मोबाइल की रोशनी में आपरेशन और इलाज की मजबूरी
उज्जैन, अग्निपथ। सोमवार की सुबह जिला अस्पताल की ओपीडी में बिजली गुल हो गई। चिकित्सकों ने मोबाईल टॉर्च की रोशनी में मरीजों को देखा तथा उपचार लिखा। हालांकि जिला अस्पताल में दो जनरेटर हैं, लेकिन मुख्य अधिकांश समय खराब रहने के कारण समय पर इसका उपयोग नहीं हो पाता। अस्पताल के जिम्मेदार भी ऐसी परिस्थिति को बदलने का प्रयास नहीं कर रहे हैं। ऐसे में कभीकभार आपरेशन के दौरान भी बिजली गुल की समस्या से डॉक्टर्स को रूबरू होना पड़ता है।
ठंड का मौसम शुरू होते ही जिला अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों में मरीजों का इजाफा होने लगा है। जिला अस्पताल की ओपीडी में भी पहले से अधिक मरीज आ रहे है। जिला अस्पताल में ही प्रतिदिन 500 से 600 मरीज विभिन्न विभागों में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। सर्दी, खांसी, निमोनिया बुखार के मरीज विभागों में तेजी से बढ़ रहे हैं।
श्वांस और अस्थमा के मरीजों की तादाद भी बढ़ी है। सोमवार की सुबह ओपीडी में बिजली गुल होने से अंधेरा हो गया था। डॉक्टर्स ने मोबाइल की रोशनी में मरीजों को इलाज का पर्चा लिखा। वहीं कुछ समय पहले जिला अस्पताल के आपरेशन थियेटर में आपरेशन के दौरान बिजली गुल होने का मामला सामने आया था, जिसमें मोबाइल की रोशनी में डॉक्टर्स को आपरेशन करना पड़ा था।
ओपीडी बढक़र 600 तक पहुंची
मौसम के करवट लेते ही अचानक मरीजों की सं या भी विभिन्न अस्पतालों में बढ़ गई है। जिला अस्पताल सहित ओपीडी में हर दिन मरीजों का इजाफा हो रहा है। प्रतिदिन 300-400 तक रहने वाले मरीज ओपीडी बढक़र 600 तक सं या पहुंच गई है। सर्दी, खांसी और बुखार के साथ-साथ त्योहारी सीजन जाने के बाद अस्थमा के मरीजों की सं या में भी काफी इजाफा हुआ है। धूल-धुएं से एलर्जी वाले मरीजों को मौसम के बदलने के कारण अच्छी खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है, जिसके चलते अन्य अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या हर दिन बढ़ रही है। यदि अस्पतालों में पहुंच रहे मरीजों के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो हर दिन मेडिसिन विभाग, त्वचा रोग विभाग, टीबी विभाग में सबसे ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं।
दूसरे जनरेटर का नहीं किया गया कनेक्शन
अस्पताल में बिजली गुल होने का कारण परिसर में लगा ट्रांसफार्मर खराब होना सामने आया था। रविवार को तेज बारिश होने के कारण यहां पर लगा ट्रांसफार्मर खराब हो गया था। जिसके चलते एक ट्रांसफार्मर से बिजली प्रदाय हो रही थी। लेकिन जिला अस्पताल में इमरजेंसी के लिये एक जनरेटर लगा हुआ है, इसका मेंटेनेंस नहीं होने के कारण अक्सर यह खराब ही रहता है।
वहंी अस्पताल प्रबंधन ने टीबी विभाग की बन रही नई बिल्डिंग के सामने लगा नया जनरेटर को चलाने की अनुमति भी विभाग के जिम्मेदारों से प्राप्त कर ली थी। इसके बावजूद इसके कनेक्शन नहीं किये गये। ज्ञात रहे कि यहां पर लगा जनरेटर काफी बड़ा है, जिससे पूरे अस्पताल को बिजली प्रदाय की जा सकती है।
टेक्नीशियनों को बुलाकर नये जनरेटर के कनेक्शन को जोड़ा जायेगा।
– डॉ. नीतराज गौड़, आरएमओ जिला अस्पताल