उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के आयोजन 18 अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव शिव संभवम की चतुर्थ संध्या में पहली प्रस्तुति इंदौर की डॉ. शिल्पा मसूरकर के शास्त्रीय गायन की हुई।
इंदौर की डॉ. शिल्पा मसूरकर ने अपने शास्त्रीय गायन में राग भूपाली एकताल विलंबित लय में बंदिश प्रभु मेरा तू ही एक आधार…..और दूसरी बंदिश त्रिताल मध्यलय में देव महेश्वरा महादेव…. की प्रस्तुति दी । कार्यक्रम का समापन मिश्र पहाड़ी राग पर आधारित एक कजरी सावन की ऋतु आई रे….से किया। सुश्री मसूरकर के साथ तबला संगत श्री मृणाल नागर एवं हारमोनियम संगत श्री रोहित अग्निहोत्री ने की।
दूसरी प्रस्तुति में बैंगलुरु की सुश्री दुर्गा शर्मा कृष्णन ने अपनी प्रस्तुति में शिव जी के प्रिय रागों में से एक राग झिंझोटी में विलम्बित एकताल, मध्यलय तीनताल व द्रुत तीनताल प्रस्तुत किया। प्रस्तुति का समापन रघुपति राघव राजा राम…..धुन की प्रस्तुति से किया। आपके साथ तबला पर श्री राहुल स्वर्णकार ने संगत की।
श्रावण महोत्सव 2023 शिव संभवम की चतुर्थ संध्या की अंतिम प्रस्तुति उज्जैन की कथक नृत्यांगना बनारस एवं कुदऊसिंह घराने की डॉ. खुशबू पांचाल की हुई। सुश्री खुशबु पांचाल ने अपनी कथक नृत्य प्रस्तुति का प्रारम्भ कर्पूर गौरम करूणावतारम…. से किया एवं अपनी नृत्य गुरु डॉ. पूनम व्यास जी द्वारा रचित अर्धनारीश्वर प्रस्तुत किया।
तत्पश्चात आपने शुद्ध कथक में ताल- त्रिताल, आमद के विभिन्न प्रकार, तोड़े, चक्रदार तोड़े, चक्रदार परण, गत निकास जिसमें मयूर, बारिश, मेघ गर्जन की गत निकास का अदभुत समावेश किया। प्रत्येक प्रस्तुति में कुछ नवीनता के लिये डॉ. खुशबू पांचाल ने एक नवीन प्रसिद्ध उपज महाकाल की गत, अर्थात कथक नृत्य के गत के माध्यम से महाकाल के वैभवशाली स्वरुप का वर्णन किया, जिससे माहौल स्वत: महाकालमय हो गया।
अंत मे शिव स्तुति से आपने अपनी शिव नृत्याराधना का समापन किया। आपके साथ इस प्रस्तुति में साथी कलाकार के रूप में तबला पर सुविख्यात तबला सम्राट पं. कालीनाथ मिश्रा, लहरा एवं गायन पर श्री पंकज पांचाल एवं वायलिन पर श्री रोहित सोनवान ने की।
कार्यक्रम के प्रारंभ में मुख्य अतिथि श्रीधाम नीलगंगा के गादीपति श्री श्यामदास जी महाराज, मध्यप्रदेश जनअभियान परिषद के उपाध्यक्ष विभाष उपाध्याय, उज्जैन उत्तर से विधायक पारसचंद जैन, तुलसी मनवानी मार्केटिंग हेड गेल इण्डिया, आयोजक समिति व कलाकारों द्वारा श्री महाकालेश्वर भगवान के समक्ष दीप-प्रज्जवलन कर किया गया।
इस दौरान श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबन्ध समिति द्वारा संचालित श्री महाकालेश्वर वैदिक प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान के बटुकों द्वारा स्वस्ति वाचन किया गया। दीपप्रज्वलन के उपरांत गणमान्य अतिथियों का सम्मान प्रशासक सन्दीप कुमार सोनी, मंदिर प्रबंध समिति सदस्य राजेंद्र शर्मा गुरूजी द्वारा किया गया। गणमान्य अतिथियों द्वारा प्रस्तुति हेतु पधारे कलाकारों का सम्मान किया गया।
मंच संचालन दुर्गाशंकर सूर्यवंशी द्वारा किया गया। संगीत की इस विविधता भरी सुरीली संध्या के साक्षी बनने नगर के कलाप्रेमी दर्शक व कलाकार भी आये।
अगला कार्यक्रम 5 अगस्त को
5 अगस्त शनिवार को श्रावण महोत्सव की पांचवी संध्या में फरीदाबाद की पद्मश्री सुश्री सुमित्रा गुहा के शास्त्रीय गायन, जयपुर के श्री प्रवीण कुमार आर्य और उनके सहयोगियों के पखावज त्रिवेणी वादन एवं उज्जैन की सुप्रसिद्ध कथक नृत्यांगना सुश्री माधुरी कोडपे के कथक नृत्य की प्रस्तुति होगी।