पास नहीं मिल पाया, सीएमएचओ-सिविल सर्जन-आरएमओ बैठे रहे कार्यालय में
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रतिवर्ष की ही तरह इस वर्ष भी मेडिकल टीमें लगायी जाना थीं। लेकिन ड्यूटी लगाये जाने में गफलत किये जाने के कारण 7 मार्च की सुबह जाने वाली टीम पूरे समय आरएमओ कार्यालय के बाहर बैठी रही। सीएमएचओ, सिविल सर्जन और आरएमओ खुद स्थिति पर नजर रखने के लिये आरएमओ कार्यालय में बैठे रहे। वहीं सुबह और दोपहर वाली टीम को महाकाल मंदिर का प्रवेश पास भी नहीं मिल पाया।
जिला अस्पताल के आरएमओ कार्यालय में पुराने दो कर्मचारियों के यहां से तबादले के बाद यहां की व्यवस्था बिगड़ गई है। दैनिक अग्निपथ पहले ही अपने पूर्व के अंक में स्पष्ट कर चुका है कि यहां पर नये कर्मचारियेां से व्यवस्था नहीं संभल पा रही है। महाकालेश्वर मंदिर में स्वास्थ्य विभाग की टीमों को 7 मार्च की सुबह 7 बजे से लगाया जाना था। लेकिन एक पूर्व कर्मचारी से ड्यूटी चार्ट बनवाया गया।
उसने एक ही कर्मचारी की कई जगह ड्यूटी एक ही समय में लगा दी। ड्यूटी चार्ट गलत बनाये जाने और एक ही कर्मचारी की कई जगहों पर एक ही समय में ड्यूटी लगाये जाने के कारण स्थिति बिगड़ गई। ऐसी स्थिति में गुरुवार की सुबह 8 बजे से ड्यूटी करने वाले कर्मचारी आरएमओ कार्यालय के बाहर एकत्रित हो गये। जोकि दोपहर 2 बजे तक यहीं पर बैठे रहे।
जबकि उनको महाकालेश्वर मंदिर में अपने ड्यूटी स्थल पर मौजूद रहना था। इनकी परेशानी का निदान करने के लिये खुद सीएमएचओ डॉ. दीपक पिप्पल, सिविल सर्जन डॉ. पीएन वर्मा और आरएमओ डॉ. नीतराज गौड़ बैठे रहे।
एक कर्मचारी की कई जगह ड्यूटी लगाई
आरएमओ कार्यालय के बाहर एक तो पास नहीं मिलने वाले और दूसरा एक ही कर्मचारी की कई जगह एक ही समय में ड्यूटी लगाये जाने के कारण भीड़ रही। डॉ. नेहा परमार, डॉ. देवेन्द्र बामनिया, सुषमा शर्मा, सुषमा कुशवाह, कपिल परमार, पायल बरांडे आदि कर्मचारियों की ड्यूटी विक्रमोत्सव और महिला दिवस में लगाये जाने के बावजूद महाकालेश्वर मंदिर में लगा दी गई। ऐसी गलती के कारण कर्मचारियों को समझ नहीं आया कि वह ड्यूटी करें तो आखिरकार कहां पर….।
पास नहीं मिल पाये
अव्यवस्था का आलम तो देखिये- स्वास्थ्य विभाग की 15 टीमों को महाकालेश्वर मंदिर में 7 मार्च की सुबह 7 बजे से ड्यूटी लगाई गई थी। लेकिन उपरोक्त अव्यवस्था के कारण सुबह और दोपहर की टीम महाकालेश्वर मंदिर नहीं पहुंच पायी थी। दूसरा कारण कर्मचारियों को पास नहीं मिलना सामने आया है। कर्मचारियों के पास सुबह तक पास भी नहीं पहुंच पाये थे। ऐसे में उनको मंदिर में प्रवेश करने के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ सकता था। यही सब देखकर कर्मचारी आरएमओ कार्यालय के बाहर अपनी परेशानी का निदान करवाने के लिये एकत्रित हो गये थे।\
इनका कहना
बाद में व्यवस्था को सुचारू कर लिया गया। पूर्व में गफलत की स्थिति बन गई थी। – डॉ. दीपक पिप्पल, सीएमएचओ उज्जैन
5-5 बेड के दो अस्पताल बनाये
स्वास्थ्य विभाग ने महाकालेश्वर मंदिर में उमडऩे वाली भीड़ के मद्देनजर इस बार दो जगह पर अस्थाई अस्पतालों का निर्माण किया है। एक अस्पताल हरसिद्धि मंदिर पर 5 बेड का बनाया गया है तो दूसरा त्रिवेणी संग्रहालय पर बनाया गया है। यहां पर भी 5 बेड का अस्पताल बनाया गया है। किसी भी स्थिति से निपटने के लिये यहां पर ए बुलेंसों को भी खड़ा किया गया है।