अंतर्राज्यीय स्तर पर करते थे वारदात, 3 लाख के आ ाूषण मिले
उज्जैन। बीती रात वारदात की योजना बनाते हिरासत में आये 4 बदमाशों से ठगी की अपराधों का खुलासा हुआ है। बदमाश बिहार के रहने वाले है। जो बर्तन चमकाने के बहाने आभूषण ठगकर भाग निकलते थे। बदमाशों का एक साथी भाग निकला है।
एसपी सचिन शर्मा ने बताया कि 19-20 सितंबर की रात विक्रमनगर ब्रिज के नीचे छुपकर वारदात की योजना बना रहे बदमाशों की सूचना मिलने पर पुलिस ने घेराबंदी कर पकड़ा है। बदमाशों के पास से हथियारों के साथ पावडर मिलना सामने आया। बदमाशों को थाने लाकर पूछताछ शुरू की गई। इस दौरान सोना चमकाने और झांसा देकर महिलाओं के साथ ठगी करने का खुलासा हो गया।
बदमाशों ने 23 अगस्त को आईजी बंगले के पास अर्चना गुप्ता को बर्तन चमकाने का झांसा देते हुए सोने की चेन ठग ली थी। उसी दिन बदमाशों ने कोयला फाटक पर रामकन्याबाई निवासी निजातपुरा के साथ भी कान के टॉप्स, नाक का कांटा झांसा देकर निकलवा लिया था।
2 वारदात के बाद बदमाशों ने 13 सितंबर को उदयन मार्ग पर मंदिर से लौट रही शकुंतला अग्रवाल को पुलिसकर्मी होने का हवाला देकर सोने के कंगन और अगूंठी ठगने की वारदात को अंजाम दे दिया था। बदमाशों से वारदात का खुलासा होने पर उनकी निशानदेही पर ठगे गये 3 लाख के आभूषण, वारदात में प्रयुक्त 2 बाइक बरामद की गई है। बदमाशों से पूछताछ की जा रही है। गुरूवार को न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लिया जायेगा।
अलकापुरी में करने वाले थे लूटपाट
हथियारों के साथ गिर त में आये ठगी की वारदात करने वालों से विक्रमनगर ब्रिज के नीचे छुपे होने के बारे में पूछताछ की गई तो उन्होने बताया कि अलकापुरी के बंगले में डकैती डालकर लूटपाट करने वाले थे। बदमाशों ने अपने नाम विकास पिता विशुन (32), सदन पिता शंकरलाल गुप्ता (46), रोहित पिता अनिल शाह (21), शंकर पिता मोतीलाल शाह (38) निवासी पूर्णिया बिहार होने कबूल किया। मौके से भागा साथी रंजन पिता जागेश्वर शाह कटियार बिहार होना सामने आया। जिसकी तलाश की जा रही है। पुलिस ने बदमाशों के पास से एक रिवाल्वार, दो जिंदा कारतूस, तलवार और चाकू और बर्तन चमकाने का पाउडर भी जब्त किया है।
वारदात के बाइक- लाइट का उपयोग
एसपी शर्मा ने बताया कि बदमाशों से हुई अब तक की पूछताछ में सामने आया कि म.प्र. के सागर, पेटलावद, भोपाल, कटनी में ठगी को अंजाम दे चुके है। वहीं गोरखपुर उत्तरप्रदेश, बंदूी राजस्थान, थाणे महाराष्ट्र, तापी गुजरात, गोपालगंज बिहार, नासिक महाराष्ट्र, सिलीगुड़ी पश्चिम बंगाल, झांसी उत्तर प्रदेश, राची झारखंड और उड़ीसा में भी ठगी कर चुके है। वारदातों के बाद बदमाश बाइक और लाइट का उपयोग कर दिल्ली-गुजरात आ जाते थे। पूरी गैंग बिहार-गुजरात से वारदातों को अंजाम देने के लिये निकलती थी।
सुनार की दुकान पर करते थे काम
बदमाशों ने पूछताछ में बताया कि वह पहले सुनार की दुकानों पर काम करते थे। जहां उन्हे आभूषण चमकाने का पाउडर और केमिकल की जानकारी मिल चुकी थी। काम छोडक़र सभी ने गिरोह बनाया और वृद्ध महिलाओं को निशाना बनाना शुरू कर दिया। वह बिहार से अन्य राज्यों में जाने लगे और बर्तन चमकाने का प्रोडेक्ट सेल्समेन बनकर बेचने का झांसा देकर आभूषण ठगने लगे। बदमाश अकेली वृद्ध महिला को अपना शिकार बनाते थे, जो उनके झांसे में जल्द आ जाती थी।
बदमाशों ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया तरीका
ठगी और योजना बनाने का खुलासा करने के बाद पुलिस ने मीडिया के सामने बदमाशों द्वारा की जाने वाली ठगी का तरीका उनके ही द्वारा दिखाया। जिसमें बदमाशों ने पहले एक लोटा चमकाया और फिर आभूषण चमकाने का झांसा देकर चेन, चूड़ी लेकर उसे पाउडर की थैली में रख पहले से कपड़े में छुपाकर रखी दूसरी थैली से बदलने का डेमो दिया। बदमाश बड़ी चतुराई से पूरी वारदात को अंजाम देते थे और दूसरी थैली को 12 से 24 घंटे बाद खोलकर आभूषण निकालने का बोल भाग निकलते थे। उज्जैन में की गई तीनों वारदात के बाद बदमाश भोपाल भाग निकले थे। जहां से बीती रात फिर लौटकर आये थे।