सरकार की विकास गंगा में महाकाल महालोक भी शामिल

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भाजपा सरकार के 20 साल की रिपोर्ट कार्ड जारी की, उज्जैन जिले से सिर्फ अग्निपथ ने की सहभागिता

भोपाल, (अभिमन्युसिंह चंदेल) अग्निपथ। मध्यप्रदेश सरकार के पिछले 20 सालों की विकास गंगा में उज्जैन का महाकाल महालोक भी शामिल है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भोपाल में प्रदेश के चुनींदा मीडियाकर्मियों के बीच सरकार की उपलब्धियों की जानकारी दी, जिसमें महाकाल महालोक को प्रमुख उपलब्धियों में शामिल किया गया था।
रविवार को मिंटो हाल में अमित शाह ने प्रदेश के चुनींदा करीब 150 मीडियाकर्मियों के साथ मुलाकात की, जिसमें उज्जैन जिले से अग्निपथ अखबार को शामिल किया गया था।

शाह ने कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में भाजपा सरकार के 20 साल (2003-2023) के रिपोर्ट कार्ड की 32 पेज की बुकलेट जारी की। जिसमें बीजेपी सरकार के 20 साल और कांग्रेस के शासन काल के कामों की तुलना की गई है। शाह ने गरीब कल्याण महा अभियान की भी शुरुआत की।

कांग्रेस से मांगा हिसाब, हिम्मत है तो लाइये 50 साल का रिपोर्ट कार्ड

केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने भाजपा के विकास कार्यों की बुकलेट जारी करने के बाद कमलनाथ और दिग्विजय सिंह से कांग्रेस सरकार के कार्यकाल का हिसाब भी मांगा। शाह ने कहा, हिम्मत है तो आपके 50 साल का रिपोर्ट कार्ड लेकर आइए। कांग्रेस के लोगों को पूछना चाहता हूं कि आपने मध्यप्रदेश के साथ कितना न्याय किया, इसका हिसाब दीजिए। आंकड़े लेकर 9 करोड़ जनता के सामने आइए। उन्होंने कहा, 2004 से 14 में जब सोनिया – मनमोहन सरकार थी, मध्यप्रदेश को 10 साल में सिर्फ 1 लाख 58 हजार करोड़ दिए। मोदी जी की सरकार ने 9 साल में 8 लाख 33 हजार करोड़ रुपए मध्यप्रदेश को देने का काम किया।

जनता के सामने हिसाब रखना चाहिए

मध्यप्रदेश राज्य का गठन 1956 में हुआ। 1950 से 2003 तक 53 साल में 6-7 साल छोडक़र पूरा समय कांग्रेस का शासन रहा। आज जो दावे कर रहे, उन्हें 53 साल का हिसाब देश और मध्यप्रदेश की जनता के सामने रखना चाहिए। इन 53 साल में मध्यप्रदेश को बीमारू राज्य का टैग मिला।

क्या है गरीब कल्याण महा अभियान

गरीब कल्याण महा अभियान के तहत मध्यप्रदेश के उन 1.36 करोड़ लोगों को ब्रांड की तरह पेश किया जाएगा, जो 2015-16 के मुकाबले 2019-21 के बीच आई नीति आयोग की रिपोर्ट में गरीबी रेखा से बाहर आए। गरीब कल्याण महा अभियान के जरिए केंद्र और राज्य की गरीबी रेखा से नीचे वालों के लिए जो भी योजनाएं चलाई जा रही हैं, उन्हें घर-घर तक पहुंचाया जाएगा। ये संदेश दिया जाएगा कि 2003 से प्रदेश की भाजपा सरकार और 2014 से केंद्र और राज्य की डबल इंजन सरकार के कारण ही 1.36 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं।

कमलनाथ का ट्वीट, झूठे कामों का नहीं, असली करतूतों का हिसाब दें

सरकार के रिपोर्ट कार्ड पर कमलनाथ ने तंज कसा। उन्होंने ट्वीट कर कहा, सुना है, आज भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश में किए गए कामों का हिसाब देने वाली है। लेकिन, जनता चाहती है कि झूठे कामों का हिसाब देने के बजाए असली करतूतों का हिसाब दिया जाए।

मीडिया के सवालों पर कभी भडक़े तो कभी मुस्कुराए

सवाल: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में मध्यप्रदेश के संदर्भ में आपका और भारत सरकार का दृष्टिकोण क्या है?

अमित शाह- मध्यप्रदेश में उच्च शिक्षा का प्रचार मोदी जी और शिवराज जी के समय में हुआ है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जो क्षेत्र है, वो उच्च शिक्षा के बिना संभव नहीं है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में जो भी विकास देशभर में होगा, उच्च शिक्षा के बिना संभव नहीं है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में इसका रॉ मटेरियल, बच्चे तैयार करने, युवाओं को तैयार करने के काम यहां बहुत अच्छे तरीके से हुए हैं। मुझे मध्य प्रदेश के युवाओं की क्षमता पर विश्वास है, जरूर इस क्षेत्र में भी अपना दम दिखाएंगे और देश में अच्छा स्थान हासिल करेंगे।

सवाल- कर्नाटक और हिमाचल में आपके मुद्दे नकार दिये गये। वहां सरकार नहीं बनी, ऐसा क्या है कि एमपी की जनता इन मुद्दों को मानकर यहां भाजपा की सरकार बनाएगी?

अमित शाह- हम मणिपुर में, आसाम, उत्तर प्रदेश में दो बार जीते। पंचायत से पार्लियामेंट तक जीत का सबसे ज्यादा अच्छा रिकॉर्ड भाजपा का है। दो बार पूर्ण बहुमत की सरकार हमने बनाई।

सवाल- आपने कई मुफ्त की घोषणाएं कीं, इन्हें कैसे लागू करेंगे, बजट का क्या प्रावधान है, ऐसा क्या करेंगे कि प्रदेश की जनता पर प्रभाव नहीं पड़े?

अमित शाह – हमने ये घोषणाएं चुनाव के समय नहीं कीं। हर घर में शौचालय 2015 में आई, 2020 में हर घर नल आई, हमारी योजनाएं और चुनाव का संबंध नहीं है। रही बात गरीब को रेवड़ी बांटने वाली बात की तो गरीब को भी समझ है कि मोदी जी ने एक लाख का घर दिया और कोई 200 रुपए का बिल माफ करेगा तो वह एक लाख का घर भूलकर 200 रुपए बिल माफी पर वोट नहीं करेगा। हमारा विश्वास गरीब को गरीबी से बाहर निकालना और उसकी आय बढ़ाना है।

सवाल- आपने आज सिर्फ विकास पर बात की, ये मानें कि 2023 और 2024 के चुनाव में आप इसी मुद्दे पर आएंगे?

अमित शाह- हम चाहते हैं कि चुनाव विकास के मुद्दे पर हों। कांग्रेस की परंपरा जातिवाद, परिवारवाद और तुष्टीकरण के आधार पर चुनाव को घसीटकर ले जाना। मोदी जी ने पॉलिटिक्स ऑफ परफॉर्मेंस की नई परंपरा शुरू की है। हमने हमारे सारे एजेंडे को भी समाप्त किया है। धारा 370 को भी समाप्त किया है। राम मंदिर का निर्माण भी तेजी से हो रहा है। यहां महाकाल लोक भी बना है। हम जरूर चाहेंगे कि चुनाव डेवलपमेंट और गरीब कल्याण के मुद्दे पर हो।

सवाल- क्या भाजपा में परिवारवाद नहीं है, इस पर क्या कहना है?

अमित शाह- परिवारवाद की जब हम बात करते हैं तो पार्टी की मिल्कियत की बात करते हैं। आप क्या कह सकते हैं कि भाजपा मध्यप्रदेश की मिल्कियत कोई परिवार की है। आप मुझे बताइए, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव गुट) … मैं नेताओं के नाम नहीं लेना चाहता। परिवारवाद का मतलब है सरकार और शासन में एक ही परिवार के व्यक्ति आएंगे। कहीं इक्का-दुक्का किसी के परिवार को योग्यता के आधार पर टिकट दिया, ये परिवारवाद का मुद्दा डाइल्यूट करना है। परिवारवाद मतलब- पार्टी की मिल्कियत, सत्ता की मिल्कियत एक परिवार के हाथ में रहना।

सवाल- 2018 के चुनाव में भाजपा की सीट घटी, उस समय क्या कमी रही, जो 2023 में पूरी हो गई है?

अमित शाह- 2015 से कांग्रेस ने सोची-समझी रणनीति के तहत गुजरात, एमपी, राजस्थान और कई राज्यों में जाति के आंदोलन खड़े किए। जातिवाद का जहर जनता में घोलने का प्रयास किया। 2018 का चुनाव जातिवाद के घोले हुए जहर की परछाई में हुआ, फिर भी हमें कांग्रेस से 1 लाख वोट ज्यादा मिले। इस बार उनके 15 महीने का शासन भी देख लिया है। हम बहुत बढ़े बहुमत के साथ हम सरकार बनाने जा रहे हैं।

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