एमपीआरडीसी, राजस्व व खनिज विभाग तक को नहीं लगने दी भनक
पोलाय कला, अग्निपथ। करोड़ों की लागत से सुंदरसी जोड़ से पीपलरावा पोलायकला जोड़ तक के 11. 19 किलोमीटर लंबे मार्ग का मप्र सड़क़ विकास निगम (एमपीआरडीसी) द्वारा सडक़ निर्माण कार्य प्रगति पर है। जिले भर में खनिज चोरी के मामले चरम पर है तो वहीं इस मार्ग को भी बगैर रॉयल्टी के खनिज से संबंधित निर्माण एजेंसी द्वारा सजाया जा रहा है। इसमें रॉयल्टी को लेकर बड़ी बात तो यह सामने आई है कि एमपीआरडीसी व राजस्व विभाग से लेकर खनिज विभाग तक खनिज रॉयल्टी की कोई भनक तक नहीं है और ठेकेदार द्वारा लगभग पूरे इस मार्ग का भराव कर दिया गया है।
इस सडक़ के भराव में अधिकांश खनिज नर्मदा जल परियोजना के अंतर्गत बड़ी पाइपलाइन डालने के लिए खोदे जा रहे मटेरियल से किया गया है। सडक़ कंपनी एवं नर्मदा जल परियोजना की सांठ गांठ की पोल यह तस्वीरें बखूबी खोल रही है। एमपीआरडीसी व राजस्व से लेकर खनिज विभाग के आला अधिकारियों से जब चर्चा हुई तो मामला सामने आया कि किसी के पास खनिज की परमिशन होना पुख्ता नहीं पाया गया।
एमपीआरडीसी के जनरल मैनेजर सुरेश कुमार मनवानी से सवाल जवाब
- सवाल – इस मार्ग की क्या लंबाई है और जिसकी कितनी स्वीकृत राशि है?
जवाब – लंबाई 11.19 किलोमीटर है और लागत राशि की आपको क्या जरूरत। - सवाल – टेंडर के दौरान विभाग द्वारा ठेकेदार को निर्माण के बाबत लागत राशि तो तय की जाती होगी ना?
जवाब- इसके जवाब में उन्होंने एक पीडीएफ मैसेज किया जिसमें सुंदरसी से लेकर पीपलरावा पोलायकलां जोड़ तक के मार्ग की लागत राशि का अलग से कोई उल्लेख ही नहीं। - सवाल – आपने जो पीडीएफ भेजी हैं उसमें तो पूरे मध्य प्रदेश के टेंडर का उल्लेख है जिसमें इस मार्ग की लागत राशि अलग से नहीं है ?
जवाब – हम इसी तरह सभी टेंडर की जानकारी दे पाते हैं एक स्पेशल मार्ग की लागत राशि नहीं बता सकते। - सवाल – क्या खनिज के लिए परमिशन दी गई है?
जवाब – आपको पता होना चाहिए खनिज की परमिशन कहां से मिलती है। - सवाल – हमें पता है खनिज की परमिशन खनिज विभाग से मिलती है, पहले हमने वहीं चर्चा की है उनके पास तो कोई परमिशन नहीं है?
जवाब – हां ठीक है खनिज परमिशन कि हमारी जिम्मेदारी नहीं होती।
इधर इनसे भी इस मामले को लेकर खास बातचीत
रोड पर बिछाए गए बगैर रॉयल्टी के खनिज को लेकर दो दिनों में कई बार मोबाइल के माध्यम से पोलाय कला तहसीलदार से बात करना चाही। लेकिन उन्होंने एक बार भी फोन रिसीव नहीं किया। शुजालपुर एसडीएम से भी बात नहीं हो पाई। ऐसे में राजस्व विभाग के एक कर्मचारी ने बताया कि उसकी जानकारी के मुताबिरक खनिज विभाग से कोई परमिशन नहीं है बाकी वरिष्ठ कार्यालय पता कर लीजिए।
खनिज अधिकारी बोले
जिला खनिज अधिकारी आरिफ खान ने बताया कि इस मार्ग में खनिज उत्खनन के लिए खनिज विभाग द्वारा कोई परमिशन नहीं दी गई है। हां एमपी आरडीसी द्वारा हमारे पास अनापत्ति पत्र जरूर आया था।