महाकाल मंदिर में धुलेंडी पर भस्मारती में आग, 14 पुजारी-सेवक झुलसे, गुलाल ने डाला रंग में भंग

मुंबई के फायर विशेषज्ञ आग की जांच करने महाकाल मंदिर पहुंचे

भस्मारती में होली खेलने के लिए बाहर से बुलाई थी ढाई क्विंटल गुलाल, सिलेंडर से उड़ा रहे गुलाल का केमिकल कपूर-दीपक के साथ मिलने पर भडक़ी ज्वाला

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन में हुई अग्नि दुर्घटना के पश्चात जिले में अग्निशमन की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के कारगर प्रयास किए जा रहे हैं। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के दिशा निर्देशन में महाकाल मंदिर में सुरक्षा उपायों को और मजबूत बनाने और बेहतर प्रबंधन के लिए कार्य योजना तैयार की जा रही हैं। ताकि भविष्य में इस प्रकार की अग्नि दुर्घटना दोबारा न हो। कलेक्टर-एसपी लगातार महाकाल मंदिर का मौका मुआयना कर विशेषज्ञों की राय भी ले रहे हैं।

प्रशासन की पहल पर महाकाल मंदिर में हुई अग्नि दुर्घटना पर विस्तृत जांच के लिए फोरेंसिक फायर विशेषज्ञ मुंबई नीलेश उकुंडे उज्जैन पहुंचे। सोमवार को कलेक्टर श्री सिंह ने फायर एक्सपर्ट उकुंडे के साथ बैठक कर उन्हें अग्नि दुर्घटना के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने विशेषज्ञ को जल्द बेहतर कार्ययोजना बनाने और सुरक्षा सुझाव देने के लिए कहा हैं। अग्नि दुर्घटना की मजिस्ट्रियल जांच भी जारी है।
महाकाल में आग की घटना 25 मार्च सोमवार सुबह 5.49 बजे भस्म आरती के दौरान गर्भगृह में हुई थी। इसमें पुजारी समेत 14 लोग झुलस गए। घायलों में 9 को इंदौर रेफर किया गया है। 3 को उज्जैन जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था। बाद में सभी को इंदौर भेज दिया गया था।

उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में सोमवार 25 मार्च की सुबह 5.49 बजे भस्म आरती के दौरान कपूर पर गुलाल फेंकने के कारण आग भडक़ी थी। मौके पर मौजूद पुजारी व प्रशासनिक अधिकारी इस बात की पुष्टि कर रहे हैं। कलेक्टर ने इस घटना की जांच के लिए एक कमेटी बना दी है। वह इसके कारणों पर रिपोर्ट देगी। इसके अलावा यह भी जांच करेगी कि पूजा के समय कौन सी सामग्री इस्तेमाल की गई थी। हादसे के समय मंदिर में हजारों श्रद्धालु महाकाल के साथ होली मना रहे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री के बेटे वैभव और बेटी आकांक्षा भी नंदी हॉल में मौजूद थे। घटना के वक्त आरती कर रहे पुजारी संजीव पर पीछे से किसी ने गुलाल डाला।

गुलाल दीपक पर गिरा और आग भडक़ गई। अनुमान है कि गुलाल में कोई केमिकल ऐसा था, जिससे आग भडक़ गई। गर्भगृह में लगी चांदी की परत को रंग-गुलाल से बचाने के लिए फ्लैक्स लगाए गए थे। इसमें भी आग लग गई। कुछ लोगों ने फायर एक्सटिंग्विशर से आग पर काबू पर पाया। 6 साल पहले भी महाकाल मंदिर में होली पर इसी तरह की घटना हो चुकी है। तब एक पुजारी झुलसे थे।

गुलाल के सफेद केमिकल ने पकड़ी आग, पर्दे भी जले

घटना के वक्त गर्भगृह में मौजूद पुजारी के सेवक ने बताया, ‘मैं गर्भगृह में था। कपूर आरती खत्म होने वाली थी। उस दौरान किसी ने गुलाल डाला, जिससे वहां आग लग गई। कई लोग झुलस गए। इसके बाद चांदी को बचाने के लिए आसपास लगे पर्दों में आग लग गई। मैं पार्वती माता जी के यहां खड़ा था। बहुत ज्यादा गुलाल उड़ रहा था, इसलिए पंप देख नहीं पाया। गुलाल में सफेद केमिकल होता है, उसने आग पकड़ ली।’

यह हैं घायल, सभी की हालत में सुधार

1. मनोज जोशी (43) : 30-35प्रतिशत जले थे, स्थिति में सुधार है।
2. संजय पुजारी (50) : 30-35प्रतिशत जले थे, स्थिति में सुधार है।
3. शुभम जोशी (21) : 30-35प्रतिशत जले थे, स्थिति में सुधार है।
4. आनंद (35) : 30-35प्रतिशत जले थे, स्थिति में सुधार है।
5. विकास शर्मा (40) : 25-30प्रतिशत जले थे, स्थिति में सुधार है।
6. सत्यनारायण सोनी (79) : 40-45प्रतिशत जले थे, स्थिति में सुधार है।
7. रमेश (60) : 10-15प्रतिशत जले थे, स्थिति में सुधार है।
8. चिंतामन गेहलोत (70) : 30-35 प्रतिशत जले थे, स्थिति में सुधार है।
9. सोनू राठौर (34) : 5-10 प्रतिशत जले थे, स्थिति ठीक है।
10. मास्टर अंश शर्मा (12) : 5-10प्रतिशत जले थे, स्थिति ठीक है।
11. मंगल (36) : 5-10प्रतिशत जले थे, स्थिति ठीक है।
12. कमल (44) : 5-10प्रतिशत जले थे, स्थिति ठीक है।

स्प्रेड सिलेंडर से उड़ाया जा रहा था गुलाल

मंदिर के गर्भगृह में गुलाल स्प्रेड सिलेंडर से उड़ाया जा रहा था। उन्हें रोकने वाला कोई नहीं था, जबकि गर्भगृह निरीक्षक और मंदिर के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी वहीं मौजूद थे। बड़ी संख्या में भक्त मौजूद थे। छत्तीसगढ़ के रायपुर से आई मोनिका सिंह ने बताया- ‘आरती शुरू होने के कुछ देर पहले ही पंडों ने गुलाल के पैकेट बांटने शुरू कर दिए थे।

आरती शुरू होते ही लोगों ने गुलाल उड़ाना शुरू कर दिया। कुछ ही सेकेंड में पूरा नंदी हाल व गणेश मण्डपम गुलाल से रंगीन हो गया । इस कदर गुलाल छा गया कि कुछ भी स्पष्ट नहीं दिख रहा था। तभी आग लगने की घटना हो गई। सभी को गुलाल उड़ाने के लिए किस पंडे-पुजारी ने दिया, इसकी भी जांच होनी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट में के सुझावों की भी अवहेलना

साल 2013 में शिवलिंग क्षरण को लेकर उज्जैन की सारिका गुरु ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। इसके बाद मंदिर समिति ने सुप्रीम कोर्ट के सामने क्षरण रोकने के लिए कई सुझाव रखे थे। बताया गया कि मंदिर में सिर्फ हर्बल गुलाल का उपयोग किया जाएगा, वो भी सीमित मात्रा में। हालांकि समय के साथ सभी नियम शिथिल हो गए। पिछले दो-तीन साल से मंदिर में बिना जांच के रंग और गुलाल आने लगा। इसका उपयोग होली पर गर्भगृह में भी होने लगा।

अब केवल प्रतीकात्मक होली की करेंगे मांग

महाकाल मंदिर के पुजारी महेश पुजारी ने बताया कि घटना के बाद प्रशासन से मांग रहेगी कि मंदिर में पुजारी ही प्रतीकात्मक होली खेलेंगे। साथ ही आम भक्तों के मंदिर के अंदर कोई वस्तु लेकर आने और होली खेलने पर प्रतिबंध लगाए। होली और रंगपंचमी पर भक्तों की संख्या भी निर्धारित की जाएगी। कम से कम मात्रा में रंग गुलाल का उपयोग केवल पुजारी ही करेंगे। इसके अलावा, अन्य भक्त या व्यक्ति नंदी हॉल व गणेश मंडपम में भी रंग-गुलाल लेकर आता है, तो उसे बाहर किया जाएगा।

तराना विधायक ने कलेक्टर-प्रशासक पर कार्रवाई की मांग की

महाकाल मंदिर के गर्भगृह में आग लगने की घटना पर तराना से कांग्रेस विधायक व लोकसभा प्रत्याशी महेश परमार ने कहा, ‘ऐसी घटना दुर्भाग्य की बात है। पहले भी घटना हो चुकी है, लेकिन सबक नहीं लिया। कलेक्टर और प्रशासक को तत्काल हटाना चाहिए। मुख्यमंत्री न्याय करें, अगर कार्रवाई नहीं करते हैं तो हमें मजबूरी में सडक़ पर आना पड़ेगा।

मजिस्ट्रियल जांच भी जारी

मुख्य कार्यपालन पदाधिकारी जिला पंचायत मृणाल मीना ने बताया कि घटना के सभी पहलुओं की बारीकी से जांच कर प्रतिवेदन दिया जाएगा। बताया गया हैं कि जांच में पाए गए महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्राथमिक रिपोर्ट यथा शीघ्र सौंपी जाएगी। जिसकी विस्तृत जांच रिपोर्ट भी बनाई जाएगी। जिस पर प्रभावी कार्रवाई की जा सके। अपर कलेक्टर अनुकूल जैन ने बताया कि जांच के संबंध में दुर्घटना के सभी वीडियो फुटेज का गहन अवलोकन किया जा रहा हैं। साथ ही नियमित श्रद्धालु, पुजारी और मंदिर समिति के कर्मचारियों के भी बयान लिए जा रहे हैं। इस संबंध में फायर एक्सपर्ट से भी चर्चा की जा रही हैं।

रात में कलेक्टर-एसपी मंदिर पहुंचे, सीसीटीवी फुटेज देखे

आग लगने की घटना के बाद जिला प्रशासन भी सचेत हो गया है। सोमवार देर रात को कलेक्टर नीरज कुमार सिंह और एसपी प्रदीप शर्मा ने महाकाल मंदिर पहुंचकर भस्म आरती व्यवस्था के साथ ही श्रद्धालुओं के आने-जाने का मार्ग का निरीक्षण किया। व्यवस्था की जानकारी लेकर उन्होने श्रद्धालुओं के आने व जाने के पाईंट देखे। वहीं जांच के लिए घटना वाले दिन के सारे फूटेज चैक किए है। इसके अलावा गुलाल के सैम्पल भी लिए है।

दोनो अधिकारी रात करीब 12 बजे से लेकर रात 2 बजे तक मंदिर में ही रहे। समझा जा रहा है कि आगजनी की घटना के बाद प्रशासनकई बदलाव मंदिर में करेंगे। सोमवार को दोपहर से लेकर रात तक घटना के पहले और बाद के समय के फूटेज मंदिर में लगे सीसीटीवी कैमरों में देखें है। साथ ही मंदिर के गर्भगृह व नंदी हाल में उड़ाए गए गुलाल के सेम्पल भी लिया है।

रंगपंचमी पर सिर्फ पुजारी ही खेलेंगे प्रतीकात्मक होली

महाकाल मंदिर में होली पर भस्म आरती में भस्मआरती के दौरान होली खेलते वक्त आग लगने की घटना के बाद मंदिर समिति अब रंगपंचमी को लेकर सतर्क हो गई है। रंगपंचमी पर अब कोई भी दर्शनार्थी बाहर से रंग नहीं ले जा सकेगा। होली भी सिर्फ पंडे-पुजारी ही प्रतीकात्मक रूप से खेलेंगे। कलेक्टर नीरज सिंह ने 30 मार्च को होने वाली रंगपंचमी पर्व के लिए गाइड लाइन जारी कर दी है। रंग पंचमी पर मंदिर के पुजारी पुरोहित ही महाकाल से होली खेल सकेंगे और वो भी प्रतीकात्मक। इस दौरान पण्डे पुजारी सीमित मात्रा तय मापदंडो के आधार पर रंगपंचमी पर्व मना सकेंगे। कलेक्टर सिंह ने बताया कि जो परम्परा मंदिर में वर्षों से चली आ रही है, उसका निर्वहन किया जाएगा। परम्परा के अतिरिक्त अन्य किसी सामग्री का उपयोग नहीं किया जा सकेगा।

गाइड लाइन तोड़ी तो खैर नहीं

जारी आदेश में स्पष्ट है कि रंग पंचमी पर मंदिर समिति द्वारा पूर्व में लिए गए निर्णय और कोर्ट की गाइड लाइन से ही पर्व मनाया जाएगा। जो भी मंदिर के नियम तोड़ेगा, उन पर कार्रवाई की जाएगी। रंग पंचमी पर मंदिर में आने वाले भक्त अपने साथ रंग लेकर नहीं आए। सभी को चेकिंग के बाद ही प्रवेश मिलेगा। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई होगी। पण्डे पुजारियों को रंग भी मंदिर समिति उपलब्ध करवाएगी।

सीएम बोले- ऐसी घटना दोबारा ना हो, इसका प्रबंध करेंगे, घायलों को 1-1 लाख रुपए देने की घोषणा

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव घायलों का हाल जानने के लिए उज्जैन के जिला चिकित्सालय पहुंचे। यहां उन्होंने मीडिया से भी चर्चा की। सीएम ने घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा- दोबारा ऐसी घटना ना हो, इस बात के प्रबंध किए जाएंगे। उज्जैन में घायलों से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने सभी घायलों को 1-1 लाख रुपए देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति ने भी घटना की जानकारी ली है।

प्रधानमंत्री ने मामले की जांच और आगे ऐसी घटना न हो, इसके इंतजाम करने को कहा है। उज्जैन के महाकाल मंदिर में हुए हादसे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएम डॉ. मोहन यादव से फोन पर चर्चा की। उन्होंने सभी घायलों का हालचाल पूछा और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। साथ ही घटना की जानकारी ली। सीएम ने प्रधानमंत्री को बताया कि घायल लोगों का इलाज इंदौर और उज्जैन में रहा है। उन्होंने दोनों शहरों में जाकर घायलों का हाल जाना। घायलों के बेहतर उपचार पर ध्यान दिया जा रहा है। घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं। सीएम ने राष्ट्रपति को भी घटना की जानकारी दी।

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