आज सावन का आखिरी सोमवार, सवारी में निकलेंगे रुद्रेश्वर

सोम प्रदोष के कारण श्री महाकालेश्वर मंदिर में भीड़ उमडऩे की संभावना

उज्जैन, अग्निपथ। 28 अगस्त को सावन का अंतिम सोमवार है। इस मौके पर भगवान महाकाल की आठवीं सवारी निकलेगी। इसी दिन सोम प्रदोष भी, ऐसे में महाकाल मंदिर में काफी संख्या में दर्शनार्थियों के पहुंचने की संभावना है।
बाबा महाकाल की आठवी सवारी 28 अगस्त सोमवार को निकलेगी। सवारी के दौरान रथ पर सवार श्री रूद्रेश्वर नया सप्तधान मुखारविंद के रूप में भक्तों को दर्शन देगें। श्रावण का अंतिम सोमवार और सोम प्रदोष होने से हजारों श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन को पहुंचेेगें।

श्री महाकालेश्वर मंदिर से श्रावण महिने के अंतिम सोमवार 28 अगस्त सोमवार को बाबा महाकाल की आठवी सवारी मंदिर परिसर से शाम 4 बजे धूमधाम से निकलेगी। सवारी के दौरान भगवान श्री महाकालेश्वर रजत पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर के रूप में विराजित होगें। वहीं हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव और नन्दी रथ पर उमा-महेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद, नवीन रथ पर श्री घटाटोप स्वरुप और दूसरे नवीन रथ पर श्री जटाशंकर और रथ पर नए स्वरूप श्री रूद्रेश्वर नया सप्तधान मुखारविंद शामिल होकर अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलेंगे।

सवारी के निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में सर्व प्रथम भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर का षोडशोपचार से पूजन-अर्चन कर भगवान की आरती होगी। इसके बाद रजत पालकी में विराजित भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर नगर भ्रमण की ओर रवाना होंगे। मंदिर के मुुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दिया जाएगा।

इसके बाद सवारी गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी होते हुए रामघाट पहुंचेगी। रामघाट पर श्री चन्द्रमोलेश्वर व श्री मनमहेश का मोक्षदायिनी मां शिप्रा के जल से अभिषेक पूजन के बाद सवारी रामघाट से रामानुज कोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिकचौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होते हुए श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी।

सोम प्रदोष का संयोग

इस बार श्रावण मास में अधिकमास होने से दो महिने के श्रावण पक्ष के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ बाबा महाकाल के दर्शनों के साथ ही नगर के अन्य शिव मंदिर व चौरासी महादेव मंदिरों में भी रही। 28 अगस्त को श्रावण का अंतिम सोमवार होने के साथ ही सोम प्रदोष होने से नगर के अन्य शिव मंदिरों में भी शिव आराधना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ रहेगी। वैसे भी श्रावण महिने में पूरी उज्जैयिनी नगरी शिवमय हो जाती है।

श्री महाकालेश्वर मंदिर विस्तारीकरण कार्य के साथ ही श्री महाकाल लोक बनने के बाद तो देशभर के शिव भक्तों की भीड़ जुटने लगी है।

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