घाटों पर प्रशासनिक अमला रहा मुस्तैद, रामघाट-सोमतीर्थ कुण्ड व 52 कुंड में हुआ पर्व स्नान
उज्जैन, अग्निपथ। भूतड़ी अमावस्या के अवसर पर उज्जैन में विभिन्न घाटों पर हजारों की तादाद में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई।
घाटों पर श्रद्धालुओं के स्नान के लिए समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई। प्रत्येक घाटों पर प्रशासनिक अमला मुस्तैद रहा। घाटों पर सुरक्षा के दृष्टिगत कार्यपालिक दंडाधिकारियों, पुलिस और होमगार्ड के अमले ने सक्रिय भूमिका निभाई। कलेक्टर श्री सिंह द्वारा व्यवस्थाओं की सतत मॉनिटरिंग की गई।
52 कुंड में स्नान करने से मिलती है प्रेत बाधा से मुक्ति
मान्यता है कि इस दिन केडी पैलेस स्थित 52 कुंड में स्नान करने से बुरी आत्मा से मुक्ति मिलती है। 52 कुंड में सुबह से ही मध्य प्रदेश राजस्थान उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों से आये भक्तों की भारी भीड़ रही। जिसमें बड़ी संख्या में महिला पुरुष बुरी आत्मा के साए को भगाते नजर आए। इस दौरान हाथों में तलवार लोहे की चेन और चाकू से अपने आप को चोंट पहुंचाते रहे डुबकी लगाने वाले भक्त।
भारी भीड़ होने के चलते प्रशासन ने इस बार काफी अच्छे इंतजाम किए थे। गहरे पानी में जाने वालो को लगातार चेतावनी, दो पहिया और कार बस के निर्धारित स्थान पर पार्क करवाया जिससे ज्यादा जाम की स्थिति नहीं बनी। भूतड़ी अमावस्या पर 52 कुंड की मान्यता है की जिस पर भी बुरी आत्मा का साया हो और वो एक बार 52 कुंड में से सूर्य कुंड और ब्रहम कुंड में डुबकी लगाकर स्नान कर ले तो उस पर से सभी प्रकार की अला बला दूर हो जाती है।
बड़ी संख्या में लोग अमावस्या पर यहाँ पहुंचते है जिससे यहाँ माहौल भूतों के मेले जैसा लगता है। मान्यता है की 52 कुंड में डुबकी लगाने से आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है स्कन्द पुराण में भी इसका उल्लेख मिलता है सूर्य कुंड , ब्रह्म कुंड और सूर्य मंदिर यहाँ स्थापित थे।
घाटों पर किये थे विशेष प्रबंधन
कलेक्टर श्री सिंह के निर्देश पर घाटों पर चिकित्सा सेवा के लिए मेडिकल टीम मौजूद रहीं। साथ ही राम घाट, सोमती कुंड , 52 कुंड में एक एक एंबुलेंस की व्यवस्था रही। गुरुद्वारा घाट 5 बिस्तरीय अस्पताल स्थापित किया गया। जहां बीमार पड़े श्रद्धालुओं का उपचार भी किया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी उज्जैन ने मौके पर जाकर व्यवस्थाओं का अवलोकन किया। ग्रीष्म ऋतू को ध्यान में रखते घाटों में स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था भी कई गई।
जगह जगह चेंजिंग रूम बनाएं गए। वहीं कालियादेह स्थित 52 कुंड पर सुरक्षा के दृष्टिगत व्यवस्थित रूप से बैरिकेडिंग की गई। श्रद्धालु गहरे पानी में जाकर स्नान न करें इसके लिए घाटों पर मार्किंग भी कराई गई। एसडीआरएफ और होमगार्ड के अमले द्वारा सुरक्षा उपकरणों के साथ पैदल गश्ती और मोटर बोट से घाटों की सतत निगरानी की गई।