उज्जैन, अग्निपथ। 30 अलग-अलग देशों से आये प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को श्री महाकाल महालोक का दौरा किया। उन्होंने स्मार्ट सिटी के कामकाज का अवलोकन किया।
परियोजना और जोखिम प्रबंधन पर तीन सप्ताह के अंतर्राष्ट्रीय विकास कार्यक्रम के तहत यह प्रतिनिधिमंडल आया था। यह शैक्षिक कार्यक्रम भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के तहत भारतीय लोक प्रशासन संस्थान, नई दिल्ली द्वारा आयोजित और संचालित किया जा रहा है।
जिसमे कोटे डी आइवर, अल्जीरिया, कैमरून, गाम्बिया, नाइजीरिया, टोगो, दक्षिण सूडान, उज्बेकिस्तान, कोमोरोस, दक्षिण अफ्रीका, इराक, साओ टोम गणराज्य, इक्वाडोर, म्यांमार, लाओस, युगांडा, ताजिकिस्तान, मंगोलिया, माली, कंबोडिया के प्रतिनिधि , भूटान, वियतनाम, इथियोपिया, घाना, बुरुंडी, फिलिस्तीन, मोजाम्बिक, मोरक्को, श्रीलंका, कजाकिस्तान, मेडागास्कर और सिएरा लियोन इन सभी देशों के प्रतिनिधियों द्वारा उज्जैन स्मार्ट के प्रोजेक्ट्स को करने में किन-किन तकनीकों का उपयोग लाया गया और प्रोजेक्ट्स को इंप्लीमेंट करने में आई मुश्किलों को केसे सॉल्व किया, इन सभी पर विस्तार से जानकारी प्राप्त की।
कार्यक्रम के मुख्य आकर्षणों में से एक सिंहस्थ प्रबंधन और सतत विरासत पर आधारित एक व्यापक प्रेजेन्टेशन था, जिसे उज्जैन स्मार्ट सिटी के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर निगम आयुक्त रौशन कुमार सिंह एवं स्मार्ट सिटी सीईओ आशीष कुमार पाठक द्वारा दिया गया था। प्रेजेन्टेशन ने प्रतिनिधियों को परियोजना के लक्ष्यों, उपलब्धियों और भविष्य की संभावनाओं की गहरी समझ प्रदान की।
प्रस्तुति के बाद, अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों को त्रिवेणी संग्रहालय, महाकाल महालोक और उज्जैन के एक प्रमुख धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्थल और श्री महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन कर उज्जैन की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को जाना।
विभिन्न देशों के समूह का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिनिधियों ने उज्जैन में अपनी यात्रा के दौरान प्राप्त आतिथ्य और मूल्यवान ज्ञान के लिए अपनी सराहना व्यक्त की। वे नई परियोजना प्रबंधन की गहरी समझ के साथ रवाना हुए, जिसे वे अपने स्मार्ट सिटी पहल और अन्य विकास परियोजनाओं में योगदान देने के लिए अपने संबंधित देशों में लागू करने की योजना बना रहे हैं।