अनजान व्यक्ति के द्वारा भेजी गयी लिंक को क्लिक न करें । किसी भी वेब साईट्स पर अपनी निजी जानकारी शेयर न करें। सोशल मिडिया में अपनी प्रोफाईल को लॉक रखें । मजबूत पासवर्ड बनाये और समय समय पर बदलते रहे। सुरक्षित नेटवर्क का उपयोग करें ।

विश्वसनीय साईट्स का ही उपयोग करें । सोशल मिडिया सायबर अपराधियों के लिये व्यक्तिगत जानकारी चुराने का सबसे बड़ा माध्यम है । अनजान व्यक्तियों को न तो फ्रेण्ड रिक्वेस्ट भेजे और न ही फ्रेण्ड रिक्वेस्ट स्वीकार करें । पूरी जॉंच पड़ताल के बाद ही फ्रेण्ड रिक्वेस्ट को स्वीकार करें । सोशल मिडिया पर आने वाली किसी पोस्ट को बिना जॉंच पड़ताल और सत्यता की जॉंच किये बिना लाईक, शेयर फारवर्ड न करें क्योंकि सोशल मीडिया पर आने वाली अधिकांश पोस्ट सही नहीं होती है।

प्राचार्यगणों ने अपनी जिज्ञासा प्रश्नों के माध्यम से रखी जिनका समाधान डॉं. कपूर ने सहजता से किया । कार्यशाला के अंत में जिला शिक्षा अधिकारी आनंद शर्मा द्वारा. डॉं. वरूण कपूर को प्रमाण पत्र भेट किया गया। कार्यशाला को सफल बनाने में निरीक्षक श्रीमती पूनम राठौर व उनकी टीम के सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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