मंत्री के पत्र के बाद तत्कालीन ब्रांच मैनेजर दिलीप डागर ने करवा लिया था खुद का तबादला
उज्जैन, (राजेश रावत) अग्निपथ। लेकोड़ा सहकारी सोसायटी के गबन कांड के तार मंत्री मोहन यादव से जुड़ रहे हैं। मंत्री यादव ने तत्कालीन जिला सहकारी ब्रांच मैनेजर को हटाकर निशिकांत चौहान को ब्रांच मैनेजर बनाने की सिफारिश सहकारी बैंक के प्रशासक और कलेक्टर से की थी। यह पत्र सामने आने के बाद हाई लेवल का मामला बनने के चलते तत्कालीन एमडी विशेष श्रीवास्तव भी मामले में लपेटे में आ गए हैं। पूरे मामले में 17 करोड़ से ज्यादा का घोटाला होना पाया गया है।
लेकोड़ा सेवा सहकारी सोसायटी के तत्कालीन ब्रांच मैनेजर दिलीप डागर को पद से हटाकर सहकारी बैक के पर्यवेक्षक निशिकांत चव्हाण को ब्रांच मैनेजर बनाए जाने की अनुशंसा मप्र के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने तत्कालीन कलेक्टर और जिला सहकारी बैंक के प्रशासक से 21 जुलाई 2023 को की थी। पत्र जिला सहकारी बैंक के एमडी विशेष श्रीवास्तव के पास पहुंचा था। श्रीवास्तव ने जिला सहकारी बैंक के मैनेजर को मंत्री के नाराज होने की जानकारी दी थी।
इसके बाद ब्रांच मैनेजर दिलीप डागर ने अगस्त में एमडी श्रीवास्तव से कहकर अपना तबादला खुद ही ब्रांच से मु यालय में करवा लिया था। बताया जाता है कि डागर के पद से हटने के एक माह के भीतर ही यह घोटाला उजागर हो गया। किसानों ने निशिकांत चव्हाण के खिलाफ आंदोलन करना शुरू कर दिया और जांच में आठ करोड़ से बढक़र घोटाला 17 करोड़ 56 लाख का हो गया। इस मामले में एमडी श्रीवास्तव पर गाज गिर चुकी है। उनका शाजापुर तबादला हो गया है।
एफआईआर की प्रक्रिया चल रही
जिला सहकारी बैंक के नए एमडी आरके दुबे कहना है कि घोटाले की जांच पूरी हो गई है। पैसा वसूली के लिए सहकारिता विभाग के डिप्टी रजिस्ट्रार के पाटनकर को पत्र लिखा गया है। वे सहकारिता अधिनियम की धारा 58बी के तहत वसूली के लिए कार्रवाई करेंगे। चूंकि डिप्टी रजिस्ट्रार को न्यायालय के अधिकार भी रहते हैं इसलिए उनकी कोर्ट से जो आदेश निकलेगा उसके आधार पर वसूली होगी। उन्होंने माना है कि मामले में एमडी विशेष श्रीवास्तव को भी आरोपी माना गया है।
निशिकांत की 25 बीघा जमीन, मकान और प्लाट नीलाम होंगे
जिला सहकारी बैंक के अफसरों का कहना है कि 413 किसानों के साथ धोखाधड़ी करने वाले निशिकांत चव्हाण की 25 बीघा जमीन, मकान और प्लाट सील किया जा चुका है। अब वसूली के लिए सभी नीलाम किया जाएगा। इसके अलावा तत्कालीन बैंक प्रबंधक नवीन मैथ्यूस तत्कालीन बैंक प्रबंधक, संतोष जैन, अंकित दुबे, नंदिनी साहू, जागृति मोगिया प्रीतिशा मेश्राम, अर्जुन सिंह डोडिया, वीरेंद्र सिंह बेस, प्रियंका शर्मा भी अगर घोटाले में शामिल रहे तो वसूली इनसे भी की जाएगी।
सहकारी बैंक के साथ 10 सोसायटी जुड़ी हैं
बताया जाता है कि जिला सहकारी बैंक में 172 सोसायटी और ब्रांच के साथ 10 और सोसायटी जुड़ी हुई है। ब्रांच मैनेजर राजेश सिंह कुशवाह का कहना है कि वे ढाई महीने पहले ही ब्रांच में आए हैं। बाकी नौ सोसायटी में इस तरह की कोई गड़बड़ी का मामला अभी तक नहीं आया है। केवल लेकोड़ा सहकारी सोसायटी में ही एक मामला आया है। इसकी जांच रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है।
कलेक्टर हैं जिला सहकारी बैंक के प्रशासक इसलिए हो पाई निष्पक्ष कार्रवाई
बताया जाता है कि जिला सहकारी बैंक के प्रशासक का पद कलेक्टर के पास है। चूंकि मामला जिले में किसानों से सीधा जुड़ा हुआ था। इसके चलते हंगामा होने के बाद जांच शुरू हुई तो कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने मामले का सही जांच के निर्देश दिए थे। बैंक के अफसरों ने मामले की जांच की और पूरा मामला खुल गया।
जब मैं ब्रांच मैनेजर था, तब मंत्री मोहन यादव की नाराजगी के विषय में जानकारी मिली थी। उसके बाद मैंने खुद ही अपना तबादला एमडी से कहकर करा लिया था। परन्तु उन्होंने पत्र लिखा है और मेरे स्थान पर निशिकांत चव्हाण को ब्रांच मैनेजर बनाने की अनुशंसा की है इसकी जानकारी नहीं थी।
-दिलीप डागर तत्कालीन ब्रांच मैंनेजर जिला सहकारी बैंक उज्जैन
मेरे पास बहुत से लोग अनुशंसा कराने के लिए आते हैं, विधायक और मंत्री होने के नाते अनुसंशा की है, जो पत्र वायरल हो रहा है वह चुनाव के पहले का है। जब घोटाला सामने आया तो मैंने ही पूरे मामले में अफसरों को निर्देश देकर कार्रवाई करने के लिए कहा था। इस मामले में हर दोषी के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की बात कही गई है। उसकी संपत्ति भी मैंने ही सीज कराई है। जब तक पूरी वसूली नहीं हो जाती है उसे छोड़ा नहीं जाएगा। किसानों को उनका एक-एक पैसा दिलाया जाएगा।
– मोहन यादव, उच्च शिक्षा मंत्री