अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव : शिवसंभवम् में इस बार विचित्र वीणा वादन, कुचिपुड़ी नृत्य

22 को सुधाकर देवले का शास्त्रीय गायन, पद्मजा विश्वरूप का विचित्र वीणा वादन और श्री गुरु राजू का कुचिपुड़ी नृत्य

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति, उज्जैन के महत्वपूर्ण आयोजन 18 वें अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव 2023 शिव संभवम के तीसरे शनिवार 22 जुलाई को नियोजित शास्त्रीय गायन, वादन और नृत्य की रसवर्षा से नटराज श्री महाकालेश्वर की आराधना होगी।

श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया कि शनिवार को शाम ७ बजे मंदिर के समीप स्थित त्रिवेणी कला एवं पुरातत्व संग्रहालय सभागृह, जयसिंहपुरा में उज्जैन के सुधाकर देवले के शास्त्रीय गायन, ग्वालियर की सुश्री पद्मजा विश्वरूप के विचित्र वीणा वादन की प्रस्तुति होगी। कार्यक्रम की संध्या का समापन बैंगलुरू के श्री गुरु राजू की कुचिपुड़ी नृत्य की प्रस्तुति से होगा।

कलाकारों का परिचय

पंडित सुधाकर देवले- पंडित देवले का जन्म एक सांगितिक परिवार में हुआ। आपने गायन की प्रारंभिक शिक्षा अपनी माता स्व. श्रीमती लता देवले से प्राप्त की 7 तत्पश्चात आपने पद्मश्री पं. जितेन्द्र अभिषेकी से गुरू-शिष्य परंपरा के अंतर्गत मुंबई एवं पुणे में रहकर गायन की शिक्षा प्राप्त की। पंडित देवले को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय छात्रवृत्ती एवं भोलाभाई मेमोरियल इंस्टीट्यूट की शिष्यवृत्ती के साथ ही ष्टक्रञ्ज द्वारा सीनियर फेलोशिप की उपाधि भी प्राप्त है।

पंडित सुधाकर देवले जाने-माने राष्ट्रीय शास्त्रीय गायक हैं, जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका, कनाडा, यूके, जर्मनी, फ्रांस, दुबई के साथ भारत में मुंबई, पुणे, गोवा, भोपाल, इंदौर, उन्नून आदि जगहों पर अपनी सम्मोहक प्रस्तुति देकर सम्मान और ख्याति अर्जित की है। आप आकाशवाणी और दूरदर्शन के ए ग्रेड कलाकार है।

सुश्री पद्मजा विश्वरूप- लगभग पाँच हजार वर्ष पुरानी ध्रुवपद शैली की निर्वाहक सुश्री पद्मजा विश्वरूप ने संगीत की प्रारम्भिक शिक्षा स्व. श्रीमती लक्ष्मीबाई गाडगीळ एवं स्व. श्री विनायक राव फडक़े से प्राप्त की। उसके बाद आपने विश्व विख्यात धुपद गायक महर्षि उस्ताद जिया फरीदुद्दीन डागर का शिष्यत्व ग्रहण किया। आपने इंदिरा कला संगीत विश्व विद्यालय खैरागढ़ से सितार वादन विषय में मास्टर डिग्री प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की।

पद्मजा को भारत सरकार एवं मध्य प्रदेश शासन द्वारा स्कोलरशिप एवं फेलोशिप प्राप्त है। आपको अनेक सम्मान एवं पुरस्कार प्राप्त है जिनमें संगीत कला रत्न सम्मान, प्रतिभा सम्मान, अंतरराष्ट्रीय ध्रुवपद समारोह वाराणसी में महाराजा बनारस द्वारा 2007 में “स्वर्ण पदक से एवं 2015 में स्वाति तिरुनाल सम्मान से सम्मानित किया गया है।

श्री गुरु राजू – आप बैंगलुरु के कुचिपुड़ी कलाकार हैं, आप गुरु सुश्री वैजयंती काशी के एक वरिष्ठ और प्रमुख शिष्य हैं, जो कई राष्ट्रीय पुरस्कारों के विजेता और सेलिब्रिटी नृत्यांगना हैं। आपने शाम्भवी डांस एन्सेम्बल के हिस्से के रूप में भारत और विदेशों (तंजानिया, युगांडा, दक्षिण अफ्रीका, मॉरीशस, दुबई, चीन, रोमानिया और इटली) में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं हैं।

Next Post

बदमाशों ने पुलिसकर्मी पर किया हमला, अस्पताल में भर्ती

Fri Jul 21 , 2023
ड्रग तस्कर को पकडऩे पहुंचे थे, दो पकड़ाए, तीसरा फरार,पुलिस ने निकाला जुलुस, हाथ जोडक़र मांगी माफी इंदौर, अग्निपथ। परदेशीपुरा थाने के दो सिपाहियों पर बदमाशों ने चाकू से हमला कर दिया। हमले के बाद गंभीर घायल एक बदमाश को उपचार के लिये शैल्बी अस्पताल भेजा गया। सूचना के बाद […]